छत्तीसगढ़

आयोजन ऐसा भी — जहाँ जीवन के पचास सालों को मात्र दो पहर में जीने की होगी कोशिश

समय बदल गया, चेहरे बदल गए… पर गोधना स्कूल के आँगन में लौटकर दिल एक बार फिर उसी मासूम उम्र में पहुँच जाएगा। पचास वर्षों की यादें… सिर्फ दो पहर में जीने की कोशिश होगी। गुरुजनों का आशीर्वाद, दोस्तों की हँसी और बचपन की दास्तान—सब एक ही मंच पर फिर जिंदा होंगे।”

जांजगीर-चांपा / जिले के कुरियारी, पोड़ी, गोधना, सलखन, कुकदा, बोरदा, कांसा, सेमरा, गिद्धा, तेंदुआ, अवरीद, अमोरा, कचंदा, मुड़पार, चोरभट्ठी, बरभाठा और आसपास के अन्य ग्रामों के वे सभी पूर्व छात्र, जिन्होंने प्राथमिक शिक्षा अपने-अपने गांवों के विद्यालयों से प्राप्त की तथा आगे की पढ़ाई गोधना स्कूल में की, पुनर्मिलन @ 2025 एवं गुरुजन–आशीर्वाद कार्यक्रम में एकत्र होने जा रहे हैं।

यह विशेष पुनर्मिलन रविवार, 23 नवंबर 2025 को सरस्वती उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, गोधना स्कूल प्रांगण में आयोजित होगा। यह आयोजन मुख्यतः सन् 1992 में कक्षा 8वीं और 1996 में कक्षा 12वीं में अध्ययन करने वाले उन छात्रों का है जो आज देश और राज्य के विभिन्न हिस्सों में अपनी—अपनी भूमिकाओं में स्थापित हैं।

गुरुजनों के प्रति आभार और सम्मान का अनूठा आयोजन

इस कार्यक्रम का मूल उद्देश्य कक्षा 1 से 12 तक शिक्षण देने वाले सभी गुरुजनों को आमंत्रित कर उनके प्रति अपनी श्रद्धा, सम्मान और कृतज्ञता व्यक्त करना, साथ ही उनका आशीर्वाद प्राप्त करना है। पूर्व छात्र एक बार फिर अपने गुरुजनों के सामने विद्यार्थी बनकर खड़े होंगे और बताएंगे कि कैसे उनके मार्गदर्शन से जीवन ने दिशा पाई।

जीवन–यात्रा और संघर्षों की साझा स्मृतियाँ

कार्यक्रम में उपस्थित पूर्व छात्र अपनी जीवन-यात्रा, चुनौतियों, संघर्षों और उपलब्धियों को साझा करेंगे। गजानन (कांसा) जैसे छात्रों की कहानी—जिन्होंने छोटे से गाँव से निकलकर मुंबई में खुद को स्थापित किया या रामाधीन (घिंवरा) जैसे प्रेरक उदाहरण जो आज बिलासपुर के सफल उद्यमी हैं. दूसरों को प्रोत्साहित करेंगे। ऐसे कई साथी, जिन्होंने अलग-अलग क्षेत्रों में सफलता पाई है, कार्यक्रम में अपने अनुभव बाँटेंगे।

15 गाँवों से जुटेंगे सहपाठी

लगभग 15 गाँवों से उस समय के सहपाठी इस मिलन में शामिल होंगे। सभी मिलकर पुरानी यादों के पन्ने पलटेंगे, एकरूपता की भावना को मजबूती देंगे, और विविधता की रंगीन छटा को उत्साह के साथ मनाएँगे।

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