CHHATTISGARH NEWS : भाजपा जिला अध्यक्ष का व्हाट्सएप हैक, जांच में जुटी पुलिस
Cyber Crime
मुंगेली / छत्तीसगढ़ के मुंगेली में भाजपा जिला अध्यक्ष शैलेष पाठक का व्हाट्सएप (Whatsapp) हैक हो गया है। इसलिए उन्होंने सोशल मीडिया (Social media) के जरिये आमजनों से अपील की है कि उनके भेजे गए लिंक को न खोलें। उन्होंने कहा कि रूटीन से हटकर किसी के भी नाम से कोई भी मैसेज आए तो लिंक को न खोलें। हैकर Whatsapp मैसेज करके भी लोगों को शैलेष पाठक के नाम से फ़ाइल डाउनलोड करने कह रहा है। इसलिए ऐसा बिल्कुल न करें। उन्होंने स्क्रीन शॉट की वो तस्वीर भी शेयर किया है, जो कि हैकर की ओर से उनका Whatsapp हैक करने के बाद शेयर किया जा रहा है। वही BJP जिला अध्यक्ष शैलेष पाठक ने बताया कि उन्होंने इसको लेकर पुलिस के पास शिकायत भी दर्ज कराई है।
पुलिस का कहना है कि apk File डाउनलोड न करें, वरना मोबाइल हैक हो जाएगा। इसके अलावा +1234567890 95XXXXXXX123 yojna.apk a 2.apk एक्सटेंशन वाली फाइल प्राप्त होने पर तत्काल उसे डिलीट कर दें, चाहे ये फाइल आपके किसी परिचित एवं भरोसेमंद व्यक्ति के मोबाइल नंबर से ही क्यों न प्राप्त हुआ हो बिना क्लिक किए डिलीट कर देंवें।
बचाव के उपाय- 95XXXXXXX321 लीस मौसम अपडेट.apk, 95XXXXXXX321 PM Kisan yojna.apk, छत्तीसगढ़ मौसम की जानकारी. apk, app-releas.apk, xyz_yojna.apk, PM_Avas_Yojna.apk, etc। ऐसी फाइल को बिना ओपन किए तत्काल डिलीट करें। अपने फोन का इंटरनेट बंद कर दें तथा उसे 2-3 बार रिस्टार्ट करें। पेमेंट वॉलेट, सोशल मीडिया अकाउंट, व्हाट्सएप इत्यादि का पासवर्ड बदल लें। कोई परिचित इस तरह के मैसेज भेज रहा तो उसे फोनकॉल कर सूचित करें।
मुंगेली पुलिस, आपकी सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी इस थीम पर पुलिस कंट्रोल रूम- 9479193044, साइबर सेल 9479193755, 9479193756 ने ये नंबर जारी किया हैं, यदि कोई तरह के हैकर के शिकार हो जाते है तो इस नंबर पर संपर्क कर पुलिस सहायता ले सकता है।
पुलिस ने किया सचेत- WHATSAPP पर आजकल apk एक्सटेंशन वाली कुछ फाइल काफी अधिक संख्या में फारवर्ड हो रही हैं। इन फाइल्स की पहचान है इसके आखिर में.apk लिखा होता है। ऐसे फाइल पर क्लिक करते ही आपका फोन हैक हो जाता है और फोन का सारा डाटा, सोशल मीडिया अकाउंट, ई-वॉलेट, नेट बैंकिंग इत्यादि की जानकारी भी हैकर के पास पहुंच जाती है। हैकर की ओर से आपके ही व्हाट्सएप नंबर से आपके परिचित मोबाइल नंबरों पर भी ये फाइल फॉरवर्ड की जा सकती है, जिससे वे भी ठगी का शिकार हो सकते हैं।