छत्तीसगढ़

CHHATTISGARH : एकता परेड में छत्तीसगढ़ की झांकी ने जीता दिल, गुजरात में दिखा बस्तर का गौरव

“बस्तर की धरती – संस्कृति, सृजन और प्रगति की गाथा” थीम पर बनी झांकी ने सबका मन मोह लिया, प्रधानमंत्री मोदी भी हुए प्रभावित

रायपुर / गुजरात के एकता नगर में सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के अवसर पर आयोजित भव्य एकता परेड में इस वर्ष छत्तीसगढ़ की झांकी ने पूरे देश का ध्यान अपनी ओर खींच लिया। “बस्तर की धरती – संस्कृति, सृजन और प्रगति की गाथा” थीम पर आधारित इस झांकी ने बस्तर के जनजातीय जीवन, लोक परंपराओं और विकास यात्रा का जीवंत चित्र प्रस्तुत किया।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने परेड में सम्मिलित सभी झांकियों का अवलोकन किया और विभिन्न राज्यों की सांस्कृतिक झलकियों की सराहना की। छत्तीसगढ़ की झांकी ने अपने सौंदर्य, प्रतीकात्मकता और सशक्त संदेश से विशेष रूप से सबका ध्यान आकर्षित किया।

झांकी के अग्रभाग में पारंपरिक वेशभूषा में सजे माड़िया जनजाति के कलाकारों द्वारा प्रस्तुत गौर नृत्य ने बस्तर की आन-बान और सामूहिकता की भावना को सजीव कर दिया। पारंपरिक तुरही और नंदी की प्रतिमा ने बस्तर की धार्मिक आस्था और शिव उपासना की झलक दिखाई।

मध्य भाग में बस्तर के विकास और परिवर्तन की यात्रा को कलात्मक रूप में दर्शाया गया। कभी नक्सलवाद से प्रभावित यह क्षेत्र अब शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क और रोजगार के क्षेत्र में नई पहचान बना रहा है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार की योजनाओं और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के मार्गदर्शन में बस्तर आज तेजी से बदलते भारत का प्रतीक बन चुका है।

झांकी के अंतिम हिस्से में टोकरी लिए महिला की प्रतिमा ने बस्तर की स्त्री शक्ति, श्रम और सृजनशीलता का प्रतीकात्मक प्रदर्शन किया। झांकी की सजावट में उपयोग की गई ढोकरा शिल्पकला ने बस्तर के कारीगरों की अद्भुत कलात्मकता को प्रदर्शित किया।

यह झांकी बताती है कि आज का नया बस्तर परंपरा, प्रकृति और विकास का सुंदर संगम बन चुका है। कभी दुर्गम इलाकों में अब सड़कों की चहल-पहल, बच्चों की पढ़ाई और महिलाओं की आत्मनिर्भरता की नई कहानी लिखी जा रही है।

एकता परेड के लिए झांकियों का चयन गृह सचिव की अध्यक्षता में गठित उच्चस्तरीय समिति द्वारा किया गया। छत्तीसगढ़ की झांकी को उसकी मौलिकता, सांस्कृतिक समृद्धि और विकास के जीवंत चित्रण के लिए चुना गया।
अंतिम सूची में एनएसजी, एनडीआरएफ, अंडमान-निकोबार द्वीप, गुजरात, जम्मू-कश्मीर, महाराष्ट्र, मणिपुर, पुद्दुचेरी और उत्तराखंड की झांकियाँ भी शामिल हुईं।

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