महिला शिक्षकों को अन्यत्र अटैच कर किया जा रहा परेशान डीईओ ने बिना जांचे परखे जारी कर दिया सूची, शिक्षकों में नाराजगी
जांजगीर-चाम्पा। नवागढ़ विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी विजय लहरे का तानाशाही रवैया बढ़ता ही जा रहा है। शिक्षक व्यवस्था के नाम पर महिला शिक्षकों को उनके मूल शाला से 30 से 40 कि.मी. दूर अन्य स्कूलों में अटैच कराने डीईओ को सूची बनाकर भेज दिया जिसके बाद डीईओ ने बिना जांचे परखे सूची को कलेक्टर से अनुमोदन कराकर आदेश जारी कर दी इससे महिला शिक्षकों में खासी नाराजगी देखी जा रही है। ऐसे महिला शिक्षक जो घर की जिम्मेदारी, बच्चों की जिम्मेदारी के साथ अपनी ड्यूटी कर रहे है उन्हे इस तरह से आदेश जारी कर मानसिक रूप से परेशान किया जा रहा है। आदेश भले ही जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से जारी हुआ है किंतु सूची बीईओ द्वारा ही दी गयी है जबकि अन्य ब्लाक में ऐसा नहीं हुआ है वहां अटैच किया भी गया है तो महज 2 से 3 कि.मी. की दूरी पर किया गया है किंतु केवल नवागढ़ में ऐसा करने के पीछे बीईओ की स्पष्ट मंशा अपने कर्मचारियों को बेवजह परेशान करना ही है। इस तरह से शिक्षा में गुणवत्ता कैसे आयेगी यह सोचने वाली बात है। जानकारी यह भी है कि कलेक्टर मेडम को मामले की पूरी जानकारी दिये बिना ही कि महिला शिक्षकों को उनके मूल शाला से 30 से 40 कि.मी. दूर भेजकर अध्यापन कराने आदेशित किया जा रहा है, कलेक्टर से अनुमोदन कराकर सूची जारी की जा रही है। जिस संकुल में शिक्षकों को अटैच किया जा रहा है उस संकुल या उसके आसपास के संकुल से शिक्षक को अध्यापन व्यवस्था में कराया जाना उचित भी है किंतु यह कैसा फरमान है जिसमें जिले के सबसे बड़े ब्लाक के एक छोर के महिला शिक्षिकाओं को दूसरे छोर के स्कूल में भेजा जा रहा है। इसमें कई ऐसे भी है जो खुद स्कूटी नहीं चला पाते जिन्हे घर के लोग स्कूल तक छोड़ने व शाम को लेने आते है अब विभाग के आदेश के चलते इनको जो परेशानी होगी और सड़क आवागमन के दौरान मानसिक रूप से परेशान किसी के साथ कोई हादसा हो जाता है तो उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा? बहरहाल इस आदेश को तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाना चाहिए अन्यथा प्रभावित शिक्षकों द्वारा विभाग के अधिकारियों के खिलाफ मोर्चा खोला जायेगा।
व्यवस्था बनाने किया गया है स्थानांतरण – डीईओ
इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी एचआर सोम का कहना है कि जिस विद्यालय में शिक्षक की कमी थी वहां व्यवस्था बनाने के लिए सभी बीईओ कार्यालय से सूची लेकर विधिवत सूची जारी किया गया है।
उच्चाधिकारियों द्वारा मांगी गयी थी सूची – बीईओ
वही मामले के संबंध में विकास खंड शिक्षा अधिकारी विजय लहरे का कहना है कि उच्चाधिकारियों द्वारा विद्यालयों में अतिशेष शिक्षकों की सूची मांगी गयी थी।