संवेदना से संबल तक: नक्सली हिंसा में पति को खोने के बाद शासन बना सहारा- कलेक्टर जन्मेजय महोबे ने सौंपा नियुक्ति पत्र

शासन की संवेदनशील पहल
जांजगीर-चांपा / राज्य शासन द्वारा जारी “छत्तीसगढ़ नक्सलवादी आत्मसमर्पण, पीड़ित राहत एवं पुनर्वास नीति 2025” के तहत मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के सुशासन ने एक बार फिर संवेदनशीलता और मानवीयता का परिचय दिया है।
ग्राम बोरसी, थाना पामगढ़, जिला जांजगीर-चांपा निवासी धर्मीन नायक, जिन्होंने नक्सली घटना में अपने पति स्व. जोहन नायक को खो दिया था, को शासन द्वारा उक्त नीति के अंतर्गत अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की गई है।
इसी प्रकार बम्हनीडीह के अनुसूचित जाति बालक छात्रावास में पदस्थ स्वर्गीय राजेन्द्र भारद्वाज के असमय निधन पर, शासन की अनुकंपा नियुक्ति नीति के अंतर्गत उनकी पत्नी जानकी बाई भारद्वाज को भी जिला कार्यालय, जांजगीर-चांपा में भृत्य (चतुर्थ श्रेणी) के पद पर नियुक्त किया गया है।
कलेक्टर जन्मेजय महोबे ने दोनों महिलाओं को नियुक्ति पत्र सौंपते हुए कहा कि शासन सदैव अपने कर्मचारियों एवं पीड़ित परिवारों के साथ खड़ा है। शासन की इस पहल से इन परिवारों को आर्थिक और मानसिक संबल मिलेगा।
कलेक्टर जन्मेजय महोबे धर्मीन नायक एवं जानकी बाई भारद्वाज को अनुकंपा नियुक्ति पत्र सौंपते हुए।