
आशा निकेतन वृद्धाश्रम के निवासियों के लिए संवेदनशील पहल
रायपुर / वरिष्ठ नागरिकों को सम्मानजनक और सहज जीवन उपलब्ध कराने की दिशा में समाज कल्याण विभाग ने एक महत्वपूर्ण और संवेदनशील निर्णय** लिया है। अब वृद्धाश्रम में रहने वाले पात्र बुजुर्गों को पेंशन राशि प्राप्त करने के लिए बैंक नहीं जाना पड़ेगा। सीएससी प्रबंधक स्वयं आश्रम पहुंचकर आधार आधारित भुगतान (AEBAS) के माध्यम से पेंशन राशि प्रदान करेंगे।
आशा निकेतन के बुजुर्गों को मिली बड़ी राहत
रायगढ़ जिले के राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम (NSAP) के तहत मिलने वाली विभिन्न पेंशन योजनाओं जैसे वृद्धावस्था पेंशन, विधवा पेंशन, और दिव्यांग पेंशन का लाभ आशा निकेतन वृद्धाश्रम, कौहाकुण्डा में रहने वाले बुजुर्गों को नियमित रूप से मिलता है।
लेकिन अब तक पेंशन राशि निकालने के लिए उन्हें बैंक जाकर लंबी कतारों, स्वास्थ्य समस्याओं और आवागमन की दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। बढ़ती उम्र और सीमित साधनों के कारण यह प्रक्रिया उनके लिए बेहद चुनौतीपूर्ण थी।
आधार आधारित भुगतान व्यवस्था हुई शुरू
कलेक्टर रायगढ़ के निर्देश पर समाज कल्याण विभाग ने तुरंत कार्रवाई करते हुए सीएससी प्रबंधक को आदेश दिए कि हर माह 10 तारीख तक आश्रम परिसर में ही आधार प्रमाणीकरण के जरिए पेंशन राशि प्रदान की जाए।
निर्देश मिलते ही सीएससी प्रबंधक एवं संबंधित वीएलई द्वारा यह व्यवस्था सुचारू रूप से लागू कर दी गई है। अब बुजुर्गों को किसी भी प्रकार की बैंकिंग प्रक्रिया के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा।
आश्रम में ही मिलेगी पेंशन — समय, ऊर्जा और सुरक्षा का ध्यान
नई व्यवस्था लागू होने के बाद बुजुर्गों को बैंक जाने की आवश्यकता समाप्त। तय तिथि पर पेंशन सीधे आश्रम में उपलब्ध, समय व ऊर्जा की बचत, वरिष्ठ नागरिकों की गरिमा और सुरक्षा को प्राथमिकता। यह व्यवस्था उनके लिए न केवल सुविधाजनक है, बल्कि आत्मसम्मान और सुरक्षित जीवन की दिशा में एक बड़ी पहल भी है।
विभाग का उद्देश्य — “सरल, सुरक्षित और बिना परेशानी के लाभ”
समाज कल्याण विभाग के उप संचालक शिवशंकर पांडे ने बताया कि विभाग का उद्देश्य है कि वरिष्ठजनों को सभी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ सरल, सुरक्षित और बिना किसी परेशानी के मिले। नई पेंशन भुगतान व्यवस्था बुजुर्गों के जीवन में राहत और सकारात्मक बदलाव सुनिश्चित करेगी।





