
महिला की हालत स्थिर, जल्द ही स्वस्थ होकर घर लौटेंगी।
रायपुर / स्व. श्री लखीराम अग्रवाल स्मृति शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय, संबद्ध संत बाबा गुरु घासीदास जी स्मृति शासकीय चिकित्सालय रायगढ़ लगातार स्वास्थ्य सेवाओं को विस्तार देते हुए जटिल रोगियों को बेहतर उपचार उपलब्ध करा रहा है। इसी क्रम में कान, नाक, गला (ईएनटी) विभाग की टीम ने अधिष्ठाता डॉ. विनीत जैन और अधीक्षक डॉ. मनोज कुमार मिंज के मार्गदर्शन में एक महिला के 12 सेंटीमीटर आकार के गले के ट्यूमर का सफल ऑपरेशन किया।
15 साल से बढ़ती गांठ, कई जगह इलाज—लेकिन राहत नहीं
महिला लगभग डेढ़ दशक से गले में बढ़ती गांठ (गॉयटर) से पीड़ित थी। कई अस्पतालों में इलाज कराया, परंतु कोई विशेष सुधार नहीं हुआ। कई चिकित्सकों ने ऑपरेशन की सलाह दी, लेकिन आवाज बदलने की आशंका, खाद्य नली में चोट लगने का जोखिम, जैसे कारणों से वह सर्जरी कराने से घबराती रही। समय बीतने के साथ गांठ का आकार विशाल होता गया और सांस तथा खाद्य नली पर दबाव बढ़ने लगा। निराश होकर अंततः महिला मेडिकल कॉलेज रायगढ़ पहुँची।
ईएनटी विभाग की टीम ने किया जटिल ऑपरेशन
ईएनटी विशेषज्ञ डॉ. नीलम नायक ने प्रारंभिक जांच में रोग की गंभीरता समझाई और महिला के मन की शंकाओं को दूर किया। इसके बाद महिला सर्जरी के लिए तैयार हुई। डॉ. नीलम नायक और विशेषज्ञ डॉक्टर्स की टीम ने अत्यधिक सावधानी के साथ ऑपरेशन करते हुए— आवाज़ को सुरक्षित रखा, खाद्य नली को क्षतिग्रस्त होने से बचाया, और 12 सेंटीमीटर का ट्यूमर सफलतापूर्वक निकाल दिया
ऑपरेशन के बाद पूरी तरह स्वस्थ
सर्जरी के बाद महिला को कुछ दिनों तक ICU में रखा गया, जहाँ
एनेस्थीसिया विभाग, डाइटीशियन और नर्सिंग टीम की निगरानी में देखभाल की गई। अब महिला पूरी तरह स्वस्थ है और उसे अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है।
गॉयटर (गलगंड) क्या है?
- थायरॉयड ग्रंथि का बढ़ना
- गर्दन में सूजन
- आयोडीन की कमी मुख्य कारण
- लक्षण — सूजन, निगलने में कठिनाई, सांस लेने में दिक्कत
- उपचार — आयोडीन पूर्ति, हार्मोन थेरेपी या सर्जरी





