
नई दिल्ली / भारतीय अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन विज़िटर ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला 18 दिन के ऐतिहासिक मिशन के बाद सफलतापूर्वक धरती पर लौट आए। स्पेस के ड्रैगन कैप्सूल से प्रशांत महासागर में उनकी सुरक्षित लैंडिंग हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर उनका स्वागत करते हुए कहा कि उन्होंने अपने साहस और समर्पण से देश को गर्व महसूस कराया है।
भारत ने अंतरिक्ष विज्ञान में एक नया अध्याय लिखा है. ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला, जो अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर रहने और काम करने वाले पहले भारतीय बने, मंगलवार को सफलतापूर्वक पृथ्वी पर लौट आए. स्पेसएक्स के ड्रैगन यान से प्रशांत महासागर में दोपहर 3:01 बजे IST पर उनकी सुरक्षित स्प्लैशडाउन लैंडिंग हुई, जिसने Axiom-4 (Ax-4) मिशन का समापन किया.
यह मिशन न केवल भारत की वैज्ञानिक उपलब्धियों की नई ऊंचाई है, बल्कि आने वाले गगनयान मिशन के लिए एक ठोस नींव भी है. 1984 में राकेश शर्मा के बाद शुभांशु शुक्ला भारत के दूसरे अंतरिक्ष यात्री बने, लेकिन उनका अंतरिक्ष स्टेशन पर जाना भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम में मील का पत्थर साबित हुआ।
18 दिन की ऐतिहासिक उड़ान के बाद शुभांशु शुक्ला और उनकी टीम कमांडर पेगी विटसन (अमेरिका), स्लावोस्ज उज़्नांस्की (पोलैंड), और तिबोर कापू (हंगरी) ISS से अनडॉकिंग के करीब 22 घंटे बाद पृथ्वी पर लौटे. 27,000 किमी/घंटा की रफ्तार से जब ड्रैगन यान पृथ्वी के वायुमंडल में दाखिल हुआ, तब अत्यधिक गर्मी और गुरुत्वीय दबाव ने टीम की सहनशक्ति की परीक्षा ली. सोनिक बूम की आवाज़ और पैराशूट खुलने के साथ ही यान धीरे-धीरे महासागर में उतरा, जहां से टीम को रेस्क्यू किया गया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दी बधाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, मैं पूरे देश के साथ ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला का स्वागत करता हूं। क्योंकि वह अपने ऐतिहासिक अंतरिक्ष मिशन से पृथ्वी पर लौट रहे हैं। अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन का दौरा करने वाले भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री के रूप में उन्होंने अपने समर्पण, साहस और अग्रणी भावना से करोड़ों सपनों को प्रेरित किया है. यह हमारे अपने मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन – गगनयान की दिशा में एक और मील का पत्थर है।