
सबकी आँखे हुई नम !
धराली / उत्तराखंड के धराली (उत्तरकाशी) में प्राकृतिक आपदा के बीच एक बहन धनगौदी बरौलिया ने राहत कार्यों का जायजा लेने पहुंचे उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की कलाई में अपनी साड़ी फाड़कर राखी बांधी, जिसने मुख्यमंत्री समेत वहां पर मौजूद लोगों की आंखें नम हो गई।
जानकारी के अनुसार, गुजरात के अहमदाबाद के ईशनपुर निवासी धनगौरी बरौलिया अपने परिवार के साथ गंगोत्री धाम के दर्शन-पूजन के लिए उत्तराखंड आई हुई थी। 5 अगस्त 2025 को धराली में आई प्राकृतिक आपदा के कारण वह अपने परिवार सहित फंस गई। सड़क मार्ग अवरूद्ध होने और जगह-जगह मलबे के तेज बहाव ने स्थिति को बेहद जटील बना दिया था। हालांकि इसके लिए एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और भारतीय सेना की रेस्क्यु टीम के अथक प्रयासों से बरोलिया और उसके परिवार को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया था।
सीएम धामी के शिविर स्थल पहुंचने पर महिला ने अपनी साड़ी फाड़कर राखी बांधी
शुक्रवार को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को गुजरात की एक महिला ने साड़ी फाड़कर राखी बांधी क्योंकि वह और उसका परिवार उत्तरकाशी के धराली में आई भीषण आपदा में कई दिनों से फंस गए थे। सीएम धामी के नेतृत्व में राहत और बचाव कार्य तेजी से शुरू हुए और महिला के परिवार को सुरक्षित बाहर निकाला गया था। इस दौरान महिला ने अपनी भावनाओं को रोक नहीं पाईं और अपनी साड़ी का एक टुकड़ा फाड़कर उसे राखी के रूप में मुख्यमंत्री धामी को बांध दिया।
महिला ने कहा सीएम धामी मेरे लिए कृष्ण जैसे
शिविर स्थल पर मौजूद धनगौरी बरौलिया ने राखी बांधते हुए कहा कि ‘मेरे लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भगवान श्रीकृष्ण जैसे हैं, जिन्होंने न केवल मेरी, बल्कि यहां पर मौजूद सभी माताओं-बहनों की एक भाई की तरह रक्षा की हैं ! उन्होंने अपनेपन का एहसास कराया हैं। इस दृश्य को देखकर मौके पर मौजूद सभी लोग भावुक हो गए। यह केवल एक साड़ी का टुकड़ा मात्र नहीं था बल्कि उस टुकड़े में एक बहन का विश्वास, प्रेम, स्नेह और सुरक्षा की भावना सन्निहित था।
सीएम हुए भावुक
आपदा के मलबे के बीच जन्मा यह अपनत्व का दृश्य मानवता, संवेदनशीलता और भाईचारे की सबसे सुंदर मिसाल बन गया। मुख्यमंत्री धामी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक पोस्ट के माध्यम से बताया, “धराली (उत्तरकाशी) में आपदा प्रभावित क्षेत्रों के निरीक्षण के दौरान एक बहन ने साड़ी का किनारा फाड़ कर मेरी कलाई पर राखी के प्रतीक के रूप में बांधा तो मन अत्यंत भावुक हो उठा।”
उन्होंने कहा, “ना थाली, ना चंदन, केवल एक कपड़े का टुकड़ा, लेकिन उसमें रिश्ते का सच्चा एहसास, सुरक्षा का वचन, और मानवता का सबसे सुंदर रूप समाया था। उस राखी में एक बहन की प्रार्थना थी और एक भाई के कंधों पर आया एक नया दायित्व। ये कोई सामान्य राखी नहीं थी ये थी भरोसे की, अपनत्व की, और उस रिश्ते की जो खून से नहीं, दिल से जुड़ता है।”
सीएम धामी ने कहा कि वह हर परिस्थिति में आपदा प्रभावित बहनों के साथ खड़े रहेंगे और प्रदेश सरकार की ओर से हर संभव मदद दी जाएगी।