JANJGIR CHAMPA NEWS : नवीन कानूनों के संबंध में ऑडिटोरियम भवन में कार्यशाला का हुआ आयोजन
Chhattisgarh
जांजगीर-चांपा / विधायक जांजगीर-चांपा ब्यास नारायण कश्यप, विधायक अकलतरा राघवेन्द्र कुमार सिंह, नगर पालिका अध्यक्ष जांजगीर-नैला भगवानदास गढ़वाल, नगर पालिका अध्यक्ष चांपा जय थवाईत, कलेक्टर आकाश छिकारा एवं पुलिस अधीक्षक विवेक शुक्ला की उपस्थिति में जिला मुख्यालय स्थित जिला पंचायत के पास ऑडिटोरियम भवन में 1 जुलाई 2024 को लागू होने वाले नये कानून के संबंध में जनप्रतिनिधियों, अधिकारी-कर्मचारी, अधिवक्ता गण, पत्रकारगण, नागरिक गण एवं छात्र-छात्राएं को जानकारी दी गई।
विधायक जांजगीर-चांपा ब्यासनारायण कश्यप ने कहा कि नवीन कानून संहिता लागू होने से आम नागरिकों को पारदर्शी एवं त्वरित न्याय व्यवस्था प्रदान करने के साथ ही आपराधिक व्यक्तियों के विरूद्ध कठोरतम कार्यवाही कर पीड़ित को न्याय दिलाया जा सकेगा। नवीन कानूनों का पालन करना हम सभी नागरिकों की जिम्मेदारी है। विधायक अकलतरा राघवेन्द्र कुमार सिंह ने कहा कि इस नये कानून के लागू होने से कम समय में न्याय मिलेगा। पुराना कानून ब्रिटिश काल का है इसकी व्यवस्था पुरानी हो गई थी जिसे अब अपडेट किया गया है। उन्होंने कहा कि समय के साथ साथ हमें भी नवीन कानूनों के संबंध में अपडेट होना चाहिए।
कलेक्टर आकाश छिकारा ने कहा कि 1 जुलाई 2024 से नये कानून लागू हो रहे हैं। इसके संबंध में अधिकारियों के साथ ही नागरिकों को जानकारी होना चाहिए। एक जुलाई से भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023, भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 प्रभावी होंगे। इसका उद्देश्य आमजनता को त्वरित रूप से न्याय दिलाकर राहत प्रदान करना है, इसलिए नवीन कानून के बारे में जानकारी होना बहुत आवश्यक है। सभी के लिए आवश्यक है कि स्वयं भी इन कानूनों को समझें तथा दूसरों को भी जागरूक करें।
पुलिस अधीक्षक विवेक शुक्ला ने नए कानून के संबंध में प्रेजेन्टेशन के माध्यम से विस्तारपूर्वक जानकारी दी। उन्होंने बताया कि नवीन भारतीय न्याय संहिता 01 जुलाई 2024 से लागू हो जाएंगे। इसका उद्देश्य आम जनता को त्वरित रूप से न्याय दिलाकर राहत प्रदान करना है। इसलिए नवीन कानून के बारे में सभी पुलिस अधिकारियों एवं सभी जनता को जानकारी होना बहुत आवश्यक है। अपराधियों के लिए नए कानून में गंभीर सजा का प्रावधान किया गया है। मॉब लिचिंग BNS की धारा 103 (1) IPC धारा 302 हत्त्या के लिए दण्ड के संबंध में, गैर इरादतन हत्या जो हत्या की श्रेणी में नहीं आती है, के लिए सजा BNS के धारा 105 एवं IPC धारा 304 निर्धारित सजा, यदि आरोपी पुलिस को मामले की रिपोर्ट करता है और पीडित को चिकित्सा उपचार के लिए अस्पताल ले जाता है तो कम सजा होती है के संबंध में, विवेचना जांच दौरान ली जाने वाली तलाशी के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई। नये कानून में दण्ड से न्याय की ओर ले जाने के लिए तथा %महिला एवं बच्चो से संबंधित कानून को संवेदनशील बनाया गया है तथा महिला एवं बच्चो से संबंधित अपराध में कठोर दण्ड का प्रावधान किया गया है। नये कानून में संगठित अपराध को परिभाषित करते हुए कठोर दण्ड का प्रावधान किया गया है। पुलिस अधीक्षक जांजगीर द्वारा आस्वस्त किया गया कि नये कानून में पुलिस आम जनता की मदद करेगी तथा उनमें जागरूकता लायेगी।
सहायक लोक अभियोजन अधिकारी सोनु अग्रवाल ने कार्यशाला में उपस्थित लोगो को बताया गया कि भारतीय दण्ड संहिता 1860 के स्थान पर भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 के स्थान पर भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872 के स्थान पर भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 को अधिसूचित किया गया है। उक्त सभी कानूनों के उपबंध 01 जुलाई 2024 को या उसके बाद घटित होने वाले अपराधों पर ही लागू होंगे। इन नए कानूनों का उद्देश्य औपनिवेशिक कानूनों में बदलाव, नागरिक केन्द्रित, अभियुक्त केन्द्रित, पीड़ित केन्द्रित कानून एवं कल्याणकारी अवधारणा, अभियोजन को मजबूती प्रदान करना, न्याय को नागरिक अनुकूल बनाना, उचित नियंत्रण और संतुलन के साथ पुलिस का सामंजस्यपूर्ण बनाना, प्रक्रियाओं की सरलता एवं संक्षिप्त ट्रायल को सरल बनाना, अनुसंधान में वैज्ञानिक तकनीक (फोरेसिक), डिजीटल एवं इलेक्ट्रानिक साक्ष्य के प्रावधान के साथ समयबद्ध प्रक्रिया का पालन किया जाना है। नए कानूनों में पुराने प्रचलित संहिताओं की धारा संख्यामें परिवर्तन के साथ कई स्थानों में परिभाषाओं और प्रक्रियाओं में समयानुकूल परिवर्तन किए गए है। जिससे कानूनी प्रक्रिया सरल हो।
इस अवसर पर सहायक कलेक्टर दुर्गा प्रसाद अधिकारी, अपर कलेक्टर एस पी वैद्य, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेन्द्र जायसवाल, सर्व एसडीएम, एसडीओपी, देवेश सिह सहित विभिन्न जनप्रतिनिधि एवं आम नागरिक उपस्थित थे।