BOLLYWOOD NEWS : जानिए, सवालों के जवाब में छुपी हवा हवाई गर्ल के नाम से मशहूर अभिनेत्री श्रीदेवी की कहानी
Bollywood News
Sridevi श्रीदेवी भारतीय फिल्मो की लोकप्रिय अभिनेत्री के रूप में जानी जाती हैं। उन्होंने अपने अभिनय की वजह से देश विदेश से लोगो का भरपूर प्यार हासिल किया है। श्रीदेवी भारतीय सिनेमा में एक समय पर सबसे अधिक लोकप्रिय और सबसे महंगी अभिनेत्री के रूप में जानी जाती हैं। श्रीदेवी को बहुत सी अभिनेत्रियां अपने जीवन को सफल बनाने के लिए अपनी प्रेरणा मानती हैं।
श्रीदेवी फिल्म इंडस्ट्री का एक जाना माना नाम कपूर फिल्म इंडस्ट्री में श्रीदेवी, चांदनी और हवाहवाई गर्ल के नाम से जानी जाती रही हैं। अपनी आखिरी हिंदी फिल्म माँ में श्रीदेवी एक जबरदस्त किरदार में नजर आई थी। श्रीदेवी का असली नाम श्री अम्मा यंगर अय्यपन है।
श्रीदेवी का जन्म 13 अगस्त 1963 को तमिलनाडु में हुआ था। यंगर अय्यपन और यंगर राजेश्वरी श्रीदेवी के माता-पिता हैं। उनका एक भाई है जिसका नाम यंगर सतीश और एक बहन है जिसका नाम यंगर श्रीलता है।
श्रीदेवी ने फ़िल्मी करियर की शुरवात सिर्फ 4 साल की उम्र से बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट फिल्म कंधन करुनी से 1967 में की थी। 1969 में, उन्होंने तमिल फिल्म थुनाइवन में एक बाल कलाकार के रूप में अभिनय की और अपने पूरे जीवनकाल में उन्होंने 300 से अधिक फिल्मों में काम किया। बॉलीवुड में एक बाल कलाकार के रूप में श्रीदेवी ने Tollywood Film इंडस्ट्री में फिल्म तेलगु फिल्म माँ नन्ना निर्दोषी एक चाइल्ड आर्टिस्ट के रूप में 1970 में की और इसके साथ ही 1975 में जूली में भी सहायक कलाकार के रूप में काम किया। श्रीदेवी की पहली वयस्क भूमिका 13 साल की उम्र में फिल्म ‘मूंदरू मुदिचू’ में थी।
श्रीदेवी ने बचपन में ही अवार्ड जितने शुरू कर दिए थे उन्हें चाइल्ड आर्टिस्ट के रूप में मलयालम फिल्म पूमबत्ता (1971) के लिए केरला स्टेट फिल्म अवार्ड फॉर बेस्ट चाइल्ड आर्टिस्ट मिला।
श्रीदेवी ने साउथ की बहुत सी फिल्मों में काम किया, लीड एक्ट्रेस के रूप में श्रीदेवी ने तमिल फिल्म मून्द्रू मुदिचू में 1976 में काम करना शुरू किया इसके बाद उन्होंने साउथ में फिल्मों के भगवान कहे जाने वाले रजनीकांत और कमल हसन के साथ भी बहुत सी फिल्मों में मुख्य भूमिकाओं में काम किया।
श्रीदेवी ने न ही सिर्फ बॉलीवुड बल्कि साउथ फिल्म इंडस्ट्री में भी अपनी चांदनी बिखेरी है। ये एक ऐसी अदाकार थी जिसनें बॉलीवुड में एक्टिंग के मायने ही बदल दिए। हर किरदार को बड़े की बखूबी से निभाती थी। ये अपनी शर्तों पर काम करना पसंद करती थी, इन्हें बॉलीवुड की पहली फीमेल सुपरस्टार के नाम से पहचाने जाने लगा।
वह सही मायने में एकमात्र ऐसी Female Legend है। जो हिंदी, तमिल, मलयालम, कन्नड़ और तेलुगु सिनेमा में नंबर 1 थी। अपनी फिल्मों को अकेले सफल बनाने वाली अभिनेत्री बनी और भारतीय फ़िल्मों में अभिनेत्रियों का दर्जा ऊंचा किया। श्रीदेवी को बॉलीवुड की “माई” बोला गया क्योंकि मेल एक्टर्स की तुलना में वह अधिक प्रभावी थी जिस वजह से उन्हें ज्यादा पैसे भी दिए जाने लगे। साथ ही एलजीबीटी कम्युनिटी के लिए भी मसीहा बनी और उनके हक़ के लिए आवाज़ उठाई। वाकई इनका व्यक्तिव बहुत प्रभावशाली था, ये एक निडर और सहासी अदाकार थी।अपने फिल्मी सफर में श्रीदेवी ने पांच दशकों में लगभग 300 फिल्में कीं, जिसमें उन्होंने कई तरह के किरदार निभाए। श्रीदेवी की खूबसूरती और अदाकारी का करिश्मा ऐसा था, जो दर्शकों को शुरू से लेकर अंत तक स्क्रीन से बांधे रखता था।
