छत्तीसगढ़

JANJGIR CHAMPA : अब हर ग्रामीण के हाथ में पंचायत का हिसाब — मनरेगा में डिजिटल पारदर्शिता की नई पहल

क्यूआर कोड से मिलेगी गाँव के विकास की पूरी जानकारी, जांजगीर-चांपा में रोजगार दिवस पर शुरू हुआ नवाचार

जांजगीर-चांपा / ग्रामीण विकास और पारदर्शिता की दिशा में जांजगीर-चांपा जिला प्रशासन ने एक नई मिसाल पेश की है। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत अब हर ग्राम पंचायत में डिजिटल पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए क्यूआर कोड प्रणाली शुरू की गई है।

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जिले की सभी ग्राम पंचायतों में रोजगार दिवस के अवसर पर 7 अक्टूबर को इस नई पहल की शुरुआत की गई, जिसके तहत ग्रामीणों को क्यूआर कोड के माध्यम से पंचायत की विकास योजनाओं की जानकारी प्राप्त करने का तरीका बताया गया।

📱 क्यूआर कोड से मिलेगी पंचायत की हर जानकारी

अब कोई भी ग्रामीण अपने मोबाइल फोन से पंचायत भवन या अन्य सार्वजनिक स्थलों पर लगाए गए क्यूआर कोड को स्कैन कर गाँव के विकास से जुड़ी सभी जानकारी देख सकेगा।
इनमें शामिल हैं —पिछले तीन वर्षों में स्वीकृत कार्यों की सूची

खर्च की गई राशि, प्रगतिरत विकास कार्य, जॉब कार्डधारियों की संख्या, सृजित मानव दिवसों का विवरण इसके अलावा ग्रामीण अपने क्षेत्र में जल संरक्षण, पौधारोपण, कृषि आधारित परिसंपत्तियाँ और भविष्य की विकास योजनाओं की जानकारी भी प्राप्त कर सकेंगे।

कलेक्टर जन्मेजय महोबे की पहल से शुरू हुआ नवाचार

इस डिजिटल पारदर्शिता की पहल को कलेक्टर जन्मेजय महोबे के मार्गदर्शन में शुरू किया गया है। विगत दिनों कलेक्टर महोबे ने हेडसपुर पंचायत भवन पहुंचकर स्वयं मनरेगा के क्यूआर कोड को स्कैन किया और मौके पर ही पंचायत से संबंधित सभी जानकारी अपने मोबाइल में देखी।

कलेक्टर ने कहा कि “अब पंचायत स्तर पर पारदर्शिता और जवाबदेही दोनों बढ़ेंगी। ग्रामीण सीधे जानकारी देख सकेंगे, जिससे योजनाओं में उनका भरोसा और भागीदारी बढ़ेगी।”

जनजागरूकता और प्रशिक्षण के निर्देश

मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत गोकुल रावटे ने बताया कि सभी जनपद पंचायतों के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि रोजगार दिवस और ग्राम सभाओं के अवसर पर क्यूआर कोड प्रणाली की जानकारी ग्रामीणों तक पहुँचाई जाए।उन्होंने कहा कि “यह पहल ग्रामीणों को योजनाओं की निगरानी में सहभागी बनाती है। अब हर नागरिक जान सकेगा कि उसके गाँव में विकास कार्यों पर कितना और कहाँ खर्च हुआ है।”

हर गाँव में पारदर्शी विकास की दिशा में कदम

ग्राम पंचायत भवनों, स्कूलों और प्रमुख सार्वजनिक स्थलों पर क्यूआर कोड लगाए जा चुके हैं। इससे ग्रामीण समाज को एक नई तकनीकी शक्ति मिली है, क्योंकि अब हर विकास कार्य का हिसाब हर नागरिक की नज़रों के सामने होगा। जिला प्रशासन की यह पहल राज्य के लिए एक अनुकरणीय उदाहरण बन सकती है, जहाँ डिजिटल पारदर्शिता के माध्यम से ग्रामीण विकास में जनता की सीधी भागीदारी सुनिश्चित हो रही है।

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