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महिला वकील से थाने में यौन उत्पीड़न का आरोप, सुप्रीम कोर्ट ने मांगा CCTV फुटेज

सुप्रीम कोर्ट का सख्त रुख

नई दिल्ली/ महिला वकील के साथ कथित बदसलूकी के मामले में यूपी की नोएडा पुलिस गंभीर सवालों के घेरे में आ गई है। महिला वकील ने आरोप लगाया है कि नोएडा के सेक्टर-126 थाना परिसर में पुलिसकर्मियों ने उनके सिर पर बंदूक तानी, उन्हें 14 घंटे तक अवैध रूप से हिरासत में रखा और इस दौरान यौन उत्पीड़न भी किया गया। यह मामला अब देश की सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है।

महिला वकील का कहना है कि वह अपने क्लाइंट की सुरक्षा को लेकर पुलिस स्टेशन पहुंची थीं, लेकिन पुलिस ने उल्टा उन्हें ही थाने में बैठा लिया और मानसिक व शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया। आरोपों के मुताबिक, थाने में उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया और उन्हें लंबे समय तक बाहर जाने की अनुमति नहीं दी गई।

मामले की गंभीरता को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा पुलिस को नोटिस जारी किया है। जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस एन.वी. अंजारिया की पीठ ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि घटना से जुड़े CCTV फुटेज किसी भी कीमत पर डिलीट न किए जाएं। कोर्ट ने आदेश दिया है कि पुलिस को 17 दिन के भीतर सीलबंद लिफाफे में CCTV फुटेज पेश करने होंगे।

सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि पुलिस थानों में CCTV कैमरों का चालू रहना पहले से ही एक बड़ा मुद्दा रहा है। कोर्ट ने इस मामले को असाधारण मानते हुए सुनवाई के लिए स्वीकार किया है, क्योंकि यह सिर्फ महिला वकील के उत्पीड़न से ही नहीं बल्कि CCTV फुटेज को ब्लॉक करने जैसे गंभीर आरोपों से भी जुड़ा है।

अदालत ने 7 जनवरी तक यूपी पुलिस से जवाब मांगा है और गौतम बुद्ध नगर के पुलिस कमिश्नर को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि संबंधित समयावधि का CCTV फुटेज सुरक्षित रहे। मामले को लेकर कानूनी और प्रशासनिक हलकों में हलचल मच गई है।

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