
प्रयागराज / उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां एक दादा ने अपने ही पोते की निर्मम हत्या कर दी। यह हत्या तांत्रिक के कहने पर की गई, जो दावा कर रहा था कि नरबलि देने के बाद परिवार के क्लेश खत्म हो जाएंगे। आरोपी सरण सिंह ने अपने पोते पियूष सिंह उर्फ यश को स्कूल जाते वक्त अपने साथ ले गया और बेरहमी से उसकी हत्या कर दी। पुलिस ने आरोपी शरण सिंह (दादा) समेत तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया।
पुलिस ने जांच शुरू की तो सामने आया कि शव की पहचान 17 वर्षीय पीयूष नाम के किशोर के रूप में हुई। पीयूष करेली के सरस्वती विद्या मंदिर में 11वीं कक्षा का छात्र था। उसके पिता का पहले ही निधन हो चुका है। मंगलवार सुबह 8:30 बजे वह स्कूल जाने के लिए घर से निकला था, लेकिन दोपहर तक घर न लौटने पर उसकी माँ कामिनी देवी स्कूल पहुंची। वहां पता चला कि पीयूष स्कूल गया ही नहीं था। इसके बाद उन्होंने उसी दिन थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। सीसीटीवी फुटेज खंगालने पर पुलिस को इस वारदात का सुराग मिला और खुलासा हुआ कि हत्या किसी और ने नहीं बल्कि पीयूष के दादा शरण सिंह ने ही की है।
पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर उसके पास से हत्या में इस्तेमाल आरी और चापड़ बरामद की। पूछताछ में शरण सिंह ने सनसनीखेज खुलासा किया। उसने बताया कि 2023 और 2024 में उसके बेटे और बेटी ने आत्महत्या कर ली थी, जिससे वह मानसिक रूप से टूट गया था। इस दौरान उसने एक तांत्रिक से संपर्क किया। तांत्रिक ने उसे विश्वास दिलाया कि उसके परिवार पर जादू-टोना किया गया है और इसके लिए मृतक की दादी को जिम्मेदार ठहराया। इसी अंधविश्वास और गुस्से में उसने अपने ही पोते की बलि दे दी।
शरण सिंह ने पीयूष का अपहरण कर बेरहमी से हत्या की और शव को कई हिस्सों में काटकर अलग-अलग जगह फेंक दिया। शव का कुछ हिस्सा औद्योगिक थाना क्षेत्र से और कुछ करेली थाना क्षेत्र से बरामद हुआ। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी हत्या की पुष्टि हुई है।
पुलिस ने आरोपी शरण सिंह (दादा) समेत तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया। जिसने आरोपी को इस जघन्य अपराध के लिए उकसाया और शव को ठिकाने लगाने और वारदात को छुपाने में मदद की थी। यह घटना फिर साबित करती है कि अंधविश्वास इंसान को किस हद तक अमानवीय बना सकता है और समाज के लिए कितना खतरनाक है।