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HIGH COURT NEWS : हाईकोर्ट ने फर्जी केस करने वाली महिला प्रोफेसर पर लगाया 15 लाख का जुर्माना

Prayagraj

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र विभाग के तीन प्रोफेसरों के खिलाफ फर्जी एससी/एसटी अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कराने के लिए महिला असिस्टेंट प्रोफेसर पर 15 लाख का जुर्माना लगाया है, और उसके द्वारा दर्ज कराई एफआईआर को रद्द कर दिया है।

न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार की पीठ ने ये फैसला प्रोफेसर मनमोहन कृष्ण, प्रह्लाद कुमार और जावेद अख्तर द्वारा दायर याचिकाओं पर सुनाया है। अदालत ने कहा कि शिकायतकर्ता जो कि अर्थशास्त्र विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर है। कानून के प्रावधानों को अच्छी तरह से जानने के बाद भी व्यक्तिगत रूप से बदला लेने के लिए कानून के प्रावधानों का दुरुपयोग कर रही थी।

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दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने कहा कि ये एक ऐसा मामला है जहां पूरी तरह से कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग है। शिकायतकर्ता ने विभाग के प्रमुख के खिलाफ व्यक्तिगत बदला लेने के लिए एक झूठे और फर्जी मामला दायर कर अपने सहयोगियों को फंसाने की कोशिश की है।

न्यायाधीश ने कहा कि जब भी वरिष्ठ विभागाध्यक्ष और प्रोफेसर उसे उचित ढंग से पढ़ाने और नियमित कक्षाएं लेने के लिए कहते, वह उनके खिलाफ शिकायत करती। यह पहला मामला नहीं है, जो घटित हुआ है। शिकायतकर्ता कानून के प्रावधानों को भलीभांति जानती है और वह निजी लाभ के लिए इन प्रावधानों का दुरुपयोग करती रही है।

अदालत ने प्रत्येक मामले में पांच लाख रुपये जुर्माना लगाते हुए कहा कि तुच्छ मामले दर्ज किए जाने की वजह से याचिकाकर्ताओं की प्रतिष्ठा और छवि धूमिल हुई है और उन्हें खुद को बचाने के लिए थाने से लेकर अदालत तक के चक्कर लगाने पड़े।

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