CHHATTISGARH : निलंबित IAS रानू साहू, समीर विश्नोई, सौम्या चौरसिया समेत 6 आरोपी जेल से रिहा, छत्तीसगढ़ से रहेंगे बाहर

रायपुर / छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित डीएमएफ और कोयला घोटाले में फंसे 6 आरोपियों को आज बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट से सशर्त अंतरिम जमानत मिलने के बाद निलंबित IAS रानू साहू, समीर बिश्नोई, सौम्या चौरसिया, रजनीकांत तिवारी, बजेंद्र जायसवाल और संदीप नायक को आज रायपुर केंद्रीय जेल से रिहा कर दिया गया है। करीब दो साल बाद सभी आरोपी जेल से बाहर आए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इन सभी आरोपियों को यह शर्त दी है कि वे छत्तीसगढ़ राज्य से बाहर रहेंगे और जांच एजेंसियों को सहयोग देंगे।
वकील फैसल रिजवी ने जानकारी दी कि सुप्रीम कोर्ट में इस बात को लेकर बहस हुई कि 2.5 साल बाद भी विवेचना जारी है। प्रकरण में चार्ज लगी नहीं है, जिसे देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बेल दी है और शर्त रखी है कि सभी 6 आरोपियों के पासपोर्ट न्यायालय में जमा रहेंगे. आगामी आदेश तक छत्तीसगढ़ राज्य से बाहर रहेंगे और अपना पता जांच एजेंसी को देंगे।
जानिए कोयला घोटाला मामला
ईडी का आरोप है कि कोयले के परिचालन, ऑनलाइन परमिट को ऑफलाइन करने समेत कई तरीकों से करीब 570 करोड़ रुपए से अधिक का कोयला घोटाला किया गया है। इस मामले में 36 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। कोल परिवहन में कोल व्यापारियों से वसूली करने के लिए ऑनलाइन मिलने वाले परमिट को ऑफलाइन करने का आदेश खनिज विभाग के तत्कालीन संचालक IAS समीर विश्नोई ने 15 जुलाई 2020 को जारी किया था. सिंडिकेट बनाकर अवैध वसूली की जाती थी। पूरे मामले का मास्टरमाइंड कोल व्यापारी सूर्यकांत तिवारी को माना गया. जो व्यापारी 25 रुपए प्रति टन के हिसाब से अवैध रकम सूर्यकांत के कर्मचारियों के पास जमा करता था उसे ही खनिज विभाग पीट पास और परिवहन पास जारी करता था। इस तरह से स्कैम कर कुल 570 करोड़ रुपए की वसूली की गई. ED की रेड में पहले IAS समीर बिश्नोई फिर कोल कारोबारी सूर्यकांत तिवारी को गिरफ्तार किया गया था।