हिंदी दिवस विशेष 2023
हिंदी दिवस पर खास – हिंदी बोलने लिखने और पढ़ने वालों के लिए आज बहुत ही खास दिन है। दरअसल आज हिंदी दिवस है। आज ही के दिन 14 सितंबर 1949 को हिंदी को राजभाषा का दर्जा दिया गया था। तब से लेकर आज तक हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस के तौर पर मनाया जाता था। वैसे तो हर भाषा का अपना विशेष महत्व है लेकिन हिंदी हम लोगों के लिए बेहद ही खास है। मुहम्मद इकबाल ने 1905 में लिखा था ‘हिंदी है हम वतन है हिंदोस्ता हमारा’ उस समय ये ब्रिटिश राज के विरोध के रूप में लिखा गया था लेकिन बाद में यही लाईने हिंदी भाषियों के देश प्रेम का प्रतीक बन गई। हर साल 14 सितंबर को हिंदी मनाया जाता है लेकिन बहुत से लोगों को ये नही पता है कि हिंदी दिवस आखिर मनाया क्यों जाता है। तो आइये जानते है हिंदी दिवस मनाने का कारण
रिपोर्ट्स के मुताबिक हिंदी दुनिया में तीसरी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा बन गई। हिंदी दुनिया की सबसे पुरानी भाषाओं में से एक संस्कृत से निकली है। यह भाषा इतनी लोकप्रिय है कि आमतौर पर इस्तेमाल होने वाले कुछ हिंदी शब्द जैसे ‘सूर्य नमस्कार’ और ‘जुगाड़’ को ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी में शामिल हो चुके हैं।
संविधान सभा द्वारा काफी लंबी चर्चा के बाद 14 सितंबर 1949 को हिंदी को भारत की राजभाषा स्वीकारा गया। 1949 में भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने संविधान सभा द्वारा भाषा को अपनाने के बाद 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाने का निर्णय लिया। हालांकि, पहला हिंदी दिवस आधिकारिक तौर पर 14 सितंबर 1953 को मनाया गया था। हिंदी देश की 22 अनुसूचित भाषाओं में से एक है। इसे भारत के संविधान के अनुच्छेद 343 के तहत आधिकारिक भाषा के रूप में मान्यता प्राप्त है।
भारत में हिंदी दिवस हर साल 14 सितंबर को मनाया जाता है। ये सिर्फ एक दिन नहीं है बल्कि ये अपनी मातृभाषा को सम्मान दिलाने का भी दिन है। वो भाषा जिसे हिन्दुस्तान का लगभग तीन-चौथाई भाग समझता है। हिंदी भाषा की भारत को आज़ादी दिलाने में भी अहम भूमिका रही है। हिंदी दिवस का दिन उस हिंदी भाषा को समर्पित है। जिसने हम सभी को तो आपस में जोड़ दिया लेकिन खुद कहीं-न-कहीं टूटती हुई नज़र आ रही है, और अब हमें इस भाषा के लिए एक विशेष दिन मनाना पड़ रहा है।
वर्तमान समय में अगर हम देखे, तो हम देखेंगे कि हिंदी दिवस का दिन अब एक औपचारिकता मात्र बन चुका है। अब तो ऐसा लगता है जैसे मानो लोग मर चुकी हिंदी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। हिंदी दिवस के अलावा आपने कभी अंग्रेजी दिवस, चीनी दिवस, फ्रेंच दिवस या किसी दूसरी भाषा के दिवस के बारे में सुना है। हिंदी दिवस मनाने का मतलब है गुम होती हिंदी और टूटती-बिखरती हुई हिंदी को बचाने का एक प्रयास, जिसे हम भारतीय हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाकर करते हैं। ये तो हम सभी जानते हैं कि हिंदी हमारी मातृभाषा है। जब किसी बच्चे का जन्म होता है। तो उसे भाषा का पहला ज्ञान उसके आसपास सुनाई देनी वाली आवाजों से प्राप्त होता है। सबसे पहले वह अपने घर में ही चीज़ों को सुनता और देखता है। हमारे देश में ज़्यादातर घरों में आम बोलचाल के लिए हिंदी भाषा का ही प्रयोग किया जाता है और भारतीय बच्चे हिंदी भाषा को बुहत ही आसानी से समझ लेते हैं।
जब कोई छोटा बच्चा घर में होता है, तो उससे सभी हिंदी में बात करते हैं। लेकिन जैसे ही वो बच्चा चार या पांच साल का हो जाता है, तो उसे किसी प्ले स्कूल या नर्सरी स्कूल में भेज दिया जाता है और उसे यहीं से हिंदी भाषा से ज़्यादा अंग्रेजी भाषा को सीखने पर ज़ोर दिया जाने लगता है। उस बच्चे के दिमाग पर अंग्रेजी भाषा में बोलने, लिखने और पढ़ने का दबाव डाला जाता है। जब वह बच्चा पहली या दूसरी क्लास में आता है, तो कई स्कूलों में टीचर उसको समझाने के लिए भी अंग्रेजी भाषा का ही इस्तेमाल करते हैं। कई बड़े अंग्रेजी स्कूलों में तो अंग्रेजी भाषा को ऐसे पढ़ाया जाता है जैसे ये ही हमारी राष्ट्रभाषा हो। हर माता-पिता का भी यही सपना होता है कि उनका बच्चा किसी बड़े और अच्छे अंग्रेजी स्कूल में पढ़ाई करे।
ऐसे भी कई बच्चे होते हैं जिन्हें अंग्रेजी भाषा सीखने में मुश्किल आती है और वह इसमें कमजोर रह जाते हैं। और तब हम उनके साथ ऐसा बर्ताव करते हैं जैसे मानो उन बच्चों से बहुत बड़ी गलती हो गई हो या उन्होंने अंग्रेजी न सीखकर कोई बहुत बड़ा जुर्म कर दिया हो। आज हिंदी भाषा की स्थिति इतनी खराब है कि कॉर्पोरेट और बिज़नेस सेक्टर में तो लोग हिंदी तक बोलने से कतराते हैं। हिंदी में बात करने में उन्हें शर्म महसूस होती है और यदि उनके आसपास किसी दूसरे व्यक्ति गलती से हिंदी में बात कर ली, तो वह उसे अनपढ़, और देहाती समझने लगते हैं। आज हमारे देश और समाज के लोगों में एक ऐसी सोच पैदा हो गई है कि आपके पास चाहे दुनियाभर का कितना भी ज्ञान हो, आप कितनी ही अच्छी हिंदी क्यों न बोलते हों लेकिन अगर आपको अंग्रेजी सही से नहीं आती, तो फिर आप बेकार हैं और आपको कुछ नहीं आता।
आप सभी को राजाभैया न्यूज़ डॉट कॉम की तरफ से हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं