आदिवासी परिवारों को शिक्षा, आजीविका, स्वास्थ्य और विकास के मिल रहे नए अवसर : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु

अम्बिकापुर में जनजातीय गौरव दिवस का भव्य आयोजन — राष्ट्रपति, राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने दी महत्वपूर्ण संदेश
रायपुर / अम्बिकापुर में आयोजित जनजातीय गौरव दिवस के मुख्य समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि केंद्र सरकार की ‘आदि कर्मयोगी अभियान’, ‘धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान’ और ‘प्रधानमंत्री जनमन अभियान’ देशभर में करोड़ों आदिवासी परिवारों को शिक्षा, आजीविका, स्वास्थ्य और विकास के नए अवसर प्रदान कर रहे हैं।
राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि भारत लोकतंत्र की जननी है और इसकी झलक जनजातीय परंपराओं—खासकर बस्तर के ‘मुरिया दरबार’—में स्पष्ट रूप से दिखाई देती है। उन्होंने छत्तीसगढ़, झारखंड और ओडिशा की समृद्ध जनजातीय विरासत और आपसी सांस्कृतिक जुड़ाव का उल्लेख भी किया।
राष्ट्रपति मुर्मु का संबोधन
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कार्यक्रम में कहा—
- “आदिवासी समाज की समृद्ध विरासत भारत की आत्मा में बसती है।”
- “केंद्र सरकार की योजनाएँ जनजातीय समाज को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में ऐतिहासिक कदम हैं।”
- राष्ट्रपति ने बताया कि उनके कार्यकाल के दौरान राष्ट्रपति भवन में ‘जनजातीय दर्पण’ संग्रहालय की स्थापना हुई, जिसमें आदिवासी कला, संस्कृति और विरासत को विशेष स्थान दिया गया है।
- उन्होंने छत्तीसगढ़ में जनजातीय गौरव पखवाड़ा, जनजातीय स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालय, एवं योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की सराहना की।
राष्ट्रपति ने दिल्ली में आयोजित ‘आदि कर्मयोगी’ सम्मेलन में छत्तीसगढ़ के आदिवासी विकास विभाग को मिले राष्ट्रीय पुरस्कार का भी उल्लेख किया और टीम को बधाई दी।
राज्यपाल रमेन डेका का संबोधन
राज्यपाल रमेन डेका ने जनजातीय गौरव दिवस को पहचान, सांस्कृतिक विरासत और वीर पूर्वजों को स्मरण करने का दिन बताया। उन्होंने भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती का उल्लेख करते हुए कहा—

- “बिरसा मुंडा ने नशाखोरी, अन्याय और अंधविश्वास के खिलाफ ऐतिहासिक आंदोलन खड़ा किया।”
- “‘उलगुलान’ ने जनजातीय स्वाभिमान और अधिकारों की लड़ाई को नई दिशा दी।”
राज्यपाल ने शहीद वीर नारायण सिंह, राजा गेंद सिंह, कंगला मांझी, वीर सीताराम कंवर और गुंडाधुर जैसे नायकों की गौरवगाथा को याद करते हुए कहा कि उनका योगदान सदैव अमर रहेगा।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का संबोधन
मुख्यमंत्री ने राष्ट्रपति के कार्यक्रम में शामिल होने को छत्तीसगढ़ के लिए सौभाग्य बताया।
मुख्यमंत्री ने कहा—

- “राष्ट्रपति जी ने कुछ दिन पहले नक्सल पीड़ित परिवारों से मुलाकात कर उन्हें आत्मीयता से सांत्वना दी—यह प्रदेश के लिए बड़ी बात है।”
- “जनजातीय नायकों की स्मृति को सहेजने के लिए शहीद वीर नारायण सिंह स्मारक सह-संग्रहालय का निर्माण किया गया है, जिसका लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया।”
- “यह देश का पहला डिजिटल जनजातीय संग्रहालय है।”
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री जनमन योजना के तहत 53 विकासखंडों की 2,365 बसाहटों में तेजी से विकास कार्य जारी हैं। धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के अंतर्गत 32 जिलों के 6,691 गांव लाभान्वित हुए हैं। तेंदूपत्ता संग्रहण दर 4,000 से बढ़ाकर 5,500 रुपये की गई है। चरण पादुका वितरण पुनः शुरू किया गया है। उन्होंने कहा कि नक्सलवाद अब अपने अंतिम चरण में है और मार्च 2026 तक इसके समूल उन्मूलन का लक्ष्य रखा गया है।
केंद्रीय राज्यमंत्री दुर्गादास उईके का बयान
केंद्रीय मंत्री ने कहा— “बिरसा मुंडा केवल जनजातीय समाज ही नहीं, बल्कि पूरे भारत के लिए स्वाभिमान और सामाजिक न्याय के प्रतीक थे।” उन्होंने कहा कि आजादी के अमृतकाल में जनजातीय महानायकों के स्मारक, जन्मस्थल और पूजा स्थलों के संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
आदिम जाति विकास मंत्री राम विचार नेताम का भाषण
मंत्री नेताम ने कहा— “भगवान बिरसा मुंडा की जयंती से प्रारंभ हुई जनजातीय गौरव दिवस की परंपरा अब जनजातीय इतिहास को राष्ट्रीय पहचान दिला रही है।” “151वीं जयंती के अवसर पर देशभर के जनजातीय समाज का एकत्र होना गर्व का विषय है।”
नृत्य प्रतियोगिता के विजेताओं को सम्मान
कार्यक्रम में राष्ट्रपति मुर्मु ने पुरस्कार प्रदान किए— लिंगो गोटूल मांदरी नाचा पार्टी, कोंडागांव – प्रथम स्थान (शहीद वीर नारायण सिंह लोक कला महोत्सव)
जय माता दी करमा नृत्य पार्टी, कांसाबेल – प्रथम स्थान (करम महोत्सव प्रतियोगिता)
मुख्यमंत्री साय ने राष्ट्रपति को बिरसा मुंडा के साहस पर आधारित स्मृति चिन्ह भेंट किया, जबकि राज्यपाल ने भित्तिचित्रकला से जुड़ा स्मृति चिन्ह प्रदान किया।
इस अवसर पर वित्त मंत्री ओमप्रकाश चौधरी, पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री राजेश अग्रवाल, वन मंत्री केदार कश्यप, स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े, सांसद चिंतामणी महाराज, विधायक पुरंदर मिश्रा, किरण सिंह देव, महापौर मंजुषा भगत भी उपस्थित थी