1979 में सोला सावन से अपने बॉलीवुड करियर का आगाज़ किया। लेकिन उन्हें सफलता 1983 में आई मूवी हिम्मतवाला से मिली जिसमें इनकी अपोजिट जितेंद्र थे। इस फिल्म का सांग नैनो में सपना सपनों में सजना। काफी हिट हुआ था। उसके के बाद फिर उन्हीं जितेंद्र के साथ एक फिल्म तोहफा में काम किया और उसने इस फिल्म ने कमाई के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। जितेंद्र सही मायने में इनकी लकी चार्म साबित हुए। इन्होंने जितेंद्र के साथ 14 में से 11 हिट फिल्में दी।
चालबाज जैसी मूवी में डबल रोल निभाया जिसमें उनके किरदार अंजू और मंजू को काफी पसंद किया गया। इस मूवी का डायलॉग मैं मदिरा नहीं पीती जी, लोगों को काफी पसंद आया। इस मूवी के लिए इन्हें फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का अवार्ड भी मिला। वर्ष 1983 में फिल्म सदमा में श्रीदेवी दक्षिण सिनेमा के अभिनेता कमल हासन संग नजर आई। इस फिल्म में उनके अभिनय को देख आलोचक भी दंग रह गए। श्रीदेवी को फिल्म सदमा के लिए पहली बार फिल्मफेयर अवार्ड्स में सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का नामंकन मिला था।
नागिन पर ढेर सारी फिल्में बनीं और इनमें एक्ट्रेसेस ने अपने नागिन अवतार से दर्शकों को लुभाने की कोशिश की, लेकिन श्रीदेवी के खूबसूरत और डरावने नागिन रूप का जादू ऐसा था, कि कोई और उसके आगे टिक नहीं पाया। फिल्म ‘नगीना’ में अमरीश पुरी का सपेरे वाला रोल और उनकी टक्कर में खड़ी श्रीदेवी ने पर्दे पर नागिन के किरदार को पूरी तरह से जीवंत कर दिया था। और यही करिश्मा फिल्म ‘निगाहें’ में भी बरकरार रहा, जब ऋषि कपूर की जगह सनी देओल और अमरीश पुरी की जगह ले चुके थे अनुपम खेर। श्रीदेवी के गजब के एक्सप्रेशन्स और डांस ने उनके नागिन अवतार को सिनेमा जगत में अमर कर दिया।साल 1986 में आई फिल्म नगीना, जिसमे श्रीदेवी ने एक इच्छाधारी नागिन की भूमिका अदा की थी। यह फिल्म उस साल की दूसरी सुपर-डुपर हिट फिल्म साबित हुई थी। उस दौरान श्रीदेवी की नगिना फिल्म सर्वश्रेष्ठ सांपो वाली फिल्मों में पहले स्थान पर थी। इसी फिल्म का गाना मै तेरी दुश्मन, दुश्मन तो मेरा एक आइकॉनिक गाना माना जाता है। इसी साल उनकी दो और फ़िल्में रिलीज हुई। जिनमे सुभाष घई की मल्टी-स्टारर फिल्म कर्मा और फिरोज खान की जांबाज शामिल थी। दोनों ही फिल्मों में श्रीदेवी की गजब के अभिनय को दर्शक भी भौचक्के रह गए थे।
श्रीदेवी 1991 में यशराज बैनर की फ़िल्म लम्हे मे नजर आई इसके लिए दूसरा फिल्म फेयर अवार्ड मिला था। 1992 में श्रीदेवी ने अमिताभ बच्चन के ऑपोजिट खुदा गवाह में काम करने से मना कर दिया था क्योंकि वह रोल के लिए बराबर भुगतान चाहती थी। वही अनिल कपूर के साथ फिल्म लाडला और जुदाई में इनकी जोड़ी को काफी पसंद किया गया।
श्रीदेवी का फ़िल्मी करियर उन दिनों उंचाइयोँ पर था, तभी उनके और उनके कोस्टर मिथुन चक्रवर्ती के अफेयर की खबरे मिडिया में उड़ने लगी। चर्चा तो ये भी थी की श्रीदेवी और मिथुन ने चुचाप शादी भी कर ली है। हालंकि इन सबसे मिथुन के गृहस्थ जीवन में भूचाल लाकर रख दिया था। जिसके बाद मिथुन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर सबको अपने और श्रीदेवी के रिश्ते की सफाई दी।
