CHHATTISGARH : 13 दिसम्बर को होगा नेशनल लोक अदालत का आयोजन

प्रकरणों के निराकरण के लिए हुई बैठक, विभिन्न विभागों, बैंकों व संस्थाओं के प्रतिनिधि रहे शामिल
रायपुर / राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण राजनांदगांव के निर्देशानुसार आगामी 13 दिसंबर 2025 को होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत को सफल बनाने के लिए तहसील विधिक सेवा समिति खैरागढ़ की ओर से शुक्रवार को महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता समिति की अध्यक्ष मोहनी कंवर ने की।
बैठक में राजस्व विभाग, अधिवक्ताओं, चोलामंडलम, श्रीराम फाइनेंस, नेशनल इंश्योरेंस, विभिन्न बैंकों, नगर पालिका, बीएसएनएल तथा विद्युत विभाग के प्रतिनिधि उपस्थित रहे। बैठक व्यवहार न्यायालय खैरागढ़ परिसर में आयोजित की गई।
प्रकरणों के अधिकतम निराकरण पर दिया गया जोर
अध्यक्ष मोहनी कंवर ने बताया कि आगामी नेशनल लोक अदालत में अधिक से अधिक प्रकरणों के निराकरण का लक्ष्य रखा गया है। इस लक्ष्य को पूरा करने हेतु सभी विभागों को सक्रिय भूमिका निभाने और प्री-लिटिगेशन तथा लंबित मामलों को प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए।
बैठक में निम्न अधिकारी एवं प्रतिनिधि मौजूद रहे:
- सीजेएम निधि शर्मा
- जेएमएफसी आकांक्षा खलखो
- अंकित सिंह राजपूत – छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक
- उज्ज्वल कुमार और दीपक कुमार साहू – IDBI बैंक
- ओम प्रकाश – पंजाब नेशनल बैंक
- सूर्यकांत देवांगन – बैंक ऑफ महाराष्ट्र
- बीरेंद्र कुमार – SBI
- जे.सी. चंद्राकर – विद्युत विभाग
- कोमल ठाकुर और पियूष चंद्र यदु – नगर पालिका
- सी.आर. चूरेंद्र – BSNL
- अन्य वित्तीय संस्थाओं और पैरालीगल वालंटियर्स सहित कई प्रतिनिधि
नगर पालिका, बीएसएनएल और विद्युत विभाग ने भी अधिक से अधिक मामलों के निराकरण के लिए आवश्यक प्रयास किए जाने का आश्वासन दिया।
कौन-कौन से मामले होंगे निराकृत?
नेशनल लोक अदालत में निम्न प्रकार के प्रकरणों का निपटारा किया जाएगा—
- संपत्ति संबंधी मामले
- धन वसूली वाद
- बैंक और वित्तीय संस्थाओं के प्रकरण
- राजीनामा योग्य दांडिक मामले
- मोटर दुर्घटना दावा प्रकरण
- परिवार न्यायालय में लंबित वैवाहिक विवाद व अन्य मामले
- विशेष न्यायालय (विद्युत अधिनियम) के मामले
- राजस्व से जुड़े समझौता योग्य प्रकरण
राष्ट्रीय लोक अदालत के लाभ
लोक अदालत में प्रकरणों के निपटारे से—
- शीघ्र एवं सरल न्याय मिलता है
- दोनों पक्षों की सहमति से समाधान, इसलिए अपील की आवश्यकता नहीं
- दीवानी मामलों में कोर्ट फीस वापस
- बीमा दावों में राजीनामा होने पर तुरंत राशि जमा
- समय, धन और अनावश्यक परेशानी से बचत
- फैसला अंतिम होता है और इसके विरुद्ध अपील की आवश्यकता नहीं
- मामलों का समाधान बातचीत और आपसी सहमति से
राष्ट्रीय लोक अदालत का मुख्य उद्देश्य आम नागरिकों को सरल, सुलभ और त्वरित न्याय उपलब्ध कराना है। 13 दिसंबर को होने वाला यह आयोजन बड़ी संख्या में प्रकरणों के निपटारे की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।





