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Lata Mangeshkar Death Anniversary : स्वर कोकिला लता मंगेशकर की पुण्यतिथि पर उनके बारे में जानें ये खास बातें

”मेरी आवाज ही मेरी पहचान है”

Lata Mangeshkar :  बॉलीवुड की स्वर कोकिला, भारत की कोकिला या राग की रानी ये सब लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) के ही नाम हैं। आज उनकी पुण्यतिथि है। प्लेबैक सिंगर के तौर पर उनका योगदान भारतीय संगीत में बहुत ज्यादा है। उन्होंन संगीत के माध्यम से भारत में नहीं बल्कि देश-विदेश में लोगों का दिल जीता है। उन्होंने अपने सफ़र की शुरुआत बहुत कम उम्र से ही की जब उनके ऊपर घर की जिम्मेदारियां का बोझ आने लगा। चलिए आज उनकी पुण्यतिथि पर उनके जीवन के कुछ अहम पलों पर बात करते हैं-

 

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लता मंगेशकर की पुण्यतिथि पर उनके बारे में जानें ये खास बातें
1. आज यानी 6 फरवरी 2025 को लता मंगेशकर की पुण्यतिथि है जो प्रतिष्ठित भारतीय प्लेबैक सिंगर है। उनका निधन 92 साल की उम्र में मुंबई में हुआ था। उन्हें “भारत की कोकिला” के रूप में जाना जाता है।

2. वह भारतीय सिनेमा के इतिहास में सबसे प्रसिद्ध और प्रभावशाली प्लेबैक सिंगर में से एक थीं। उनका जन्म 28 सितंबर, 1929 को ब्रिटिश भारत में इंदौर में हुआ।

3. करियर की शुरुआत में उन्हें रिजेक्शन का सामना करना पड़ा क्योंकि ऐसा माना जाता था कि वह काफी हाई पिच पर गाती हैं और उनकी आवाज बहुत पतली है।

4.1940 के दशक में उन्होंने अपना करियर शुरू किया। इस 6 दशकों के सफर में उन्होंने 36 से अधिक भारतीय भाषाओं में फिल्मी और गैर फिल्मी गाने गाए।

5. लता मंगेशकर की आवाज़ भारतीय फ़िल्म संगीत का पर्याय है। उन्होंने 30,000 से अधिक गानों की रिकॉर्ड किया। उनके काम की विशालता के कारण सटीक संख्या की पुष्टि करना मुश्किल है।

6. म्यूजिक की दुनिया में इतना बड़ा योगदान देने के लिए उन्हें कई अवार्ड दिए गए। उन्हें 1969 में पद्म भूषण, 1989 में भारतीय सिनेमा के सर्वोच्च पुरस्कार दादा साहब फाल्के पुरस्कार, 1999 में पद्म विभूषण और 2001 में उन्हें भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया।

7. सिंगर आशा भोसले लता मंगेशकर की बहन हैं। लता अपनी सभी भाई बहनों में से बड़ी थीं। आशा और लता ने 50 से अधिक गानों को एक साथ गाया जैसे ‘मैं चली मैं चली’, ‘मन क्यों बहका रे’ और ‘बंद हो मुट्ठी तो लाख की’ आदि गाने शामिल हैं।

8. 27 जनवरी 1963 को, उन्होंने भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की उपस्थिति में देशभक्ति गीत “ऐ मेरे वतन के लोगों” गाया था जिसे सुनकर वे भावुक हो गए थे। इस गाने को सी. रामचंद्र द्वारा कंपोज और कवि प्रदीप द्वारा लिखा गया था।

9. उनके कुछ मशहूर गानों में “महल” (1949) का “आएगा आनेवाला”, “वो कौन थी?” (1964) का “लग जा गले” और “मुगल-ए-आज़म” (1960) का “प्यार किया तो डरना क्या” शामिल हैं।

10. वह ऐसी पहली भारतीय बनीं जिन्होंने 1974 में लंदन के रॉयल अल्बर्ट हॉल में परफॉर्म किया।

11.लता मंगेशकर जी ने पूरी दुनिया में अपनी आवाज से अलग पहचान बनाई और अपनी पीढ़ी की और आने वाली पीढ़ियों की महिलाओं के लिए भी प्रेरणास्रोत बनीं।

जहर देकर मारने की हुई थी कोशिश

अपनी आवाज के दम पर दुनिया भर के लोगों का दिल जीतने वाली लता मंगेशकर के जहां करोड़ों फैन थे तो वहीं कुछ दुश्मन भी थे. दिग्गज गायिका को एक बार किसी ने जहर देकर मारने की कोशिश तक की थी। कहा जाता है कि जब वे 33 साल की थीं तो किसी ने उन्हें स्लो पॉइजन दिया था. एक थ्रोबैक इंटरव्यू में लता मंगेशकर ने खुद इस बारे में बात की थी और बताया था कि ये उनकी जिंदगी का सबसे बुरा दौर था। साल 1963 में वो बुरी तरह बीमार हो गई थीं और अपने बिस्तर से भी नहीं उठ पा रही थीं. लता ने बताया था कि डॉक्टर्स के ट्रीटमेंट और उनकी जीने की इच्छा ही वो वजह रही जिसके जिसके चलते वे ठीक हो पाई थीं।

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