बाद में उनकी ऑफिसियल शादी निर्माता बोनी कपूर के साथ में हुई। उनकी शादी भी विवादों में रही क्यूंकि बोनी कपूर की शादी पहले से मोना शौरी से हो चुकी थी।
श्रीदेवी अपने निजी स्वभाव और निजी जीवन के विवरण साझा करने की अनिच्छा के लिए जानी जाती थीं। हालाँकि, 1996 में उन्होंने निर्माता बोनी कपूर से शादी कर ली इनकी दो बेटियाँ भी है। जान्हवी कपूर जिनका जन्म 1997 में हुआ जो बाद में अभिनेत्री बनीं और ख़ुशी कपूर जिनका जन्म 2000 में हुआ।
श्रीदेवी की सुपरहिट फिल्में
सोलवाँ सावन (1978) हिम्मतवाला (1983) सदमा (1983) मवाली (1983) तोहफा (1984) नया कदम (1984) मास्टरजी (1985) मकसद (1985) नगीना (1986) नजराना (1987) मी. इंडिया (1987) वक़्त की आवाज़ (1988) चालबाज़ (1989) चांदनी (1989) लम्हे (1991) खुदा गवाह (1992) गुमराह (1993) लाडला (1993) जुदाई (1997), इंग्लिश -विंग्लिश(2012), मोम (2017)
श्रीदेवी की उपलब्धियां
1970- पूम्बट्टा फिल्म के लिए केरल राज्य फिल्म पुरस्कार सर्वश्रेष्ठ बाल कलाकार
1981– फ़िल्म मीनदम कोकिला के लिए फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार
1982 –मूंदराम पिराई में सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के लिए तमिलनाडु राज्य फिल्म पुरस्कार
1990 –चलबाज़ी के लिए का फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के पुरस्कार से नवाज़ा
1992 – लम्हे के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का फिल्मफेयर पुरस्कार
1993- तेलुगू फिल्म के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार क्षाना क्ष्नाम
1993 तेलुगू फिल्म के लिए नंदी पुरस्कार
1994- हिन्दी सिनेमा में योगदान के लिए Giant Award से नवाज़ा।
1997 – आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा कलासरस्वती पुरस्कार
2003-हिन्दी सिनेमा में उत्कृष्ट योगदान के लिए MAMI पुरस्कार
2003 –लच्छू महाराज पुरस्कार
2004- डॉ. अक्किनेनी लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार विजेता
2005- वामसी आर्ट थियेटर्स इंटरनेशनल का लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड
2008– फिक्की फ्रेम्स लिविंग लीजेंड इन एंटरटेनमेंट अवार्ड
2009 –33वें काहिरा अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (CIFF) में का लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड
2012- हैलो हॉल ऑफ फेम अवार्ड्स; इंग्लिश विंग्लिश के लिए वर्ष का उत्कृष्ट प्रदर्शन
2012- एनडीटीवी एंटरटेनर ऑफ द ईयर
2012-इंडिया टुडे वुमन इन आर्ट्स: श्रीदेवी, अभिनेता
2012-इंग्लिश विंग्लिश के लिए ड्रामा, स्टारडस्ट अवार्ड्स में सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री
2013 -भारतीय सिनेमा में योगदान के लिए पद्मश्री
2013 -महाराष्ट्र सरकार अभिनंदन अवार्ड
2013- इंग्लिश विंग्लिश के लिए चौथे जागरण फिल्म समारोह में सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री
2014- सत्यबामा विश्वविद्यालय से प्रेरक चिह्न पुरस्कार
2014 –सिनेमा में उत्कृष्टता के लिए Gr8 महिला पुरस्कार
2015 –फिल्मफेयर के ग्लैमर एंड स्टाइल अवार्ड्स में अल्टीमेट दिवा अवार्ड
2015- एशियाविज़न रेडियो एंड टेलीविज़न अवार्ड में भारत का चिह्न पुरस्कार
2018- मॉम फिल्म के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का राष्ट्रीय पुरस्कार।
