
The Inspector who came to court to testify was locked in the lockup
हरियाणा के कैथल जिले से एक अनोखा मामला सामने आया है, जहां जिला न्यायालय में गवाह के रूप में पेशी के रूप में आए इंस्पेक्टर राजेश कुमार को लॉकअप में बंद कर दिया। इंस्पेक्टर राजेश अतिरिक्त सेशन, जज, मोहित अग्रवाल की कोर्ट में हत्या के केश जांच अधिकारी के रूप में अपनी गवाही देने आए थे। लेकिन वह यहां पर आधा घंटा लेट पहुंचे, जिसकी वजह से अदालत ने फटकार लगाते हुए इंस्पेक्टर को लॉकअप में बंद करने का आदेश दिया। इतना ही नहीं कोर्ट ने उनकी सैलरी अटैच करने की भी सजा सुना दी।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कोर्ट अपने आदेश में लिखा कि इंस्पेक्टर राजेश बार-बार कोर्ट की अवमानना कर रहे थे, जिसके खिलाफ पहले गैर जमानती वारंट भी जारी किए गए थे। कई कोर्ट के बुलाने पर इंस्पेक्टर राजेश सुबह 10:30 बजे अदालत में हाजिर हुए, जबकि कोर्ट का समय सुबह 10 बजे शुरू हो जाता है। इसके बाद अदालत ने इंस्पेक्टर को 10:30 से 11:30 बजे तक लॉकअप में रखने का आदेश दिया।
हरियाणा हाईकोर्ट में पीड़ित पक्ष ने गुहार लगाई थी कि हत्या के मामले में उसे न्याय मिलने में देरी हो रही है। इस वजह से हाईकोर्ट ने 10 दिसंबर 2024 को जिला अदालत को आदेश जारी किए थे कि कानून अनुसार तय समय में मामले पर फैसला सुनाया जाए। सीमित समय में केस की सुनवाई के बाद भी इंस्पेक्टर कोर्ट में पेश नहीं हो रहे थे।
पिछले महीने यानी कि 29 अगस्त, 2025 को अदालत ने कैथल पुलिस अधीक्षक को आदेश जारी किए थे कि कोर्ट की अवमानना में इंस्पेक्टर की सैलरी अटैच की जाए। इंस्पेक्टर राजेश को हत्या के मामले में जांच अधिकारी होने के चलते फिर से कोर्ट में पेश किया गया, जहां गवाही के बाद उन्हें छोड़ दिया गया।