KARNATAKA NEWS : कर्नाटक सरकार ने राज्य के सभी मुसलमानों को OBC की सूची में किया शामिल
कर्नाटक सरकार ने मुसलमानों को ओबीसी (OBCb) की सूची में शामिल किया है। कैटगरी- 2 बी के तहत कर्नाटक राज्य के सभी मुसलमानों को पिछड़ा वर्ग माना गया है। इसकी जानकारी राष्ट्रीय पिछड़ा आयोग ने प्रेस रिलीज जारी करके दी है।
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कर्नाटक से बड़ी खबर सामने आई है। जहां कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने राज्य के सभी मुस्लिम धर्म के लोगों को पिछड़ा वर्ग में शामिल करने का निर्णय लिया है। इस निर्णय का भाजपा सहित ओबीसी (OBC) वर्ग के लोग आलोचना कर रहे हैं। वहीं, राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने भी कर्नाटक सरकार के इस फैसले की आलोचना की है। पिछड़ा वर्ग आयोग ने कहा कि इस तरह का व्यापक वर्गीकरण सामाजिक न्याय के सिद्धांतों को कमजोर करता है।
दरअसल, कर्नाटक सरकार ने आरक्षण का लाभ देने के लिए मुसलमानों को पिछड़ा वर्ग (OBC) में शामिल किया है। राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने कहा कि कर्नाटक सरकार के आंकड़ों के अनुसार, कर्नाटक के मुसलमानों की सभी जातियों और समुदायों को राज्य सरकार के तहत रोजगार और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण के लिए ओबीसी की सूची में शामिल किया गया है। श्रेणी II-बी के तहत, कर्नाटक राज्य के सभी मुसलमानों को ओबीसी माना गया है। आयोग ने कहा कि श्रेणी-1 में 17 मुस्लिम समुदायों को ओबीसी माना गया है जबकि श्रेणी-2ए में 19 मुस्लिम समुदायों को ओबीसी माना गया है।
जिसके बाद राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (NCBC) ने राज्य सरकार के इस फैसले पर आपत्ति जताई है। राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने कहा है कि पूरे मुस्लिम समुदाय को अन्य पिछड़ा वर्ग में शामिल करने का फैसला सामाजिक न्याय के सिद्धांतों को कमजोर करेगा। एनसीबीसी ने माना है कि मुस्लिम समुदाय में ऐतिहासिक तौर पर हाशिए पर है। लेकिन, पूरे समुदाय को पिछड़ा मानना गलत है।
राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष हंसराज अहीर ने कहा कि हमने इस मामले पर कर्नाटक सरकार से पूछा था कि आखिर किस आधार पर यह कोटा दिया जा रहा है। इस मामले पर हमें कोई स्पष्टीकरण नहीं मिला है। हंसराज गंगाराम अहीर के ओर से जारी बयान में कहा गया, कर्नाटक सरकार के नियंत्रणाधीन नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में प्रवेश में आरक्षण हेतु कर्नाटक के सभी मुस्लिम धर्मावलंबियों को OBC की राज्य लिस्ट में शामिल किया गया है। बयान में आगे लिखा है, कर्नाटक सरकार के पिछड़ा वर्ग विभाग ने राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग को लिखित रूप में बताया है कि मुस्लिम और ईसाई जैसे समुदाय न तो जाति है और न धर्म है। कर्नाटक में मुस्लिम की आबादी 12.92 प्रतिशत है। राज्य में मुस्लिमों को धार्मिक अल्पसंख्यक माना जाता है।
वहीं, मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, एनसीबीसी ने आरक्षण उद्देश्यों के लिए मुस्लिम समुदाय को पिछड़ी जाति के रूप में वर्गीकृत करने के कांग्रेस सरकार के फैसले की आलोचना करते हुए कहा है कि इसने सामाजिक न्याय के सिद्धांत को कमजोर कर दिया है। आयोग ने कहा कि इस कदम से राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग के अधिकारों की हानि हुई है।