2019 लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड – मरणोपरांत। फिल्मफेयर से।20 फरवरी 2018 को, श्रीदेवी अपने भतीजे की शादी के लिए संयुक्त अरब अमीरात के रास अल खैमा में अल जज़ीरा अल हमरा की यात्रा की। उन्होंने शादी के बाद अपनी बड़ी बेटी के जन्मदिन की खरीदारी के लिए दुबई में अपने प्रवास की अवधि बढ़ा दी। उनके पति बोनी कपूर ने एक सरप्राइज विजिट की योजना बनाई थी। वे 24 फरवरी की सुबह मिले और थोड़ी बातचीत की। बाद में डिनर के लिए तैयार होते समय श्रीदेवी नहाने और कपड़े पहनने चली गईं।
श्रीदेवी उस समय नहाने के लिये बाथरूम में थीं लेकिन बहुत देर तक बाथरूम से न निकलने पर उनके पति बोनी कपूर दरवाजा तोड़कर अंदर गये और देखा की वह डूब चुकी हैं। उन्हें तत्काल अस्तपताल ले जाया गया लेकिन तब तक वह दम तोड़ चुकी थीं। 24 फरवरी 2018 को 19:00 GMT पर उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। इस दर्दनाक घटना ने श्री देवी के परिवार वालों के साथ ही उनके चाहने वालों को भी बेहद आहत किया था।
शुरू में सोचा गया कि यह कार्डियक अरेस्ट था, लेकिन उसकी मौत की जांच में “दुर्घटनावश डूबने” का पता चला। टॉक्सिकोलॉजी रिपोर्ट में उसके फेफड़ों में शराब और पानी के अंश पाए गए। उनके जीजा संजय कपूर ने इंटरनेट पर अफवाहों को खारिज करते हुए उनके निधन की पुष्टि की। उनके निधन से प्रशंसकों, सह-कलाकारों और बॉलीवुड हस्तियों को गहरा दुख हुआ, जिन्होंने सोशल मीडिया पर अपनी संवेदना व्यक्त की।
श्रीदेवी के मामले की जांच की गई और उसे बंद कर दिया गया, और उनके पार्थिव शरीर को 27 फरवरी को वापस मुंबई लाया गया। हजारों लोग उनके आखिरी दर्शन को पहुंचे ताउम्र अपनी खूबसूरती के लिए विख्यात रहीं श्रीदेवी को उनकी अंतिम यात्रा पर भी खास तौर से सजाया गया लाल बनारसी साड़ी और ज्वेलरी में श्रीदेवी अपने आखिरी सफर पर भी बेहद खूबसूरत दिख रहीं थीं।श्रीदेवी की अंतिम यात्रा में सिनेमा और राजनीति की दिग्गज हस्तियों समेत आम लोग भी शामिल हुए सालों तक सिनेमा के जरिए लोगों का मनोरंजन करने वाली श्रीदेवी जब अपने आखिरी सफर पर निकलीं तो उनके अंतिम दर्शन को बेकरार हर आंख नम थी श्रीदेवी को अंतिम संस्कार स्थल तक सफेद फूलों में सजे एक विशेष वाहन से ले जाया गया उनके साथ पति बोनी कपूर के अलावा, अनिल कपूर, संजय कपूर और अर्जुन कपूर समेत तमाम लोग वाहन में सवार थे।
श्रीदेवी का शव तिरंगे में लपेटकर रखा गया था उन्हें राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई उनका अंतिम संस्कार 28 फरवरी को मुंबई के विले पार्ले सेवा समाज श्मशान में हुआ। राजकीय सम्मान के साथ उन्हें तोपों की सलामी दी गई और उनका अंतिम संस्कार किया गया। उनकी अस्थियां 3 मार्च को रामेश्वरम के तट पर समुद्र में विसर्जित कर दी गईं।
श्रीदेवी के सम्मान में उनके जीवन पर एक किताब की घोषणा की गई है। यह पुस्तक उनके जीवन और करियर का विस्तृत विवरण देगी।
‘Sri Devi- The life of a legend’ की घोषणा के बाद से श्रीदेवी के प्रशंसक इस किताब के रिलीज होने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं, जो अभिनेत्री के जीवन के बारे में लिखी जा रही है। अंत में, बोनी कपूर ने घोषणा की है कि पुस्तक पर काम चल रहा है और पुस्तक बहुत जल्द रिलीज की जाएगी।
बोनी कपूर खुश हैं कि धीरज कुमार श्रीदेवी के असाधारण जीवन के बारे में एक किताब लिख रहे हैं। पुस्तक का प्रकाशन वेस्टलैंड बुक्स द्वारा किया जाएगा।