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KRISHAN KUMAR : इस फिल्म से रातों रात बने सुपर स्टार फिर अचानक हुए गुमनाम, जानिए आज कहां और किस हाल में जी रहे अभिनेता कृष्ण कुमार

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‘म्यूजिक किंग’ कहे जाने वाले दिवंगत गुलशन कुमार के भाई एक्टर कृष्ण कुमार इन दिनों अपनी बेटी टिशा कुमार के निधन को लेकर चर्चाओं में हैं, लेकिन वो अचानक कहां गुम हो गए आखिर ऐसा क्या हुआ कि अचानक ही कहीं गुमनाम हो गए? उनके करियर का सूरज कैसे अस्त हुआ? चलिए आज जानते हैं आज कहां हैं ‘बेवफा सनम’ के एक्टर?

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म्यूजिक किंग’ कहे जाने वाले दिवंगत गुलशन कुमार ने अपने करियर में काफी प्रसिद्धि हासिल की, लेकिन उनके भाई और एक्टर कृष्ण कुमार के साथ ऐसा कुछ नहीं हुआ। उन्होंने भी फिल्म इंडस्ट्री में अपना करियर बनाने की खूब कोशिश की, लेकिन वो बुलंदी तक नहीं पहुंच पाए, जहां तक के उन्होंने सपने देखे थे और अपने कदम आगे बढ़ाए थे। कृष्ण कुमार ने अपने करियर की शुरुआत साल 1993 में आई फिल्म ‘आजा मेरी जान’ से की थी, लेकिन उनकी ये पहली ही फिल्म फ्लॉप रही। इसके बाद उसी साल उनकी दो और फिल्में ‘कसम तेरी कसम’ और ‘शबनम’ रिलीज हुईं दोनों फिल्म को दर्शकों का अच्छा रिस्पॉन्स मिला था। गुलशन कुमार और कृष्ण कुमार के पिता चंद्रभान कुमार दुआ दिल्ली के दरियागंज इलाके में रहने वाले थे, जो फलों की जूस की दुकान लगाया करते थे। गुलशन जब थोड़ा बड़े हुए तो घर की तंग हालत को संभालने के लिए पिता के साथ ही जूस की दुकान पर काम करने लगे तब उनका छोटा भाई कृष्ण कुमार पढ़ाई कर रहा था। गुलशन कुमार शुरू से ही एक्टर बनना चाहते थे। एक दिन उन्होंने अपने पिता से कहा, ‘मैं मुंबई जा रहा हूं, हीरो बनने’।

गुलशन कुमार ने मुंबई में एंट्री की एक हफ्ता उन्होंने गुरुद्वारे में बिताया और धक्के खाने के बाद उनको ये बात समझ आ गई कि नए चेहरों को यहां मौके मिलना आसान काम नहीं है, जिसके बाद वे दिल्ली वापस लौटे गए और फिर से जूस बेचने लगे उस समय उनको गाने सुनने का काफी शौक था, लेकिन उस समय कैसेट्स बहुत महंगे बिकते थे उन्होंने दिमाग लगाया और कैसेट्स की दुकान खोली जो चल निकला। इस काम में उनकी मदद उनके छोटे भाई कृष्ण कुमार ने भी की इसके बाद दोनों 1983 में मुंबई आ गए। जहां उन्होंने एक कंपनी खोली गुलशन कुमार भगवान शिव के बड़े भक्त थे। इसलिए उन्होंने उनके त्रिशूल शब्द से T से कंपनी का नाम टी-सीरीज रख दिया। पहली बार उनकी कंपनी को बड़ी कामयाबी 1988 में तब मिली, जब फिल्म आई ‘कयामत से कयामत तक’ इसके साउंडट्रेक टी-सीरीज ने हीं बनाए थे।

