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Chemical Factory Blast : कैमिकल फैक्ट्री में ब्लॉस्ट, 34 लोगों की मौत, कई घायल

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Chemical factory Blast : तेलंगाना के संगारेड्डी जिले में एक बड़ा हादसा हुआ है। इस हादसे ने पूरे देश को हिलकर रख दिया। यहां की केमिकल फैक्ट्री में ब्लास्ट ने 34 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। पशामैलारम इंडस्ट्रियल एरिया स्थित केमिकल प्लांट में यह ब्लास्ट सोमवार को हुआ था। पहले 10 लोगों के घायल होने की सूचना आई थी। फिर 13  लोगों की मौत की खबर सामने आई। आखिरकार रात तक 34 से ज्यादा लोगों के मारे जाने की पुष्टि हुई। बताया जा रहा है कि अभी मौतों का आंकड़ा और बढ़ सकता है क्योंकि कई लोग घायल हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से मृतकों के परिजन को ₹2 लाख और घायलों को ₹50 हजार की मदद की घोषणा की थी।

जानकारी के मुताबिक, सोमवार को सुबह करीब 10 बजे तेलंगाना के संगारेड्डी जिले के औद्योगिक क्षेत्र पाशमाईलारम में स्थित सिगाची इंडस्ट्रीज लिमिटेड में जोरदार धमाका हुआ। यह धमाका फैक्ट्री के एक रिएक्टर में हुआ और इसकी तीव्रता इतनी अधिक थी कि पूरी इंडस्ट्रियल शेड उड़ गई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, धमाके के बाद आग लग गई और कुछ मज़दूरों के शव 100 मीटर दूर तक जा गिरे। शुरुआत में 13 मौतों की पुष्टि हुई थी, लेकिन जैसे-जैसे मलबा हटाया गया, शवों की संख्या बढ़ती गई. अब तक मौतों का आंकड़ा 34 तक पहुंच गया है। जानकारी के मुताबिक, हादसे के वक्त फैक्ट्री में करीब 150 कर्मचारी मौजूद थे, जिनमें से लगभग 90 कर्मचारी उसी स्थान पर थे जहां विस्फोट हुआ।

रेस्क्यू ऑपरेशन
घटना के तुरंत बाद एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और तेलंगाना आपदा प्रतिक्रिया बल (HYDRAA) की टीमें मौके पर पहुंचीं। मलबे में दबे लोगों को निकालने के लिए क्रेनों, गैस कटर और डॉग स्क्वॉड की मदद ली जा रही है. बचाव अभियान का आखिरी चरण चल रहा है।

घायलों की स्थिति
40 से अधिक घायलों को हैदराबाद के गांधी हॉस्पिटल और संगारेड्डी जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। कुछ की हालत नाजुक बनी हुई है। सीबी-सीआईडी को हादसे की जांच सौंपी गई है। फैक्ट्री प्रबंधन पर लापरवाही और सुरक्षा मानकों के उल्लंघन के आरोप लगाए जा रहे हैं।

आपको बता दें कि सिगाची इंडस्ट्रीज तेलंगाना की एक जानी-मानी केमिकल मैन्युफैक्चरिंग कंपनी है जो औषधीय और औद्योगिक ग्रेड केमिकल्स बनाती है। पहले भी इस इंडस्ट्री पर सेफ्टी नियमों की अनदेखी के आरोप लगे हैं लेकिन कभी इतनी बड़ी दुर्घटना नहीं हुई थी। यह हादसा न केवल तेलंगाना बल्कि पूरे देश के औद्योगिक सुरक्षा ढांचे पर सवाल खड़े करता है। जब तक श्रमिकों की सुरक्षा, रासायनिक संयंत्रों की निगरानी और प्रबंधन की जवाबदेही तय नहीं होती, ऐसे हादसे दोहराए जाते रहेंगे।

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