CHHATTISGARH : केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में बस्तर दशहरा महोत्सव को संबोधित किया

जगदलपुर में 75 दिन चलने वाले बस्तर दशहरा महोत्सव का शुभारंभ, बोले – बस्तर की संस्कृति विश्व की धरोहर
रायपुर/ केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में आयोजित बस्तर दशहरा महोत्सव को संबोधित किया। कार्यक्रम से पूर्व उन्होंने माँ दंतेश्वरी मंदिर में दर्शन और पूजन किया। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, उप मुख्यमंत्री डॉ. विजय शर्मा सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
अपने संबोधन में गृह मंत्री शाह ने कहा कि 75 दिनों तक चलने वाला बस्तर दशहरा मेला केवल छत्तीसगढ़ या भारत ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व का सबसे बड़ा सांस्कृतिक महोत्सव है। उन्होंने कहा कि “नक्सलवाद के कारण बस्तर विकास से वंचित रहा, जबकि दिल्ली के कुछ लोग इसे विकास की लड़ाई बताकर भ्रम फैलाते रहे।”
गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से वे यह भरोसा दिलाना चाहते हैं कि 31 मार्च 2026 के बाद नक्सलवादी बस्तर के विकास और यहाँ के लोगों के अधिकारों को नहीं रोक पाएंगे। उन्होंने बस्तर की जनता से अपील की कि वे नक्सलवाद में भटके हुए युवाओं को समझाएँ और उन्हें हथियार छोड़कर मुख्यधारा में शामिल होने के लिए प्रेरित करें।
श्री शाह ने बताया कि छत्तीसगढ़ में देश की सबसे बेहतर सरेंडर नीति लागू की गई है, जिसके तहत पिछले एक माह में 500 से अधिक नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। उन्होंने कहा कि “जिस गाँव में नक्सलवाद पूरी तरह खत्म होगा, वहाँ विकास के लिए 1 करोड़ रुपए की विशेष राशि दी जाएगी।”
उन्होंने चेतावनी दी कि अगर किसी ने हथियार उठाकर बस्तर की शांति भंग करने की कोशिश की, तो सशस्त्र बल और पुलिस मिलकर करारा जवाब देंगे।
श्री शाह ने कहा कि केन्द्र और राज्य सरकार बस्तर तथा समस्त नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के विकास के लिए पूर्णतः समर्पित हैं। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले 10 वर्षों में छत्तीसगढ़ के विकास के लिए 4 लाख 40 हजार करोड़ रुपए से अधिक की राशि प्रदान की है।
गृह मंत्री ने कहा कि बस्तर का दशहरा, बस्तर ओलंपिक, पंडुम उत्सव, खानपान, वेशभूषा, कला और वाद्य यंत्र आज पूरी दुनिया में आकर्षण का केन्द्र बन चुके हैं। उन्होंने कहा कि “1874 से चली आ रही मुरिया दरबार की परंपरा, न्याय व्यवस्था और जनसंवाद की संस्कृति एक वैश्विक धरोहर है।”
अमित शाह ने कहा कि माँ दंतेश्वरी की रथ यात्रा, जो 14वीं शताब्दी से चली आ रही है, ने पूरे क्षेत्र में सांस्कृतिक जागृति की नींव रखी।
उन्होंने आगे कहा कि स्वदेशी अभियान के माध्यम से प्रधानमंत्री मोदी जी ने हर भारतीय से देश में निर्मित वस्तुओं के उपयोग का संकल्प लेने का आह्वान किया है। “यदि 140 करोड़ भारतीय स्वदेशी को अपनाएँ, तो भारत को विश्व की सर्वोच्च आर्थिक शक्ति बनने से कोई नहीं रोक सकता,” उन्होंने कहा।
श्री शाह ने बताया कि इस अवसर पर ‘महतारी वंदन योजना’ की 20वीं किस्त के रूप में 607 करोड़ रुपए की राशि 70 लाख माताओं को वितरित की गई। साथ ही ‘मुख्यमंत्री ग्रामीण बस योजना’ का शुभारंभ किया गया, जिसमें 250 गाँव शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने 395 वस्तुओं पर जीएसटी में छूट देकर माताओं-बहनों को बड़ी राहत दी है और खाने-पीने की वस्तुओं को करमुक्त किया है।
अपने उद्बोधन के अंत में श्री शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने आदिवासी समाज के सम्मान और विकास के लिए ऐतिहासिक कदम उठाए हैं, जिनमें देश की पहली आदिवासी राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू का चयन और भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती को ‘जनजातीय गौरव वर्ष’ के रूप में मनाना शामिल है।