धर्म

MAHASHIVRATRI 2025 : महाशिवरात्रि पर शिवालयों में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, भोले के जयकारों से गूंज रहे मंदिर

हर-हर महादेव

Mahashivratri 2025 : आज महाशिवरात्रि का पावन पर्व है. भक्त शिवालियों पर भगवान भोलेनाथ का दुग्धाभिषेक और रुद्राभिषेक कर रहे हैं। जगह-जगह शिवालय हर-हर महादेव के जयकारों से गुंजायमान है। धार्मिक मान्यता है कि फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को भगवान शिव और मां पार्वती का विवाह हुआ था. इसलिए इस पर्व को महाशिवरात्रि के रूप में पूजा जाता है. महाशिवरात्रि पर चार पहर में भगवान भोलेनाथ की पूजा अर्चना की जाती है।

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महाविशरात्रि का पर्व आज बड़े धूमधाम से मनाया जा रहा है। भोलेनाथ के अभिषेक के लिए मुख्य मंदिरों के साथ गली-मोहल्लों में बने शिवालयों में भक्तों की भीड़ उमड़ रही है। पुराणों के अनुसार, इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से भक्तों की मनोकामना पूरी होती है। इस दिन शिव योग, सर्वार्थ सिद्धि योग सहित अन्य विशेष योग होने से भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व है। कोई जल से तो कोई पंचामृत और विभिन्न फलों के रस से अभिषेक कर प्रभु को आक, धतूरा, बेर, गाजर अर्पित कर रहा है। इसके लिए शिवालयों में विशेष तैयारियां की गई है। मंदिरों को रंग-बिरंगी रोशनी से सजाया गया है।

महाशिवरात्रि से जुड़ीं कथाएं

पौराणिक कथा के अनुसार फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी पर शिव सबसे पहले शिवलिंग के स्वरूप में प्रगट हुए थे। शिव के ज्योतिर्लिंग प्रकाट्य पर्व को हर साल महाशिवरात्रि के रूप में मनाया जाता है। वहीं कथा के अनुसार महाशिवरात्रि पर शिव और पार्वती का मिलन हुआ था। शिव ने वैराग्य छोड़कर गृहस्थ जीवन में प्रवेश किया था। इसी वजह से महाशिवरात्रि का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन शिवभक्त शिव बारात निकालते हैं। इसके साथ ही महाशिवरात्रि के दिन ही सभी द्वादश ज्योतिर्लिंग प्रगट हुए थे। इस कारण से 12 ज्योतिर्लिंग के प्रगट होने की खुशी में महाशिवरात्रि का त्योहार मनाया जाता है।

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