JANJGIR CHAMPA NEWS : जिला अस्पताल के सलाहकार पर मरीज की जानकारी देने में लापरवाही और अभद्र व्यवहार का आरोप, कलेक्टर से हुई शिकायत

सलाहकार के तानाशाही रवैये की शिकायत
जांजगीर-चांपा / जिला अस्पताल जांजगीर में नियुक्त सलाहकार अंकित ताम्रकार पर मरीज की जानकारी देने में लापरवाही, अनावश्यक पुलिस वेरिफिकेशन की मांग और मरीज परिजनों के साथ अभद्र व्यवहार करने के गंभीर आरोप लगे हैं। इस संबंध में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश सचिव गिरधारी यादव ने कलेक्टर जांजगीर-चांपा को लिखित शिकायत सौंपते हुए तत्काल जांच की मांग की है।

शिकायत में उल्लेख है कि चांपा निवासी भगतराम धीवर को 16 नवंबर 2025 को जिला अस्पताल में भर्ती किया गया था और 17 नवंबर को स्वंय अस्पताल से छुट्टी लेकर चला गया था। मरीज को बिच्छू काटने और लकवा की शिकायत थी, मरीज को गवाह बतौर 21 नवंबर को न्यायालय में उपस्थित होना था। वह चलने फिरने में असमर्थ था। जिसके लिए उसे मेडिकल की जरूरत थी। इसलिए उनके पुत्र लक्ष्मी धीवर 19 नवंबर को भर्ती फ़ाइल लेने अस्पताल पहुंचे, जहां उन्हें बताया गया कि फ़ाइल उपलब्ध नहीं है। इसके बाद उन्होंने गिरधारी यादव से संपर्क कर स्थिति की जानकारी दी।
पीड़ित परिवार के मुताबिक, जब पूरा मामला अस्पताल के सलाहकार अंकित ताम्रकार के समक्ष रखा गया, तो उन्होंने फ़ाइल देने के लिए अनावश्यक पुलिस वेरिफिकेशन की मांग की। परिजनों का कहना है कि यह प्रक्रिया किसी भी नियम या विभागीय निर्देश में अनिवार्य नहीं है। जब उनसे इसके कारण पूछे गए, तो उन्होंने अस्पष्ट जवाब दिया और कथित रूप से अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए उचित सहायता प्रदान करने से मना कर दिया।
गिरधारी यादव ने शिकायत में कहा कि एक जिम्मेदार पद पर बैठे सलाहकार का इस प्रकार का व्यवहार अत्यंत अनुचित है। मरीज और उनके परिजन पहले ही तनाव में होते हैं, ऐसे में उन्हें अतिरिक्त दबाव, असहयोग और अभद्रता का सामना नहीं करना चाहिए। शिकायतकर्ता ने कलेक्टर से आग्रह किया है कि—
- अंकित ताम्रकार से पूरे मामले पर स्पष्टीकरण लिया जाए
- जवाब संतोषजनक न होने पर उन्हें पद से हटाया जाए
- मरीजों से जुड़े कार्यों में अनावश्यक वेरिफिकेशन जैसी बाधाएं रोकी जाएं
- अस्पताल प्रबंधन में पारदर्शिता और मरीज सुविधा को प्राथमिकता दी जाए
शिकायत की प्रतिलिपि मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) तथा सिविल सर्जन जिला अस्पताल को भी भेजी गई है। प्रशासन की ओर से मामले की जांच शुरू किए जाने की संभावना जताई जा रही है।
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि अस्पताल में मरीजों को जानकारी मिलने में अक्सर दिक्कतें आती हैं। इस मामले के उजागर होने के बाद जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की कार्यप्रणाली एक बार फिर सवालों के घेरे में है।





