BAREILLY SERIAL KILLER : साइको किलर गिरफ्तार, एक ही तरीके से 10 महिलाओं को उतारा मौत के घाट
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बरेली / उत्तर प्रदेश की बरेली पुलिस टीम ने कार्रवाई में बड़ी कामयाबी हासिल की है। बरेली पुलिस ने लगातार 6 महिलाओं का कत्ल करने वाले साइको किलर को गिरफ्तार कर लिया है। इस साइको किलर की पहचान बरेली के नवाबगंज कुलदीप के रुप में हुई है। साइको किलर ने पिछले 13 महीनों में 10 हत्याएं की हैं, लेकिन पुलिस के द्वारा गिरफ्तारी में आरोपी ने केवल 6 हत्या करने का अपराध कबूल किया है। इस खतरनाक हत्याओं के बाद पूरे इलाके में दहशत का माहौल बन चुका था। इस साइको किलर की पुलिस जांच में जुटी हुई थी, और 48 घंटों के अंदर पुलिस ने इस आरोपी को ढूंढ निकाला।
शुक्रवार को पुलिस ने साइको किलर की गिरफ्तारी का खुलासा किया। इससे पहले आरोपी को पुलिस घटनास्थलों पर लेकर गई थी। पुलिस ने कहा की आरोपी ने सिलसिलेवार तरीके से वारदातों को अंजाम दिया।
दरअसल, 13 महीने के भीतर एक ही पैटर्न से बरेली में 10 महिलाओं की हत्या की गई। हत्या का पैटर्न एक जैसा था। ये मर्डर केस अब तक सॉल्व नहीं हुए थे। पुलिस ने मामले को सीरियल किलिंग एंगल से देखा। तीन दिन पहले पुलिस ने 3 स्कैच जारी किए। इसके बाद पुलिस को कई फोन आए। मुखबिर के कन्फर्मेशन के बाद एक किलर को गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने बताया कि पकड़े गए शख्स का नाम कुलदीप है। वह साइको किलर है। उसने अभी तक 6 महिलाओं को मारने का जुर्म स्वीकार किया है। आरोपी से पूछताछ चल रही है।
बरेली जिले के शाही और शीशगढ़ इलाके में पिछले 13 महीने के भीतर 10 महिलाओं की हत्या हुई। सभी केस अनसुलझे थे। सभी हत्याएं एक ही पैटर्न पर हुई थीं। महिलाओं की हत्या साड़ी या दुपट्टे से गला दबाकर की गई थी। उनकी उम्र 40 से 65 साल के बीच थी। क्राइम स्पॉट- सुनसान जगह या जंगल थे।पुलिस ने इन हत्याओं के खुलासे के लिए टीम बनाई। शुरुआती जांच में जब एविडेंस कलेक्ट किए गए, तब पता चला कि इनके पीछे एक ही आदमी का हाथ है। आरोपी साइको किलर है।
एसएसपी अनुराग आर्य ने साइको किलर को पकड़ने के लिए एक वॉर रूम बनवाया। साथ ही ऑपरेशन तलाश की शुरुआत की। 22 टीमें बनाईं। तीन महीने में पुलिस ने लगभग 150 जगहों पर दबिश दी। सर्विलांस टीम ने 1.5 लाख मोबाइल नंबरों को ट्रेस किया। जहां-जहां हत्याएं हुई थीं, उस क्राइम स्पॉट को पॉइंट करते हुए पुलिस ने 25 किलोमीटर का एक रेडियस बनाया और साइको किलर की तलाश शुरू की। एरिया के 1500 सीसीटीवी फुटेज खंगाले। 600 नए कैमरे भी लगवाए गए। पुलिस ने लोगों के बीच जाना शुरू किया। नुक्कड़ सभाएं कीं। खेतों में काम करने वाली महिलाओं को सचेत रहने के लिए जागरूक किया।
पुलिस ने मुंबई में इस तरह की वारदात को सॉल्व करने वाले स्पेशलिस्ट की मदद ली। क्लीनिकल साइकोलाजी के एक्सपर्ट से बात की गई। तब टीम को पता चला कि शाही पुलिस स्टेशन एरिया साइको किलर का सेंटर पॉइंट है। पुलिस ने शाही पुलिस स्टेशन एरिया में क्राइम स्पॉट के आसपास के करीब 30 गांव के वोटर आईडी कार्ड की जांच की। गांव वालों से पूछताछ की गई कि क्या कोई ऐसा शख्स है, जिसकी लाइफ स्ट्रेस भरी हो और वह अलग-थलग रहता हो। शक के दायरे में सिर्फ पुरुष ही नहीं, महिलाएं भी रहीं। इसलिए 22 टीमों में महिला पुलिसकर्मियों को भी रखा गया था। पुलिस ने एक मुखबिर से स्कैच बनवाया। मुखबिर की सूचना पर कुलदीप को थाना शाही पुलिस टीम ने पकड़ा। कुलदीप गंगवार नवाबगंज थाना क्षेत्र के गांव बाकरगंज समुआ का रहने वाला है। उसकी मानसिक स्थिति सही नहीं है। कुलदीप की हरकतों की वजह से पत्नी उसे छोड़कर चली गई थी। इसके बाद उसने महिलाओं की हत्या करना शुरू कर दिया।
