छत्तीसगढ़

JANJGIR CHAMPA NEWS : दुष्कर्म और हत्या के आरोपी को फांसी की सजा, विशेष न्यायालय का ऐतिहासिक फैसला

रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस

जांजगीर-चांपा / जिले में अजा/जजा वर्ग की महिला के साथ दुष्कर्म कर उसकी निर्मम हत्या करने के जघन्य मामले में विशेष न्यायालय ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। जांजगीर-चांपा जिला एवं सत्र न्यायालय में माननीय विशेष सत्र न्यायाधीश (एससी/एसटी) कुमारी सुनीता साहू ने आरोपी को दोषी करार देते हुए मृत्युदंड (फांसी) की सजा सुनाई है।

न्यायालय ने आरोपी को भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (दुष्कर्म) एवं धारा 302 (हत्या) तथा अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत दोषी मानते हुए फांसी की सजा के साथ ₹1000 के अर्थदंड से भी दंडित किया है।

अजा/जजा वर्ग की पीड़िता होने से मामला बना अत्यंत गंभीर

अदालत ने अपने फैसले में स्पष्ट किया कि पीड़िता अजा/जजा वर्ग से थी और आरोपी द्वारा किया गया अपराध न केवल एक महिला के विरुद्ध गंभीर अपराध है, बल्कि सामाजिक रूप से कमजोर वर्ग पर किया गया घोर अत्याचार भी है। इसी कारण यह मामला एससी/एसटी अधिनियम के अंतर्गत विशेष रूप से गंभीर श्रेणी में आता है।

अपराध की वीभत्सता पर न्यायालय की कड़ी टिप्पणी

न्यायालय ने निर्णय में कहा कि आरोपी का कृत्य अमानवीय, क्रूर और नृशंस है। यह अपराध पूर्व नियोजित था और अत्यधिक बर्बरता के साथ अंजाम दिया गया। अदालत ने माना कि ऐसे अपराधों में आरोपी को जीवित छोड़ना समाज और न्याय व्यवस्था दोनों के लिए घातक हो सकता है। इसी आधार पर इस मामले को “रेयरेस्ट ऑफ रेयर” की श्रेणी में रखते हुए मृत्युदंड की सजा दी गई।

अभियोजन की सशक्त पैरवी

इस जघन्य अपराध के मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक धीरज कुमार शुक्ला ने न्यायालय में सशक्त तर्क और ठोस साक्ष्य प्रस्तुत किए। अभियोजन की प्रभावी पैरवी के चलते न्यायालय आरोपी के विरुद्ध कठोरतम दंड देने में सक्षम हुआ।

न्याय का सख्त संदेश

यह फैसला समाज को यह स्पष्ट और कड़ा संदेश देता है कि अजा/जजा वर्ग की महिलाओं के विरुद्ध अपराध करने वालों को कानून किसी भी हाल में बख्शेगा नहीं। ऐसे जघन्य अपराधों पर कठोरतम सजा सुनिश्चित कर न्याय व्यवस्था ने पीड़ित वर्ग के अधिकारों की मजबूती से रक्षा की है।

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