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अरुणाचल में पहली बार ‘नवसाक्षर लेखन कार्यशाला’ का आयोजन

राजीव गांधी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. जयदेव साहू और एनबीटी के संयुक्त निदेशक कुमार विक्रम ने किया उद्घाटन

दोईमुख, ईटानगर / अरुणाचल प्रदेश में पहली बार राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, भारत (NBT) की पहल पर हिंदी रचनाकारों के लिए “नवसाक्षर लेखन कार्यशाला” का शुभारंभ किया गया। इस तीन दिवसीय कार्यशाला (12 से 14 नवम्बर 2025) का आयोजन राजीव गांधी विश्वविद्यालय, दोईमुख, ईटानगर के हिंदी विभाग और नेशनल बुक ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में किया जा रहा है।

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कार्यशाला का उद्घाटन राजीव गांधी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. जयदेव साहू और राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, भारत के मुख्य संपादक एवं संयुक्त निदेशक श्री कुमार विक्रम ने किया। इस अवसर पर पारंपरिक स्वागत और पुस्तकों के उपहार से प्रतिभागियों का अभिनंदन किया गया।

हिंदी लेखन में नई दिशा देने की पहल

उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए कुलपति प्रो. जयदेव साहू ने कहा — “अरुणाचल प्रदेश में हिंदी लेखन की परंपरा निरंतर समृद्ध हो रही है। इस तरह की कार्यशालाएँ नवसाक्षरों में लेखन की प्रेरणा जगाने और उन्हें भाषा से जोड़े रखने का उत्कृष्ट माध्यम हैं।”

वहीं,कुमार विक्रम ने अपने संबोधन में कहा —“हम सिखाने नहीं, सीखने आए हैं। हमारा उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि नवसाक्षरों को ऐसी पठनीय सामग्री मिले जो उन्हें दोबारा निरक्षरता की ओर न लौटने दे। इस मुहिम के तहत हम देशभर में इसी तरह के आयोजन कर रहे हैं।”

उन्होंने आगे कहा कि ऐसी कार्यशालाएँ केवल भाषा शिक्षण नहीं बल्कि सामाजिक सशक्तिकरण का माध्यम हैं, जिनमें पर्यावरण, जेंडर समानता और जीवन कौशल जैसे विषयों को कहानियों के रूप में पिरोया जाता है।

हिंदी विभाग और साहित्यकारों की भागीदारी

कार्यशाला के संयोजन में हिंदी विभाग की अध्यक्ष प्रो. जोराम यालम नबाम ने कहा — “NBT के सहयोग से यह आयोजन हमारे लेखकों के लिए सीखने का सुनहरा अवसर है।”

वहीं विभाग के वरिष्ठ आचार्य प्रो. ओकेन लेगो ने कहा कि यह आयोजन अरुणाचल प्रदेश के रचनाकारों की प्रतिभा को निखारने का माध्यम बनेगा।

कार्यशाला के विषय-विशेषज्ञ वरिष्ठ साहित्यकार गिरीश पंकज ने अपने संबोधन में कहा — “NBT ने हमेशा नई प्रतिभाओं को मंच दिया है। अब अरुणाचल के रचनाकारों के अनुभव और दृष्टिकोण से हिंदी साहित्य और समृद्ध होगा।”

कई लेखकों की सक्रिय भागीदारी

कार्यशाला में शामिल प्रतिभागियों में प्रो. ओकेन लेगो, प्रो. जोराम यालम नबाम, डॉ. जमुना बीनी, डॉ. तारो सिन्दिक, सुश्री गुम्पी डूसो लोम्बि, डॉ. आइनम इरिंग, श्री दोरजी लोन्पु, सुश्री नोमी मागा गुमरो, डॉ. तुम्बम रीबा, डॉ. मोर्जुम लोई, डॉ. तेली मेचा, सुश्री मिसुङ मदो, श्री वांगो सोसिया, श्री रिंगु एलप्रा और सुश्री जुमनू कामदाक प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

नवसाक्षर लेखन कार्यशाला का उद्देश्य

NBT की यह पहल उन नवसाक्षरों को प्रेरित करना है जो हाल ही में साक्षर बने हैं, ताकि वे अपनी कहानियों, अनुभवों और भावनाओं को सरल हिंदी में व्यक्त कर सकें। इस प्रयास से ग्रामीण और जनजातीय समाज में पठन-पाठन की नई संस्कृति को बढ़ावा मिलेगा।

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