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CYBER FRAUD : पुलिस और CBI ऑफिसर बनकर MNC कंपनी की सेवानिवृत्त निदेशक से 25 करोड़ की ठगी

CYBER FRAUD

मुंबई /तमाम इंतजाम और जतन के बाद भी भारत में साइबर ठगी नहीं रुक रही है। हर रोज  लोग साइबर ठगी के शिकार हो रहे हैं। ताजा मामला मुंबई से आया है। जहां साइबर क्रिमिनल्स ने खुद को पुलिस और सीबीआई (CBI) का अधिकारी बताकर मनी लांड्रिंग केस के नाम पर मल्टीनेशनल कंपनी (MNC) की सेवानिवृत्त महिला निदेशक से 25 करोड़ की ठगी की रिटायर्ड डायरेक्टर ने मनी लांड्रिंग केस से बचने के लिए अपनी और अपनी मां के शेयर, म्युचुअल फंड बेच दिया और गोल्ड लोन भी ले लिया। पुलिस के मुताबिक शहर में इस तरह के मामले हर रोज सामने आ रहे हैं। मुंबई इस पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है।

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पुलिस अधिकारी ने बताया कि, पीड़ित महिला ने पैसे देने के लिए अपने और अपनी मां के शेयर और म्यूचुअल फंड निवेश बेच दिए। यहां तक कि गोल्ड लोन भी ले लिया। यह घटना इस साल 6 फरवरी को हुई। शिकायतकर्ता, वरिष्ठ नागरिक है जो पश्चिमी उपनगर में रहती है, उनके वॉट्सऐप में एक कॉल आया, जिसमें कॉल करने वाले ने खुद को दूरसंचार विभाग का अधिकारी बताया। उसने कहा कि महिला के तीन मोबाइल नंबर निष्क्रिय कर दिए जाएंगे।

जब पीड़िता ने कारण जानना चाहा, तो कॉल करने वाले ने महिला को बताया कि वह एक पुलिस अधिकारी को कॉल कनेक्ट कर रहा है। उसके बाद, एक अन्य व्यक्ति ने खुद को पुलिस अधिकारी बताते बताते हुए बोलन शुरू किया और कहा कि उन्हें उसके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग की शिकायत मिली है और उसके मोबाइल नंबर और आधार कार्ड मामले से जुड़े पाए गए हैं। इसके बाद कॉल करने वाले ने कॉल को दूसरे व्यक्ति को ट्रांसफर कर दिया, जिसने खुद को CBI अधिकारी बताया और उसे मनी लॉन्ड्रिंग मामले में फंसाने की धमकी दी।

फोन करने वाले ने उससे कहा कि अगर वह मामले से बाहर निकलना चाहती है, तो उसे उसके द्वारा दिए गए बैंक खातों में पैसे जमा करने चाहिएं। साथ ही आश्वासन दिया कि उसे उसके पैसे वापस मिल जाएंगे। ठगों ने पीड़िता के नाम पर एक चालू खाता भी खोला और उसे वहां पैसे जमा करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि महिला का पैसा भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) को भेज दिया जाएगा। फोन करने वाले ने उसे स्थानीय पुलिस स्टेशन से भुगतान की रसीद लेने के लिए भी कहा। महिला ने खाते में लगभग 25 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए, लेकिन इसे वापस पाने में असफल रही। जब उसे पैसे वापस नहीं मिले और कोई कॉल नहीं आया तो तब महिला को संदेह हुआ। जिसके बाद महिला ने मुंबई पुलिस से संपर्क किया और अज्ञात धोखेबाजों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। मुंबई अपराध शाखा के साइबर पुलिस स्टेशन ने मामले की जांच शुरू की और अब तक 31 बैंक खाते फ्रीज कर दिए हैं।

सावधान रहें नही तो आप भी हो सकते है शिकार

किसी अनजान नंबर से अगर आपके पास फोन आए तो उस पर कभी भी विश्वास ना करे और उसे किसी तरह की जानकारी नही दे।

अगर कोई सीबीआई, ईडी या अन्य प्रवर्तन एजेंसियों के नाम पर फोन कर केस में फसाने की धमकी देता है। तो उस पर विश्वास ना करे जांच एजेंसियां इस तरह से फोन नही करती है।

किसी भी व्यक्ति के बताए गए खाते में रकम ट्रांसफर बिल्कुल नही करें।।

अगर आपके साथ सायबर फ्रॉड हुआ ही तो तुरंत ही सायबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करें। और नजदीकी पुलिस थाने में जानकारी दे।

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