एसएसपी अनुराग आर्य ने बताया कि हमने सभी महिलाओं के पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का विश्लेषण किया। इसके बाद फोरेंसिक एक्सपर्ट से बात की गई। हिडेन कैमरा लगाया। इसके बाद हमें कई एविडेंस मिले। जिसके आधार पर कार्रवाई की और साइको किलर पकड़ा गया। उन्होंने बताया कि पूछताछ में आरोपी ने कबूल किया है कि वह महिलाओं के साथ गलत काम करने की कोशिश करता था। जब महिला विरोध करती थी, तब इसे लगता था कि महिला ने मना कैसे कर दिया। इसके बाद महिला की हत्या कर देता था।
कुलदीप ने पुलिस को बताया कि मेरी दो सगी बहनों और मां की मौत हो गई थी। इसके बाद पिता ने दूसरी शादी कर ली। सौतेली मां ने मुझे हमेशा पीटा, मुझे उनसे नफरत थी। इसके बाद 2014 में मेरी शादी हुई, मेरी पत्नी भी मुझे छोड़कर चली गई। फिर मैं नशे का आदी हो गया। इधर-उधर घूमने लगा। किसी भी औरत को देखता था तो खून खौल उठता था। मुझे इलाके की हर पगडंडी, सड़क की जानकारी है। मैं कभी मोबाइल इस्तेमाल नहीं करता। पैदल चलता हूं। जब किसी महिला को मारने के लिए निकलता था तो पहले वह निश्चित कर लेता था कि किसी ने उसे महिला के पीछे जाते हुए नहीं देखा है। यदि पीछा करते समय रास्ते में कोई भी बच्चा, पुरूष या अन्य महिला मिल जाती थी, तब उस दिन वारदात नहीं करता था। जब मौका मिल जाता तो महिलाओं को गला दबाकर मार देता था। गला दबाने के लिए महिलाओं की साड़ी या दुपट्टे का इस्तेमाल करता था। खास बात थी कि गले में बाएं तरफ साड़ी या दुपट्टे से गांठ बांध देता था। गांठ इसलिए बांधता था, क्योंकि मुझे लगता था कि महिला फिर से जिंदा हो जाएगी।
साइको किलर ने पुलिस को बताया कि मैंने किसी महिला को नहीं लूटा। हां, मैं उनके पास से कुछ न कुछ जरूर ले जाता था। ताकि याद रहे कि किस महिला को मारा था। एक महिला के पास से आधार कार्ड मिला था। एक के पास हंसिया थी। एक की चूड़ी लेकर आ गया था। उनके पैसे नहीं लिए, क्योंकि पैसों से पहचान नहीं होती, ये खर्च हो जाते हैं। उसने पुलिस को मृतक अनीता देवी का वोटर आईडी कार्ड, लाल रंग की लिपस्टिक, बिंदी, ब्लाउज के टुकड़े दिए। कुलदीप ने आनंदपुर की मृतक प्रेमवती की हंसिया, कुल्छा गांव की मृतक धनवती का आधार कार्ड, लखीमपुर गांव की मृतक महमूदन की हंसिया भी सौंपी है। इसके अलावा पुलिस ने बीड़ी का बंडल, माचिस और 130 रुपए कैश बरामद किया।
कुलदीप की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने एक पुतले को महिला के कपड़े पहनाकर उसे दिया। फिर उससे पूछा गया कि उसने महिलाओं को कैसे मारा। तब कुलदीप ने पुतले के साथ अश्लील हरकतें कीं। फिर दुपट्टे से उसका गला कसा और बांयी ओर गांठ लगा दी। ऐसा करके वह काफी खुश हुआ, जैसे उसने कोई बड़ा काम कर दिया हो। शाही के खेतों में भी वह आगे चलते हुए सादा कपड़ों में मौजूद पुलिसवालों को उन्हीं स्थानों पर ले गया, जहां उसने हत्या की थी। पुलिस ने उसे महिलाओं के बीच अकेला छोड़कर देखा तो वह उनसे ज्यादा हंसकर बात करता दिखा।