JAI SANTOSHI MAA : आज तक कोई फिल्म नही तोड़ पाया इस फिल्म का रिकार्ड, जिसे देखने के लिए दर्शक सिनेमा हॉल के बाहर ही चप्पल उतार देते थे
इतिहास रचने वाली फिल्म ‘जय संतोषी मां’
Bollywood : धार्मिक कथाओं पर बॉलीवुड ने कई फिल्में बनाई हैं। हिंदी फिल्मों की तो शुरुआत ही राजा हरिश्चंद्र और तारामती की कहानी से हुई है। मगर साल 1975 में आई ‘जय संतोषी मां’ ने धार्मिक कथा पर आधारित फिल्मों में ऐसा मुकाम बनाया, जो इतिहास बन गया। इस फिल्म का कमाल ये है कि इसके आने के बाद ‘संतोषी माता’ के मंदिर बने, महिलाओं ने व्रत रखा। भारत की सबसे बड़ी ब्लॉकबस्टर फिल्मों में एक ‘जय संतोषी मां’ के ऐसे-ऐसे रिकॉर्ड रहे जिसे आज तक कोई तोड़ नहीं पाया।
साल 1975 में एक ऐसी फिल्म ने सिनेमाघरों में दस्तक दी थी, जिसकी कमाई से बॉक्स ऑफिस पर तहलका मच गया था। कमाल की बात ये है कि इसमें कोई सुपरस्टार नहीं था। आज हम आपको एक ऐसी फिल्म के बारे में बताते हैं, जिसने कमाई के मामले में 49 साल पहले बॉक्स ऑफिस पर इतिहास रच दिया था। कमाल की बात है कि फिल्म में कोई बड़ा हीरो नहीं था और ना ही इसे बड़े बजट में बनाया गया था, लेकिन जैसे ही फिल्म रिलीज हुई तो बॉक्स ऑफिस पर तहलका मच गया था। यहां तक कि बहुत कम बजट में बनी फिल्म ने अमिताभ बच्चन की फिल्म को भी बॉक्स ऑफिस पर पछाड़ दिया था। उस फ़िल्म का नाम है ‘जय संतोषी मां’
1975 एक ऐसा साल रहा है, जो बॉलीवुड के लिए बेहद शानदार साबित हुआ था। ‘शोले’, ‘दीवार’, ‘संन्यासी’ और ‘धर्मात्मा’ जैसी फिल्में बॉक्स ऑफिस पर सुपरहिट साबित हुई थीं। लेकिन जैसे ही ‘जय संतोषी मां’ फिल्म रिलीज हुई तो सबके होश उड़ गए थे। ये माता संतोषी पर बनी एक धार्मिक फिल्म थी जिसमें आशीष कुमार, भरत भूषण और अनीता गुहा जैसे सितारों ने काम किया था। ‘जय संतोषी मां’ में ऐक्ट्रेस अनीता गुहा ने मां संतोषी का किरदार निभाया था। जब भी वह स्क्रीन पर प्रकट होतीं लोग उनके आगे हाथ जोड़कर सिर झुका लेते। इस फिल्म में कनन कौशल ने सत्यवती और ऐक्टर आशीष मोहन ने बिरजू का किरदार निभाया था। फिल्म का बजट बहुत ही कम था और उस वक्त किसी को भी अंदाजा नहीं था कि यह फिल्म कभी इतिहास रचेगी। रिलीज होते ही फिल्म न सिर्फ ब्लॉकबस्टर रही, बल्कि इसके स्टार्स-कनन कौशल, आशीष कुमार और अनीता गुहा रातोंरात स्टार बन गए। ‘जय संतोषी मां’ को बॉलीवुड की पहली ब्लॉकबस्टर फिल्म कहा जाता है। जो बिना किसी स्टारकास्ट के ‘जय संतोषी मां’ ने सिल्वर स्क्रीन पर गोल्डन जुबली (50 सप्ताह) मनाई थी।
जय संतोषी मां’ फिल्म 30 मई, 1975 को रिलीज हुई थी, जिसका निर्देशन विजय शर्मा ने किया था। फ़िल्म के लिए उषा मंगेशकर ने महेंद्र कपूर के साथ मिलकर भक्ति गाने गाए थे। मशहूर कवि प्रदीप ने गानों के लिरिक्स लिखे थे। कमाल की बात ये है कि इस फिल्म को बनाने में मेकर्स ने सिर्फ 5 लाख रुपये खर्च किए थे और कमाई कई गुना ज्यादा हुई थी।
रिलीज के बाद ‘जय संतोषी मां’ बॉक्स ऑफिस पर आल टाइम ब्लॉकबस्टर साबित हुई थी और इसने इतिहास रच दिया। शुरुआत में इस फ़िल्म के 15 प्रिंट जारी किए गए थे, लेकिन बाद में डिमांड बढ़ने पर 300 प्रिंट और बनाए गए जिससे इसका बजट बढ़ा। उस दौर में कोई भी फिल्म सम्पूर्ण भारत में एक साथ प्रदर्शित नही होती थी। रिलीज के समय पहले महानगरों के अलावा कुछ बड़े शहरों में फिल्म का प्रदर्शन होता था या फिर फिर कुछ दिनों बाद उसे छोटे शहरों में दिखाया जाता था। हो सकता है कुछ शहरों में इसे 15 अगस्त 1975 को प्रदर्शित किया गया हो, जोकि फिल्म शोले के प्रदर्शन की तारीख भी थी। इसलिए कई जगह इसकी रिलीज डेट शोले के साथ दर्शायी गई है।
रिलीज के प्रारंभिक तीन दिनों में फिल्म का कलेक्शन कुछ खास नही था, लेकिन चौथे दिन से दूर-दूर से आने वाले ग्रामीण दर्शकों की भीड़ देखकर सिनेमा मालिक अचंभित रह गए। यह वह फिल्म थी, जिसने सिनेमाघरों को मंदिरों में तब्दील कर दिया था और लोग हॉल में घुसने से पहले बाहर ही चप्पलें निकाल देते थे। साल 1975 में आई इस फिल्म ने ऐसा करिश्मा दिखाया, जो आज तक कोई भी फिल्म नहीं दिखा पाई है। इस फिल्म को देखते वक्त लोग स्क्रीन पर फूलों और पैसों की बरसात करने लगते थे। बॉलीवुड के लिए एक कम बजट फ़िल्म का इतना लोकप्रिय होना किसी करिश्मा की तरह था। इस फिल्म ने देवी ‘संतोषी मां’ का प्रचार भारत के अलावा विदेशों में भी किया और उनकी तस्वीरों और कथाओं का एक अलग से कारोबार विकसित हो गया। वास्तव में ‘जय संतोषी मां’ फिल्म किसी चमत्कार जैसी थी और इसकी सफलता ने सभी को चौका दिया।
‘जय संतोषी मां’ बड़ी सफल फिल्म साबित हुई। दर्शकों ने इस फिल्म पर अपना जमकर प्यार लुटाया था। बॉक्स ऑफिस पर इस फिल्म ने 5 करोड़ रुपये का बिजनेस किया था, जिससे हिसाब लगाया जा सकता है कि इसने मेकर्स को 20 गुना ज्यादा पैसा कमाकर लैटाया था। हैरानी की बात ये है कि ‘जय संतोषी मां’ ने कमाई के मामले में अमिताभ बच्चन की फिल्म ‘दीवार’ को भी पीछे छोड़ दिया था।