रातों-रात चमकी कंपनी की किस्मत

रातों-रात गाने सुपरहिट हो गए और टी-सीरीज देश की मशहूर कंपनी में से एक हो गई। इसके बाद अनुराधा पौडवाल से लेकर गुलशन कुमार के भक्ति गीत टी-सीरीज की कैसेट्स पूरी देश में जाने लगे अब पैसा आने लगे तो उन्होंने फिल्मों में भी पैसा लगाना शुरू कर दिया। 1990 में बतौर प्रोड्यूसर उन्होंने फिल्म ‘आशिकी’ ने बॉक्स ऑफिस पर तगड़ी कमाई की हाकांकि, गुलशन खुद तो स्टार नहीं बन पाए, लेकिन उन्होंने अपने भाई को स्टार बनाने की पूरी कोशिश की।

गुलशन ने ऐसे लॉन्च किया था भाई

गुलशन कुमार ने खुद प्रोड्यूसर बनकर साल 1991 में डायरेक्टर केतन आनंद के साथ मिलकर फिल्म ‘आजा मेरी जान’ बनाई’ जिसमें शम्मी कपूर, प्राण जैसे दिग्गजों कलाकारों को रखा गया ये फिल्म 1993 में आई थी। जिससे उन्होंने पहली बार अपने छोटे भाई कृष्ण कुमार को लॉन्च किया, लेकिन फिल्म फ्लॉप रही उसी साल फिर उनकी दूसरी फिल्म ‘कसम तेरी कसम’ आई, जो फ्लॉप रही।

ऐसे बनाया भाई को सुपरस्टार

इन फिल्मों के पिटने के बाद कृष्ण कुमार का करियर दांव पर लगने लगा। फिर गुलशन कुमार ने भाई को हिट कराने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया। उन्होंने साल 1995 में म्यूजिकल ब्लॉकबस्टर फिल्म ‘बेवफा सनम’ बनाई। जिसके लिए अनुराधा पौडवाल, सोनू निगम और उदित नारायण जैसे सिंगर से फिल्म के गाने गवाए इस फिल्म को प्रोड्यूस करने के साथ साथ उन्होंने इसका डायरेक्शन भी किया। आखिरकार ये प्रयास सफल हुआ और फिल्म ब्लॉकबस्टर साबित हुई। फिल्म में अच्छा सिला…के अलावा दिल तोड़ हंसती हो मेरा…तेरी गली विच, ये धोखे प्यार के धोखे, वफा ना रास आई, इश्क में हम तुम्हें क्या बताएं…जैसे गाने सुपरहिट साबित हुए। इन गानों को 30 साल बाद आज भी गुनगानाया जाता है। इस फिल्म में उनके साथ फिल्म अभिनेत्री शिल्पा शिरोडकर ने काम किया था। उनके अलावा अरुणा ईरानी, शक्ति कपूर और किरण कुमार जैसे कलाकार भी थे।

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ऐसे गुमनाम हो गए कृष्ण कुमार

इस फिल्म के दो साल बाद साल 1997 में गुलशन कुमार की हत्या हो गई। उस वक्त उनके बच्चे छोटे थे और पूरी टी-सीरीज कंपनी को कोई संभालने वाला नहीं था, जिसका बीड़ा कृष्ण कुमार ने अपने कंधों पर ले लिया और अपने स्टार बनने का सपना छोड़ भाई के बच्चों की परवरिश में लग गए उन्होंने एक्टिंग की दुनिया से दूरी बना ली और ऐसे एक उभरता सितारा कृष्ण कुमार कहीं गुमनाम होकर रह गए।

उन्होंने फिल्म अभिनेत्री तान्या सिंह के साथ शादी की है। इन दोनों ने मिलकर साथ में एक फिल्म भी किया है इसका नाम आजा मेरी जान है। इन दोनों को एक बेटी थी जिसका नाम तिशा कुमार है, जिनका हाल ही में 28 जुलाई 2024 को देहांत हुआ। उनकी बेटी काफी समय से कैंसर बीमारी से पीड़ित थी। तब से सोशल मीडिया पर लोग कृष्ण कुमार को सर्च करने लगे हैं। क्योंकि, अपनी बेटी के देहांत के बाद से वह लोगों को काफी इमोशनल कर दिया है।

