JANJGIR CHAMPA : लाइवलीहुड कॉलेज में फर्जी उपस्थिति घोटाला: सहायक संचालक मयंक शुक्ला और लेखपाल ऋचा अग्रवाल बर्खास्त

दो बार हुई जांच, रिपोर्ट के बाद कलेक्टर ने की सख्त कार्रवाई
शिकायतकर्ता प्रशांत राठौर ने सीएम व पीएम तक पहुंचाई थी बात
जांजगीर-चांपा / जिले के चर्चित लाइवलीहुड कॉलेज फर्जीवाड़ा मामले में आखिरकार बड़ी प्रशासनिक कार्रवाई सामने आई है। जिला कौशल विकास प्राधिकरण में पदस्थ सहायक संचालक एवं प्रभारी सहायक परियोजना अधिकारी मयंक शुक्ला और लेखापाल ऋचा अग्रवाल को कलेक्टर जन्मेजय महोबे ने बर्खास्त कर दिया है।
जांच में इन दोनों संविदा कर्मचारियों पर फर्जी उपस्थिति दर्ज करने, झूठी रिपोर्ट तैयार करने और फर्जी प्रशिक्षण प्रमाण पत्र जारी करने जैसे गंभीर आरोप सिद्ध हुए हैं।
स्टिंग ऑपरेशन से खुला घोटाले का राज
पत्रकार प्रशांत राठौर ने कॉलेज में चल रही अनियमितताओं को उजागर करने के लिए एक स्टिंग वीडियो तैयार किया। इस वीडियो को उन्होंने मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री कार्यालय तक भेजा, जिसके बाद मामला तूल पकड़ा। प्रशासन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए एक तीन सदस्यीय जांच समिति गठित की, जिसकी रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे हुए।
फर्जीवाड़ा कैसे होता था?
छात्रों की उपस्थिति फिंगरप्रिंट क्लोनिंग से दर्ज की जाती थी, यानी बिना कॉलेज आए भी छात्रों की हाजिरी लग जाती थी। ऐसे छात्रों को भी प्रमाण पत्र जारी कर दिए गए, जो प्रशिक्षण में कभी शामिल ही नहीं हुए थे।
ट्रेनरों पर बनाया जाता था दबाव
जांच में कई प्रशिक्षकों ने स्वीकार किया कि उन्होंने यह सब मयंक शुक्ला और ऋचा अग्रवाल के दबाव में किया। यदि वे मना करते, तो नौकरी से निकालने की धमकी दी जाती थी।
निलंबन नहीं, सीधे बर्खास्तगी
दोनों आरोपी संविदा पदों पर कार्यरत थे, इसलिए उन्हें निलंबित नहीं किया जा सका। पहली जांच में भी दोष सामने आया था, लेकिन कलेक्टर ने दूसरी विस्तृत जांच करवाई। जब ठोस प्रमाण मिले, तो सीधी बर्खास्तगी की कार्रवाई की गई।
संबंधित संस्था ‘करियर जोन एजुकेशनल सोसायटी’ की जांच अभी जारी है।