छत्तीसगढ़

JANJGIR CHAMPA : बेटी दिवस पर वृक्षारोपण ! अनेक पेड़ बेटियों के नाम तर्ज पर डोगाघाट मंदिर परिसर में रोपे गए आम, जामुन, नीम, पीपल सहित 7 पौधे

जीवन के रंग और सेवा भावना के संग

जांजगीर-चांपा / देश के प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी के श्लोगन ‘एक पेड़ मां के नाम’ के वाक्यांश को आत्मसात करते हुए चांपा नगर के ख्यातिलब्ध चिकित्सक डॉ विजय कुमार अग्रवाल- संगीता अग्रवाल की पुत्रवधू नेहा-अविनाश अग्रवाल ने बेटी दिवस के अवसर पर अपनी सहेलियों यथा मंजू शर्मा महिला सशक्तिकरण प्रमुख ए बी एम ए, मधु-संजय अग्रवाल वर्तमान अध्यक्ष एबीएमएमएस उपाध्यक्ष एएएस, नेहा-अविनाश अग्रवाल प्रदेश पर्यावरण संरक्षण प्रमुख, शाखा संरक्षक एवं अध्यक्ष एएएस खुशबू,-अमित अग्रवाल सचिव एबीएमएमएस के साथ अन्यान्न्य लोगों ने इस सुप्रसिद्ध डोगा घाट मंदिर से लगी हुई उद्यान में वृक्षारोपण की।

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ऊर्जावान महिला नेहा अग्रवाल ने दैनिक समाचार-पत्रों से सम्बद्ध शशिभूषण सोनी से चर्चा करते हुए कही कि दिनांक 22 सितम्बर, 2024 को बेटी दिवस पर पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य से डोगा घाट मंदिर में पहुंचकर तरह-तरह के 7 पौधे यथा : आम, नीम, पीपल, बेल, जामुन और बड़ और अमरुद के फलदार पौधा को सहेलियों के साथ लगाई। इस कार्य की प्रेरणा मैंने देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी से पाई हूं। अत्यंत गौरव की बात हैं कि नरेंद्र मोदी जी बेहतर धरती के निर्माण और लोगों के सतत जीवन विकास में देश के हर जनता-जनार्दन को योगदान देने का आग्रह किया था। मैंने भी उनके आग्रह और विनय से प्रेरणा लेकर पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में जुड़ गई हूं और लगातार बेहतरीन स्वस्थ्य के लिए लोगों को इस दिशा में कार्य-योजना बनाकर क्रियान्वित कर रही हूं। उन्होंने कहा कि हम सभी विभिन्न आयोजनों में सक्रियता से भाग लेती हैं जैसे गणेशोत्सव, अग्रसेन जयंती, दुर्गा पूजा, तीज़ पर्व और आने वाले समय में नवदुर्गा उत्सव में भी बड़े उत्साह और उमंग से अपनी सहभागिता निभाते हुए समारोह में यथासंभव सहयोग भी देंगे। मैं आप सभी से हाथ जोड़कर निवेदन करती हूं कि आप अपना कर्तव्य और अधिकार दोनों का सही दिशा में उपयोग करे। यहां पर ड्यूटीज और राईट्स दोनों का काम अलग-अलग हैं। भारतवर्ष के संविधान में भी अपने अधिकार के संबंध में विस्तृत वर्णन हैं, हम-सब मिलकर अधिकार और कर्तव्य का देशहित में पालन करे। देश में तेजी से बढ़ते कल-कारखाने और उनसे प्रदूषित होती धरती से वैसे भी सब चिंतित हैं और अभियान से जुड़ते जा रहे हैं। पेड़-पौधे हमारे जीवन के लिए आवश्यक हैं। नेहा अग्रवाल ने बताया कि जीवन में वास्तविक सुख-सुविधा और तन-मन में प्रसन्नता हरे-भरे पेड़-पौधें लगाने से ही हैं। नेहा अग्रवाल ने बताया कि गणेशोत्सव, दुर्गोत्सव और भी देवी-देवताओं को प्रतिष्ठापित कर उनका विधिवत पूजा-पाठ करने, पंडाल सजानें, भंडार लगाने, भोग प्रसादी वितरित आदि करने का हमें पूर्ण अधिकार हैं परंतु इसके साथ ही हमारे कुछ कर्तव्य भी होते हैं जो कि हम याद नही रख पाते। तो चलिए आज पुनः याद कर लेते हैं अपने कर्तव्यों को

1- प्रसाद के लिए हम पत्तल से बने हुए दोनो का उपयोग करे। ना कि सिल्वर और प्लास्टिक के लेयर लगे हुए रेडीमेड दोनो जिन्हे डिस्पोजल कहते है जो कि बहुत सस्ते और आसानी से मिलने की वजह से हम हजारों की तादात में उपयोग करते है।
2- अपनी संस्कृति की करें सुरक्षा,बच्चों को बाल्यकाल से ही सिखाएं इको फ्रेंडली तरीके से उत्सव मनाना। आर्टिफिशियल समान से सजावट करने के बजाय अपने बच्चों को आम के पत्तों, गेंदे के फूल से माला आदि बनवाकर घर पर पूजन हेतु पंडाल बनवाएं।
3– हर मांगलिक अवसर पर गोबर के कंडो से घर पर धूप दे।
4- पूजन हवन आदि की सामग्री को समापन के पश्चात नदियों में ना विसर्जित करें। उन्हे घर पर ही पुरानी मटकियों में डालकर अपने गार्डन के लिए खाद तैयार करें।
5- घर पर किसी मांगलिक आयोजन,सालगिरह या जन्मदिवस,साथ ही विशेष अवसरों पर भेंट देने और लेने के लिए सबसे पहले पौधों को उपहार में देने और उनकी सुरक्षा करने को चलन में लाए।
6- अग्रसेन जयंती या दुर्गा विसर्जन आदि में निकलने वाले रैलियों में ध्यान रखे की हमारे द्वारा सड़को पर फोन पानी पाउच चिप्स आदि के कचरें ना फेंके जाएं।
7- त्योंहारों में सरलता और सौहार्द्रता हो।

शशिभूषण सोनी ने कहा कि जब शरीर स्वस्थ रहे तब हर कार्य ठीक रहता हैं, यह सब पर्यावरण संरक्षण से ही ठीक रह सकता हैं, लोगों से यही निवेदन हैं कि छायादार और फलदार पौधे जरुर लगाएं और लगाने के लिए प्रोत्साहित करे।

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