CHHATTISGARH NEWS : बहुचर्चित जग्गी हत्याकांड के सभी आरोपियों की उम्रकैद की सजा बरकरार, हाईकोर्ट ने खारिज की अपील
Chhattisgarh
बिलासपुर / प्रदेश की राजनीति की दशा और दिशा बदलने वाले एनसीपी (NCP) नेता रामावतार जग्गी हत्याकांड में हाईकोर्ट का फैसला आ गया। हाईकोर्ट ने जग्गी हत्याकांड के आरोपियों की अपील खारिज करते हुए 28 आरोपियों की उम्र कैद की सजा बरकरार रखा है।
दरअसल, यह बात आज से 19 साल पुरानी है, तब छत्तीसगढ़ को मध्यप्रदेश से विभाजित होकर अलग राज्य बने महज़ 3 साल हुए थे, उस समय हमारे प्रदेश के बड़े राजनेताओं में से एक थे रामावतार जग्गी, वो राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के कोषाध्यक्ष थे। साथ ही वह पूर्व दिवंगत केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल के बेहद करीबी नेता थे।
छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2003 से ठीक पहले 4 जून 2003 को रामावतार जग्गी की राजधानी रायपुर में मौदहापारा थाने के पास गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। प्रदेश में चारों तरफ इस हत्याकांड से हड़कंप मच गया और यह मामला रातोंरात सुर्ख़ियों में आ गया। राम अवतार जग्गी के बेटे सतीश जग्गी ने हत्या के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री अजीत जोगी और उनके बेटे अमित जोगी पर उनके पिता की मौत का आरोप लगाया था। सतीश जग्गी ने दोनों के खिलाफ एक प्राथमिक रिपोर्ट भी दर्ज की थी।
रामावतार जग्गी हत्याकांड में कुल 31 अभियुक्त बनाए गए थे, जग्गी हत्याकांड में दोषी अभय गोयल, फिरोज सिद्दीकी, राकेश चंद्र त्रिवेदी, अवनीश सिंह लल्लन, सूर्यकांत तिवारी, सुनील गुप्ता, राजू भदौरिया, अनिल पचौरी, रविंद्र सिंह, रवि सिंह, लल्ला भदौरिया, धर्मेंद्र, सत्येंद्र सिंह, शिवेंद्र सिंह परिहार, विनोद सिंह राठौर, संजय सिंह कुशवाहा, विक्रम शर्मा, जसवंत, विश्वनाथ राजभर की ओर से अपील की गई थी। इनमें राकेश शर्मा की मौत हो चुकी है।
उम्र कैद की सजा पाने वालों में शूटर चिमन सिंह, यहाया ढेबर, आरसी त्रिवेदी, अमरीक सिंह गिल, वीके पांडे समेत दो सीएसपी व एक थाना प्रभारी शामिल हैं। जिनमें से दो बुल्ठू पाठक और सुरेंद्र सिंह सरकारी गवाह बन गए थे। एक अमित जोगी को छोड़कर बाकी 28 लोगों को सजा दी गई थी। इसके बाद आरोपियों ने हाईकोर्ट में अपील दायर कर निचली अदालत के फैसले को चुनौती दी थी।
हाईकोर्ट के दोषियों की अपील को खारिज किए जाने के बाद राम अवतार जग्गी के बेटे सतीश जग्गी ने कहा कि मुझे न्यायपालिका पर पूरा भरोसा था। सभी अभियुक्तों को सजा सुनाई गई है। हमारा परिवार शुरू से कहता रहा है कि, राजनीतिक षड़यंत्र के तहत मेरे पिता की हत्या कराई गई थी।