SAKTI NEWS : CHO ने रची अपहरण की झूठी कहानी, पुलिस ने किया खुलासा, जानिए क्या है पूरा मामला
Chhattisgarh
सक्ती / छत्तीसगढ़ के सक्ती जिले में CHO अपहरण मामले में पुलिस ने खुलासा कर दिया है। युवती की अपहरण और 15 लाख रुपये की फिरौती की शिकायत मिलते ही 4 घंटों के भीतर युवती को उसके प्रेमी के साथ सरकंडा बिलासपुर के होटल स्वर्णभूमि देवनंदन नगर से बरामद किया।
पुलिस ने बताया कि नाथ जलतारे निवासी चिस्दा के द्वारा लिखित आवेदन पत्र थाना मे प्रस्तुत किया की उनकी लड़की अनुपमा जलतारे उम्र 26 साल जो ग्राम सराईपाली सक्ती में CHO के पद पर पदस्थ थी अपने भाई कालेश्वर के साथ सक्ती गई थी लगभग 07:30 बजे चौपाटी के पास से लापता हो गई थी रात लगभग 09:38 बजे अज्ञात व्यक्ति के द्वारा लड़की के मोबाईल से उसके भाई डेगम्बर को फोन कर 15 लाख रूपये फिरौती की मांग की गई थी नही देने पर जान से मारकर बोरी में भरकर फेंक देने की धमकी दी है।
पुलिस अधिक्षिका अंकिता शर्मा ने युवती की अपहरण की घटना को गंभीरता से लेते हुए जल्द से जल्द युवती को बरामद करने के लिए जिला एवं अन्य जिलों के टीम को भी अपहृत युवती की खोज बिन के लिए लगा दी गई। और स्वयं टीम को मॉनिटरिंग करती रही। जिस पर सायबर सेल प्रभारी एवं सक्ती पुलिस की 04 टीमों का गठन कर डिजिटल एवं मैनुवल आधार पर तलाश हेतु कोरबा, बिलासपुर, सक्ती रवाना किया गया तथा किसी भी तरह से सुरक्षित रूप से लड़की को बरामद करने का निर्देश दिया गया, जिसके आधार पर सक्ती पुलिस एवं बिलासपुर जिला पुलिस की मदद से मात्र 4 घण्टे के अंदर अपहृता अनुपमा जलतारे को उसके प्रेमी महेद्र जांगड़े के साथ होटल स्वर्णभूमि देवनंदन नगर सरकंडा बिलासपुर से बरामद किया गया।
पुलिस को पूछताछ में पता चला कि अपहरण की पूरी कहानी झूठी है। अनुपमा जलतारे ने अपने प्रेमी के साथ एक मकसद लेकर सारा षड्यंत्र रचा था। पुलिस ने बताया कि अनुपमा जलतारे ने 27 जून को अपने दोस्त महेन्द्र जांगडे को कोरबा से सक्ती चौपाटी बुलाई और अपने छोटे भाई कालेश्वर को ठण्डा पानी लाने के बहाने भेज दिया इसके बाद युवती ने अपना फोन फ्लाइट मोड में डाल कर महेन्द्र जांगडे के नीला सफेद रंग के TVS अपाचे बाईक क्रमांक CG 28 AL 0149 में बैठकर बिलासपुर निकल गई।
रात 9:38 बजे अनुपमा के फोन से महेन्द्र जांगडे ने युवती के भाई डेगम्बर को फोन कर 28 जून को 11 बजे तक 15 लाख रुपये की व्यवस्था करके देने की मांग की मांग पूरी नहीं करने पर अनुपमा को जान से मार कर बोरी में भेजने की बात कही इतना ही नहीं, फर्जी अपहरण को वास्तविक बनाने के लिए अनुपमा ने भी भाई को रोते हुए अपने साथी महेन्द्र जांगडे के माध्यम से 15 लाख की फिरौती मांगी गई। डेगम्बर द्वारा महेन्द्र को फोन लगाने पर उसके मोबाईल में भी अपहरणकर्ता द्वारा पैसे की मांग करना बताया। अनुपमा जलतारे जानती थी कि उनके घर वाले 15 लाख की व्यवस्था नही कर पाएंगे फिर एक दो दिन बाद प्रेमी महेंद्र जांगड़े के साथ घर आती और बताती की महेंद्र जांगड़े ने फिरौती देकर उसे छुड़वाया है। ऐसा करने से घरवालों की नजरों में महेंद्र हीरो बन जाता और परिजनों को कहकर अपने प्रेमी महेंद्र जांगड़े से शादी कर लेती।
प्रकरण में धारा 120 (बी), 384 भादवि जोड़ी गई है। एवं दोनों को विधिवत गिरफ्तार अपहरण की घटना वाली बाइक युवती युवक का मोबाइल जप्ती कर दोनों के विरुद्ध पुलिस द्वारा कार्यवाही कर गिरफ्तार किया है।