Chhattisgarh
रायपुर / छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल रायपुर द्वारा दसवीं का रिजल्ट जारी कर दिया गया। इस बार भी छात्राओं का प्रदर्शन अच्छा रहा। परीक्षा में जशपुर के सिमरन सबा ने 99.50 प्रतिशत लाकर राज्य में टॉपर के रूप में अपने गांव-घर जिला सहित पूरे प्रदेश का नाम रोशन किया। सिमरन इस सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और गुरुजनों को देती है।
सिमरन सबा स्वामी आत्मानंद गवर्नमेंट उत्कृष्ट इंग्लिश मीडियम विद्यालय जशपुर की छात्रा है। उन्होंने 9वी तक डीपीएस (DPS) स्कूल में पढ़ाई की है। उनके पिता शाहिद अंसारी टेलर हैं। जबकि माता सबिहा नाज गृहणी हैं। दोनों ने पढ़ाई का ऐसा माहौल घर में बना रखा है जिससे उनकी बेटी टॉपर बन गई। टेलरिंग दुकान चलाने वाले शाहिद अंसारी की दो संताने हैं। उनका बड़ा बेटा DPS स्कूल में 12वीं का छात्र है। जबकि छोटी बेटी ने इस वर्ष पूरे प्रदेश में दसवीं में टॉप किया है।
सिमरन सबा ने बताया कि रोजाना नियमित पढ़ाई और कड़ी मेहनत से उसने यह मुकाम हासिल की है। माता-पिता और शिक्षकों के मार्गदर्शन और कड़ी मेहनत से यह मुकाम हासिल हुआ है। सिमरन ने बताया की वह रोजाना लगभग 7 घंटे की नियमित पढ़ाई कर रही थी। इस दौरान शिक्षकों के द्वारा उचित मार्गदर्शन भी दिया जाता था। परिवारजनों ने भी पढ़ाई में पूर्ण सहयोग किया है साथ ही हमेशा उत्साह बढ़ाने का काम करते हुवे मनोबल बढ़ाया है। सिमरन ने बताया कि उसका सपना था कि वह राज्य स्तर पर टॉप करे आज वह सपना पूरा हो गया है।
आगे वह यूपीएससी (UPSC) की तैयारी करना चाहती है उसका सपना है कि वह आईएस (IAS) ऑफिसर बने इसके लिए कड़ी मेहनत करेगी। कक्षा 12वी में वह गणित के विषय के साथ यहीं रह कर पढ़ाई करेगी, उसके आगे उच्च शिक्षा के लिए वह बाहर पढ़ाई करेगी।
सिमरन की माता सबिहा नाज ने कहा की उन्हें खुशी है उनकी बेटी ने जो मुकाम हासिल किया है वह काफी खुशी और उत्साह भरा है। परिवार में खुशी का माहौल व्याप्त है।
वही सिमरन के पिता मो. शाहिद अंसारी ने बताया कि उनकी बेटी ने कड़ी मेहनत कर पढ़ाई की और कक्षा 10वीं में 600 में 597 नंबर लाकर टॉप किया है।सिमरन शुरू से ही पढ़ाई में अच्छी रही है। DPS स्कूल जशपुर में कक्षा 9वीं तक की पढ़ाई की है जिसके बाद कक्षा 10वीं की पढ़ाई स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल जशपुर में की है।
सिमरन कभी ट्यूशन पढ़ने के लिए नहीं गई, क्योंकि स्कूल में पढ़ाई बहुत अच्छी है। मैने कई बार ट्यूशन के लिए पूछा, लेकिन उसने मना कर दिया, क्योंकि स्कूल में शिक्षकों का अच्छा सपोर्ट मिलता था। सिमरन ने आज अपने परिवार के साथ साथ समूचे जशपुर जिले का नाम रौशन किया है।