
डिजिटल धोखाधड़ी पर सुप्रीम कोर्ट सख्त
नई दिल्ली / देश में तेजी से बढ़ते डिजिटल अरेस्ट, निवेश घोटाले और ऑनलाइन पार्ट-टाइम जॉब स्कैम के बीच सुप्रीम कोर्ट ने महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है। अदालत ने देशभर में दर्ज सभी डिजिटल अरेस्ट मामलों की जांच CBI को सौंप दी है और सभी राज्यों की पुलिस को केंद्रीय एजेंसी के साथ पूर्ण सहयोग करने का निर्देश दिया है। साथ ही RBI को नोटिस जारी कर मामले में पक्षकार बनाया गया है। अदालत दो सप्ताह बाद इस मामले पर फिर सुनवाई करेगी।
वरिष्ठ नागरिक सबसे ज्यादा निशाने पर — CJI सूर्यकांत
मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत ने आदेश सुनाते समय कहा कि अधिकांश राज्यों ने बताया है कि ठग सबसे ज्यादा वरिष्ठ नागरिकों को निशाना बना रहे हैं। एमाइकस क्यूरी द्वारा प्रारंभिक जांच में ऑनलाइन ठगी को तीन श्रेणियों में बांटा गया है—
- डिजिटल अरेस्ट
- निवेश घोटाला
- पार्ट टाइम जॉब स्कैम
इन घोटालों में जबरन वसूली, धमकी देकर रकम ट्रांसफर कराना और फर्जी निवेश का लालच देकर ठगी करना मुख्य तरीका बताया गया है।
CBI को देशभर में जांच का अधिकार—राज्यों को सहमति देना अनिवार्य
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जिन राज्यों ने अभी तक CBI को व्यापक जांच के लिए सहमति नहीं दी है, उन्हें आईटी अधिनियम 2021 के अंतर्गत जांच की अनुमति प्रदान करनी होगी, ताकि CBI पूरे भारत में इन साइबर अपराधों की एकीकृत और व्यापक जांच कर सके।
अदालत ने कहा कि अपराध का दायरा सीमाओं से परे है, इसलिए जरूरत पड़ने पर CBI इंटरपोल से भी सहयोग ले सकती है।
सिम कार्ड जारी करने में लापरवाही पर सख्त टिप्पणी
कोर्ट ने दूरसंचार विभाग (DoT) को निर्देश दिया कि सिम कार्ड जारी करने में किसी भी तरह की लापरवाही पाए जाने पर एक ठोस प्रस्ताव अदालत के समक्ष प्रस्तुत करें। यह प्रस्ताव देशभर में सिम कार्ड के दुरुपयोग को रोकने के लिए सभी टेलीकॉम कंपनियों पर लागू होगा।
बैंकों की भूमिका की भी जांच करेगी CBI
सुप्रीम कोर्ट ने CBI को यह भी कहा कि वह PC Act (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) के तहत उन बैंकरों की भूमिका की जांच करे जिनके जरिए डिजिटल गिरफ्तारी घोटालों में इस्तेमाल होने वाले बैंक खाते खोले गए।
RBI को नोटिस: AI/ML कब लागू होगा?
अदालत ने RBI को पक्षकार बनाते हुए नोटिस जारी किया है कि, फर्जी लेनदेन वाले खातों की पहचान, संदिग्ध रकम को रोकने और ठगी के पैटर्न को पहचानने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग कब लागू की जाएगी, इसका विस्तृत जवाब पेश कर करना होगा।





