JANJGIR CHAMPA : रंग पंचमी पर चांदी की पालकी में निकली बाबा कालेश्वर नाथ की भव्य बारात

जमकर उड़ा गुलाल
जांजगीर-चांपा / छत्तीसगढ़ के जांजगीर चांपा जिले के हसदेव नदी के किनारे बसे ग्राम पीथमपुर में रंग पंचमी के दिन बाबा कालेश्वरनाथ की चांदी की पालकी में बरात निकलने की परंपरा है। जहां बाबा कालेश्वर नाथ जी की बरात गाजे-बाजे के साथ निकाली गई है। देश के अलग-अलग जगहों से नागा साधु भी बरात में शामिल होने के लिए पहुंचे हुए हैं। ये यहां अलग-अलग तरीके के करतब दिखाते हैं।
जिले के पीथमपुर में यह परंपरा सैकड़ों वर्षों से चली आ रही हैं। बुधवार को रंग पंचमी पर बरात निकाली गई है। यहां होने वाले मेला और बाबा कालेश्वर नाथ महादेव भगवान की बरात की पूरे प्रदेश में चर्चा होती है। हर साल रंग पंचमी के दिन ही बाबा की बरात निकलती है। बुधवार को यह बरात 4 बजे निकाली गई है। बाबा कालेश्वर नाथ महादेव भगवान को चांदी की पालकी में बैठाकर पूरे गांव में घुमाया जाता है। इस बरात में शामिल होने के लिए दूर-दूर से लोग पहुंचे और खूब रंग गुलाल से होली खेली गई।
चांदी के पालकी में निकली बरात, हजारों की संख्या में लोग हुए शामिल
बाबा कालेश्वर नाथ मंदिर से बाबा की बरात को चांदी की पालकी में बैठकर निकाला गया है। जिसमें गांव के गलियों में भ्रमण कराकर बाबा को नागा साधुओं के द्वारा हसदेव नदी में स्नान के लिए ले जाया गया। इस बरात में देश के अलग-अलग जगहों से नागा साधु शामिल हुए हैं।
बाबा कालेश्वर नाथ की है विशेष मान्यता
लोग बाबा कालेश्वर नाथ पर अटूट आस्था रखते हैं। लोगों की मान्यता है कि रंग पंचमी के दिन बाबा के दर्शन करने से कई लाभ होते हैं। जिसमें सबसे बड़ा लाभ निःसंतान महिलाओं को होता है। इसके अलावा यदि किसी को पेट की पुरानी समस्या है तो वह भी दूर हो जाती है। यही कारण है कि लोग यहां बड़ी संख्या में शामिल होते हैं। बरात निकलने के साथ ही 15 दिन मेले का शुरुआत भी हो जाएगी।