आपको बताते चले कि, सन 1995 में आई फिल्म बेवफा सनम से उन्हें को पहचान मिली। फिर उन्होंने साल 1998 में ‘पगला कहीं का’ एलबम और 2000 में आई फिल्म ‘पापा द ग्रेट’ से एक बार फिर एक्टिंग में किस्मत आजमाने की कोशिश की, लेकिन ये फिल्म भी फ्लॉप साबित हुई। आखिरकार उन्हें समझ आ गया कि फिल्म उनके लिए हैं, लेकिन शायद एक्टिंग उनकी डेस्टिनी नहीं। उन्होंने अपने करियर में सिर्फ पांच फिल्मों में काम किया। बाद में कृष्ण कुमार फिल्म निर्माता के रूप में बॉलीवुड में काम करते रहे। कृष्ण कुमार ने इसके बाद प्रोड्यूसर के तौर पर पहचान बनाते हुए लकी, हमको दीवाना कर गए, रेडी, एयरलिफ्ट, सत्यमेव जयते, तान्हाजी, थप्पड़, थैंक गॉड, आदिपुरुष, भूल भुलैया-2, फराज, शहजादा, एक विलियन रिटर्न्स, गुमराह और एनिमल फिल्में बनाईं। इनमें कई फिल्में ब्लॉकबस्टर साबित हुईं। आखिरकार वे एक सफल प्रोड्यूसर और बिजनेसमैन साबित हुए। बताते चलें कि तिशा कुमारी कृष्ण कुमार की इकलौती बेटी हैं। वह पिछले साल एनिमल की स्क्रीनिंग में भी नजर आई थीं। उनके भतीजे भूषण कुमार और भतीजी तुलसी कुमार हैं। तिशा के चले जाने से पूरा परिवार शोक में डूबा हुआ है।

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गुलशन कुमार ने अताउल्लाह खान से मिलकर लिखी फिल्म की कहानी

‘अच्छा सिला दिया तूने’ 90 के दशक में यह गाना भारत मे जमकर पापुलर हुआ था, साथ ही पाकिस्तानी सिंगर अताउल्लाह खान के प्यार की कहानी भी। उस वक्त अताउल्लाह खान के दर्द भरे गाने पान की दुकान, कैसेट की दुकान से लेकर शादियों तक बजाए जाते थे। इसके साथ प्यार के कत्ल की कहानी भी प्रचारित कर दी गई। कहानी इस तरह थी कि अताउल्लाह खान पाकिस्तानी सिंगर और शायर है। उनकी प्रेमिका का अफेयर उनके दोस्त के साथ हो गया। धोखे से बौखलाए अताउल्लाह खान ने प्रेमिका का कत्ल कर दिया। इसके बाद उन्हें फांसी की सजा हो गई। उन्होंने ये दर्द और बेवफाई वाले गाने जेल में लिखे और गाए है। उस वक्त ज्यादातर लोगों ने इस कहानी को सच मान लिया था। इस कहानी पर गुलशन कुमार ने 1995 में एक फिल्म भी लाए जिसका नाम था बेवफा सनम। मूवी में गुलशन कुमार के भाई कृष्ण कुमार लीड थे और उनके अपोजिट शिल्पा शिरोडकर थी। कई साल बाद पता चला कि पाकिस्तान में किसी अताउल्लाह खान ने प्रेमिका का खून तो किया था लेकिन गायक अताउल्लाह खान दूसरे थे। रिपोर्ट्स थी कि गुलशन कुमार ने गानों और फ़िल्म को बेचने के लिए यह मार्केटिंग स्ट्रेजरी अपनाई थी जिसका उन्हें खूब फायदा मिला गुलशन कुमार के साथ सोनू निगम भी पॉपुलर हो गए। उनकी आवाज घर-घर पहुंची।

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