
सीएम साय बोले — वरिष्ठ अधिकारी भी कानून से ऊपर नही
रायपुर / आईपीएस अधिकारी रतनलाल डांगी पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सख्त रुख दिखाया है। उन्होंने कहा, “कोई भी अधिकारी हो, अगर आरोप लगे हैं तो जांच जरूर होगी, और अगर जांच में आरोप सही पाए गए तो निश्चित रूप से कार्रवाई की जाएगी।”
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल आज गुरुवार को गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले के मरवाही विधायक प्रणव कुमार मरपच्ची की मां के निधन पर आयोजित तेरहवीं कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने शोक संतप्त परिवार से मुलाकात कर संवेदना व्यक्त की और दिवंगत आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की। इसी दौरान पत्रकारों ने जब उनसे आईपीएस डांगी से जुड़े मामले पर सवाल किया, तो उन्होंने यह बयान दिया।
क्या है मामला
रिपोर्ट के अनुसार, एक सब-इंस्पेक्टर की पत्नी ने 2003 बैच के आईपीएस अधिकारी रतनलाल डांगी पर पिछले सात वर्षों से यौन उत्पीड़न और मानसिक प्रताड़ना के गंभीर आरोप लगाए हैं।
पीड़िता ने अपनी शिकायत में उच्च अधिकारियों को डिजिटल साक्ष्य भी सौंपे हैं। शिकायत को गंभीरता से लेते हुए गृह विभाग ने विभागीय जांच शुरू कर दी है।
पीड़िता के आरोप
पीड़िता के मुताबिक, साल 2017 में कोरबा एसपी रहते हुए डांगी के संपर्क में आई थी। शुरुआत सोशल मीडिया पर बातचीत से हुई, जो आगे चलकर व्यक्तिगत मुलाकातों तक पहुँची। आरोप है कि डांगी ने अपनी पत्नी की गैरमौजूदगी में बंगले पर बुलाकर उत्पीड़न किया। बाद में जब अधिकारी का स्थानांतरण राजनांदगांव और फिर बिलासपुर आईजी पद पर हुआ, तब भी यह संबंध दबाव के तहत जारी रहा।
जांच प्रक्रिया शुरू
गृह विभाग ने इस मामले में जांच के आदेश जारी कर दिए हैं।
जांच में डिजिटल साक्ष्य, कॉल रिकॉर्ड और संबंधित अधिकारियों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं।
सरकार का संदेश स्पष्ट
सीएम विष्णु देव साय का बयान यह स्पष्ट करता है कि राज्य सरकार किसी भी अधिकारी को कानून से ऊपर नहीं मानती।
उन्होंने कहा कि “कानून सबके लिए समान है — चाहे वह आम नागरिक हो या वरिष्ठ अधिकारी।”