
कार्यकर्ताओं को पहले खुद खाना चखना होगा, सुरक्षा प्रोटोकॉल के तहत सख्त निर्देश
जांजगीर-चांपा / आंगनबाड़ी केन्द्रों में बच्चों को मिलने वाले नाश्ता और गरम भोजन की गुणवत्ता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जिले में नई व्यवस्था लागू की गई है। इस संबंध में जिला कार्यक्रम अधिकारी ने निर्देश जारी करते हुए कहा कि अब आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका को बच्चों को भोजन परोसने से पहले उसे स्वयं चखना अनिवार्य होगा। इसके साथ ही, उसका पंजी संधारण (रिकॉर्डिंग) भी करना होगा।
भोजन में सफाई और भंडारण पर विशेष ध्यान
नए दिशानिर्देशों के तहत रसोई कक्ष और भंडार गृह की स्वच्छता को लेकर सख्ती बरती जाएगी। खाद्य सामग्री को सीलबंद डिब्बों या अनाज कोठी में ही रखने के निर्देश दिए गए हैं। फिनाइल, डिटर्जेंट जैसे रसायन रसोई से दूर सुरक्षित स्थान पर रखे जाएंगे।बच्चों और बाहरी व्यक्तियों का रसोई व भंडार कक्ष में प्रवेश पूरी तरह वर्जित रहेगा।
सुरक्षा और निगरानी का तगड़ा बंदोबस्त
खाद्य सुरक्षा की निगरानी के लिए जिले के सभी सेक्टर पर्यवेक्षकों को जिम्मेदारी दी गई है। इसके अलावा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं को स्वच्छता, सुरक्षा और संदिग्ध गतिविधियों की रिपोर्टिंग से संबंधित प्रशिक्षण दिया जाएगा।प्रत्येक केन्द्र में प्राथमिक उपचार किट उपलब्ध कराई जा रही है।स्वास्थ्य केन्द्रों से सीधा समन्वय स्थापित किया जा रहा है, ताकि आपात स्थिति में त्वरित मदद मिल सके। ग्रामीण स्वच्छता एवं पोषण दिवस जैसे कार्यक्रमों में खाद्य सुरक्षा को लेकर समुदाय को जागरूक किया जाएगा।
नाश्ता, गरम भोजन या टेक-होम राशन के दूषित होने की सूचना तत्काल निकटतम पुलिस थाने में देने के निर्देश हैं।
सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों में पोषण हेल्पलाइन 14408 और खाद्य विभाग का टोल फ्री नंबर 1800-233-3663 प्रदर्शित किया जाएगा, जिससे कोई भी व्यक्ति भोजन की गुणवत्ता से संबंधित शिकायत दर्ज कर सके।
प्रशासन द्वारा की गई यह पहल बच्चों के पोषण और स्वास्थ्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।