COVID VACCINE CERTIFICATE : कोविड वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट से गायब हुई पीएम मोदी की तस्वीर, तकनीकी खराबी या वजह कुछ और, यहां जानिए
Covid vaccine certificate
कोविशील्ड वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स के बाद अब कोविड वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। कोविशील्ड वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स की खबरें जैसे ही पूरे दुनिया में वायरल हुई, लोगों के अंदर एक डर बैठ गया। अब वहीं कोविड वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट पर पीएम मोदी की तस्वीर गायब होना भी सच में हैरान करने वाला मामला है। दऱअसल कोरोना महामारी के दौर में वैक्सीनेशन लगवाने के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा सर्टिफिकेट जारी किए गए थे, जिस पर नीचे की ओर पीएम मोदी की तस्वीर लगी होती थी। तस्वीर में ‘Together, India will defeat COVID-19’ कैप्शन होता था। हालांकि, अब कैप्शन तो मौजूद है, लेकिन पीएम मोदी फोटो गायब है।
इसी बीच संदीप मनुधाने नाम के एक एक्स (x) यूजर ने अपने कोविड वैक्सीन सर्टिफिकेट की तस्वीर शेयर करते हुए बताया कि इस पर से पीएम की फोटो को हटा दिया गया है। उन्होंने लिखा, ‘मोदी जी अब कोविड वैक्सीन सर्टिफिकेट पर नजर नहीं आ रहे हैं। इसे चेक करने के लिए अभी वैक्सीन सर्टिफिकेट डाउनलोड किया, उनकी तस्वीर इस पर से गायब हो चुकी है.’ अब ऐसे में सवाल उठाता है कि आखिर पीएम मोदी की तस्वीर को कोविड सर्टिफिकेट पर से क्यों हटाया गया है।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट से पीएम मोदी की तस्वीर इसलिए हटाई गई है, क्योंकि लोकसभा चुनाव को लेकर आदर्श आचार संहिता लागू है। यानी, हकीकत यह है कि पीएम मोदी ने या भाजपा ने इस फोटो को नहीं हटवाया है बल्कि आचार संहिता लागू होने के कारण यह तस्वीर हटाई गई है।
उन्होंने यह भी बताया कि ये तस्वीर पहली बार कोविड वैक्सीन से नहीं हटाई गई है। साल 2022 में भी ऐसा हो चुका है। 2022 में गोवा, मणिपुर, उत्तराखंड, पंजाब और उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान भी प्रधानमंत्री की तस्वीर सर्टिफिकेट से हटा दी गई थी।
क्या है वैक्सीन को लेकर विवाद
आपको बता दें कि फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका (AstraZeneca) द्वारा कोविशील्ड वैक्सीन का साइड इफेक्ट होने की बात स्वीकार करने के बाद देश के लोगों की चिंता बढ़ चुकी है। कंपनी की ओर से कहा गया है कि कोविशील्ड का वैक्सीन लेने वालों को थ्रोम्बोसिस विद थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (टीटीएस) का खतरा होने के चांस हैं। इसमें खून का थक्का बनने की वजह से ब्रेन स्ट्रोक और हार्ट अटैक हो सकता है। हालांकि, विशेषज्ञ डॉक्टरों की मानें तो कंपनी के इस बयान से घबराने की जरूरत लोगों को नहीं है। केवल लोगो को सावधान रहने की जरूरत है।
अब भारत में भी इस पर जांच की मांग की गई है। सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई है। इस याचिका में कोविशील्ड वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स की जांच के लिए एक्सपर्ट्स पैनल बनाने की मांग की गई है। याचिका में ये भी मांग की गई है कि अगर इस वैक्सीन से किसी को नुकसान हुआ है तो उन्हें मुआवजा देने का सिस्टम बनाया जाए। कंपनी ने ब्रिटेन के कोर्ट में जो बयान दिया था, याचिकाकर्ता ने उस बयान का हवाला दिया है। आपको बता की भारत मे कोविशिल्ड को सीरम इंस्टीट्यूट ने बनाया है। देशभर में कोविशिल्ड के 175 करोड़ से अधिक टीके लगाए गए हैं।