ZUBEEN GARG FUNERAL : पंचतत्व में विलीन हुए जुबिन गर्ग, राजकीय सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार

राजकीय सम्मान, तोपों की सलामी और रोती आंखों के बीच अंतिम विदाई
Zubeen Garg Funeral : भारत के प्रख्यात गायक, संगीतकार और अभिनेता जुबीन गर्ग अब इस दुनिया में नहीं रहे। 19 सितंबर को सिंगापुर में दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया। आज 23 सितंबर को उन्हें पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। 21 तोपों की सलामी के बीच उनका अंतिम संस्कार गुवाहाटी में किया गया। इस दौरान हजारों प्रशंसकों की भीड़ उमड़ पड़ी।
छोटी बहन ने दी मुखाग्नि, पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल
जुबीन गर्ग के अंतिम संस्कार की सबसे भावुक तस्वीर तब सामने आई जब उनकी छोटी बहन पाल्मी बोरठाकुर ने उन्हें मुखाग्नि दी। उनकी पत्नी गरिमा गर्ग, ताबूत के पास हाथ जोड़कर बैठी रहीं और लगातार फूट-फूटकर रोती रहीं। यह दृश्य तब और मार्मिक हो गया जब जुबीन का पालतू डॉग भी उन्हें अंतिम विदाई देने पहुंचा और गरिमा के साथ ताबूत तक गया।
दो बार पोस्टमार्टम
जुबीन गर्ग का पहला पोस्टमार्टम सिंगापुर में और दूसरा भारत में गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में किया गया। उनके पार्थिव शरीर को सिंगापुर से दिल्ली होते हुए 22 सितंबर को विशेष विमान से गुवाहाटी लाया गया था। जैसे ही शव गोपीनाथ बोरदोलोई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उनके घर के लिए रवाना हुआ, हजारों की संख्या में फैंस सड़कों पर उतर आए, जुबीन के अंतिम दर्शन करने।
दौरे से हुई मौत: पत्नी गरिमा का बयान
शुरुआत में दावा किया गया था कि जुबीन गर्ग की मौत स्कूबा डाइविंग के दौरान हादसे में हुई, लेकिन उनकी पत्नी गरिमा गर्ग ने स्पष्ट किया कि – “जुबीन को पहले से ही दौरे पड़ने की बीमारी थी। 19 सितंबर को वे अपने दोस्तों के साथ यॉट से समुद्र में उतरे थे। सबने लाइफ जैकेट पहनी थी, लेकिन जुबीन ने नहीं। तभी अचानक उन्हें दौरा पड़ा और वो पानी में डूब गए।” इससे पहले भी सिंगापुर में एक बार उन्हें दौरा पड़ चुका था, लेकिन समय पर अस्पताल पहुँचने से उनकी जान बच गई थी।
मैनेजर पर केस, फिर पत्नी की भावुक अपील
घटना के बाद जुबीन के मैनेजर सिद्धार्थ शर्मा, इवेंट ऑर्गनाइज़र और उनके साथ मौजूद लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई। लेकिन 20 सितंबर को पत्नी गरिमा ने जुबीन के आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट से एक भावुक वीडियो जारी कर सभी के खिलाफ दर्ज FIR वापस लेने की अपील की। “यह हादसा था। किसी की गलती नहीं थी। मैं चाहती हूं कि हम जुबीन की आत्मा को शांति दें, न कि आरोपों में उलझाएं।”
भावुक विदाई: ‘Mayabini’ के सुरों में भीगी हवा
शमशान घाट पर जुबीन के फैंस उनकी याद में उनका ही एक प्रसिद्ध गीत ‘Mayabini’ गाते रहे। यह क्षण उन सभी के लिए अविस्मरणीय बन गया। मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा शर्मा और केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू भी अंतिम संस्कार में शामिल हुए और उन्हें श्रद्धांजलि दी।
जुबीन गर्ग: एक जीवन, जो सुरों में हमेशा जिंदा रहेगा
जुबीन गर्ग का नाम सिर्फ एक गायक के रूप में नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक आंदोलन के प्रतीक के रूप में लिया जाएगा।
उन्होंने असमिया, हिंदी और अन्य भाषाओं में जो योगदान दिया, वह हमेशा संगीत प्रेमियों के दिलों में अमर रहेगा। आपका संगीत तो रहेगा, लेकिन आपकी मुस्कान बहुत याद आएगी।