छत्तीसगढ़

BILASPUR NEWS : स्कूली बच्चों की पटरी पार करते तसवीर को हाईकोर्ट ने लिया संज्ञान, 48 घण्टे में रेलवे से मांगा जवाब

 

बिलासपुर / छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में स्कूली बच्चों के जान जोखिम में डालकर रेलवे ट्रैक पार करने को लेकर हाईकोर्ट ने कड़ी नाराजगी जताई है। वो भी तब ​ट्रैक आरपीएफ और जीआरपी की निगरानी में है। चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा की डिवीजन बेंच ने केंद्र, राज्य सरकार और रेलवे के वकील से पूछा कि यहां कोई सिस्टम है या नहीं। बेंच ने 48 घंटे के भीतर जवाब मांगा है। अगली सुनवाई शुक्रवार को होगी।

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बता दे कि रेलवे स्टेशन के दूसरी ओर ढाई लाख से अधिक लोग रहते है। लाखो लोगों को स्टेशन के इस तरफ आने जाने के लिए बनाया गया पुराना फुट ओवर ब्रिज सालो पहले टूट चुका है। रेलवे ने नया फुट ओवर ब्रिज(FOB) बनाने का काम शुरू किया है। लेकिन चार साल बाद भी इसका निर्माण पूरा नही हो पाया है। इसलिए बच्चों को स्कूल जाने के लिए जान जोखिम में डालना पड़ता है। कई बार ट्रेन खड़े रहने पर बच्चे डिब्बे के नीचे से भी निकलने को मजबूर होते है। इस जगह पर आए दिन मालगाड़ियां खड़ी रहती है।

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हाई कोर्ट ने इसे जनहित याचिका के रूप में स्वीकार किया है। मंगलवार को चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की अगुवाई वाली डिवीजन बेंच में जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। नाराज कोर्ट ने शासन के विधि अधिकारियों व रेलवे के अधिवक्ता से पूछा किय यह सब क्या है। रेलवे जैसे बेहद संवेदनशील विभाग में कोई व्यवस्था सुचारू रूप से काम करता भी है या नहीं। यह सब क्या हो रहा है। इलेक्ट्रिक इंजन के सामने से स्कूली बच्चे जान जोखिम में डालकर स्कूल जा रहे है। कोर्ट ने यह भी आशंका जाहिर की और कहा कि छुट्टी के समय वापसी में भी बच्चे निश्चित तौर पर ऐसे ही पटरी पार कर के घर जाते होंगे। कोर्ट ने पूछा कि रेलवे स्टेशन परिसर में सुरक्षा व्यवस्था का इंतजाम है भी या नहीं। तब कोर्ट को बताया गया कि वहां पर GRP और RPF की तैनाती रहती है।

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