दो पति, जेठ-ससुर से संबंध और सास की हत्या.. पूजा जाटव की हैरान करने वाली कहानी

झांसी / उत्तर प्रदेश के झांसी से एक ऐसा हत्याकांड सामने आया है जिसने सबको चौंका दिया है। पूजा जाटव नाम की महिला ने साजिश, धोखे और लालच से भरी एक कहानी रचते हुए पहले पति पर गोली चलवाई, फिर लिव-इन रिलेशनशिप में रही और अंत में प्रॉपर्टी हड़पने के लिए सास की निर्मम हत्या करवा दी। यह पूरा मामला एक भावनात्मक सहारे से शुरू हुआ और हत्या, विश्वासघात और आपराधिक षड्यंत्र तक जा पहुंचा।
पूजा जाटव की शादी 2014 में रेलवे कर्मचारी रमेश से हुई थी। दोनों के बीच लगातार झगड़े होते थे। इसी बीच पूजा ने अपने पति पर जानलेवा हमला करवाया, जिसमें वह जेल भी गई। यह घटना उसकी आपराधिक प्रवृत्ति की पहली झलक थी। कोर्ट में पेशी के दौरान पूजा की मुलाकात मुलाकात झांसी के रहने वाले कल्याण से हुई। कल्याण पर भी कई मुकदमे दर्ज थे। दोनों के बीच दोस्ती और फिर प्यार हो गया। जाति अलग होने और पूजा का तलाक नही होने की वजह से दोनों ने शादी नहीं की लेकिन लिव इन रिलेशनशिप में रहने लगे। लेकिन छह-सात महीने बाद कल्याण की एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई। पूजा एक बार फिर अकेली हो गई और उसे अपने भविष्य की चिंता सताने लगी।
कल्याण की त्रयोदशी पर पूजा रोते हुए ससुराल आई और सास-ससुर के सामने खुद को अनाथ बताकर भावनात्मक सहारा मांगा। भावनात्मक रूप से कमजोर समय में परिवार ने उसे स्वीकार कर लिया. शायद यही उनकी सबसे बड़ी भूल थी. उन्होंने उसे बहू मानकर घर में रख लिया। पूजा झांसी में अब कल्याण के घर आ गई। घर में रहते हुए पूजा के संबंध अपने शादीशुदा जेठ संतोष राजपूत से हो गए। धीरे-धीरे दोनों इतने गरीब आ गए कि पहले से एक बच्चे के बाप संतोष ने पूजा से भी शादी कर ली। इस वजह से उसकी पहली पत्नी नाराज रहने लगी। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में पुलिस सूत्रों के हवाले से यह भी कहा गया है कि पूजा का अपने जेठ के ससुर के साथ भी संबंध बन गया था। पूजा और संतोष की एक बेटी भी हुई। संतोष की पत्नी रागिनी ने इस रिश्ते को स्वीकार किया लेकिन धीरे-धीरे पति का प्यार पूजा की ओर बढ़ने से वह मायके चली गई।
पूजा ने संतोष और ससुर अजय प्रताप को बहला-फुसलाकर प्रॉपर्टी बेचने और ग्वालियर शिफ्ट होने के लिए मना लिया। लेकिन सास सुशीला देवी इस फैसले के खिलाफ थीं। इस पर पूजा ने बड़ी बहन कामिनी और उसके प्रेमी अनिल वर्मा के साथ मिलकर सुशीला की हत्या की योजना बनाई। 22 जून को पूजा ने बेटी का बर्थडे मनाने के बहाने ससुर और संतोष को ग्वालियर बुलाया। 24 जून की सुबह कामिनी और अनिल बाइक से झांसी के टहरौली थाना क्षेत्र के कुम्हरियां गांव पहुंचे। पहले सुशीला को चाय पिलाई, फिर मुंह में कपड़ा ठूंसकर, हाथ-पैर बांधकर उसे नशीला इंजेक्शन दिया और गला घोंटकर हत्या कर दी। हत्या के बाद पूजा ने खुद को निर्दोष साबित करने के लिए नया नंबर लेकर परिजनों को कॉल किया। मकसद था खुद को दूर दिखाना। घर से 8 लाख रुपए के गहने और नकदी भी गायब किए गए। शुरुआत में शक बड़ी बहू रागिनी पर गया लेकिन कॉल डिटेल्स और सीसीटीवी से पूरी साजिश का पर्दाफाश हुआ।
ससुर अजय प्रताप राजपूत ने बताया कि कल्याण की मौत के बाद जब पूजा ने खुद को अनाथ बताया, तब उसे घर में रखा। लेकिन कभी अंदाज़ा नहीं था कि वो इस हद तक जा सकती है। उन्होंने कहा कि यह बहू नहीं, हत्यारिन है और उसे फांसी मिलनी चाहिए।
हत्या की सुबह पूजा की कॉल, इंजेक्शन, कपड़े, बंधे हाथ-पैर और गवाहों के बयान से केस मजबूत हुआ। पुलिस ने तीनों आरोपियों – पूजा, कामिनी और अनिल को गिरफ्तार कर लिया है। पूछताछ में सबने गुनाह कबूल कर लिया।