
बरसात के मौसम में झरने का नजारा मंत्रमुग्ध कर देता है – एडवेंचर, फोटोग्राफी और प्रकृति प्रेमियों के लिए परफेक्ट स्थान
रायपुर / रानीदाह जलप्रपात छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में स्थित एक बेहद खूबसूरत प्राकृतिक स्थल है। यह झरना घने जंगलों और पहाड़ी इलाकों के बीच बसा हुआ है, जो अपने अद्भुत प्राकृतिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध है।
जलप्रपात का सबसे आकर्षक दृश्य मानसून के दौरान देखने को मिलता है, जब पानी का बहाव चरम पर होता है और चारों ओर हरियाली और घाटियाँ जीवंत हो उठती हैं। एडवेंचर प्रेमियों, फोटोग्राफरों और प्रकृति प्रेमियों के लिए यह स्थल एक अद्भुत अनुभव प्रदान करता है।

बरसात के मौसम में झरने की धाराएँ विशाल चट्टानों से गिरकर एक गहरे जलकुंड में मिलती हैं। आसपास के जंगल, टेढ़े-मेढ़े रास्ते और ऊँची-नीची पहाड़ियाँ इस जगह को रोमांचक बनाती हैं। यहाँ का वातावरण शांत, ताज़गी भरा और हरियाली से भरा रहता है, जो इसे पिकनिक और ट्रैकिंग के लिए आदर्श बनाता है।
इतिहास और किंवदंती
रानीदाह जलप्रपात से जुड़ी एक रोचक कहानी भी है। कहा जाता है कि उड़ीसा की रानी शिरोमणि अपने प्रेमी के साथ भागकर जशपुर आईं और अपने भाईयों से छिपते हुए इसी झरने के समीप आत्मसमर्पण किया। इसी वजह से इस स्थल का नाम ‘रानीदाह’ पड़ा। आज भी यहाँ रानी की समाधि और पंचमैया नामक स्थल देखने को मिलता है, जो रानी के पांच भाईयों को प्रतीकात्मक रूप में दर्शाता है। जलप्रपात के पास एक शिव मंदिर भी है, जिससे इसका धार्मिक महत्त्व और बढ़ जाता है।
कैसे पहुंचें
रानीदाह जलप्रपात वर्ष भर, विशेषकर जून से फरवरी तक देखने के लिए खुला रहता है। यह जशपुर से आरा मार्ग पर लगभग 18 किमी दूरी और मुख्य सड़क से 5 किमी अंदर स्थित है।
- सड़क मार्ग: स्थानीय बस, टैक्सी या निजी वाहन
- रेल मार्ग: नजदीकी रेलवे स्टेशन – रांची व अंबिकापुर
- हवाई मार्ग: रांची व रायपुर एयरपोर्ट
जिला प्रशासन ने यहाँ व्यू प्वाइंट, सीढ़ियाँ, और पिकनिक के लिए सुरक्षित व्यवस्था की है, जिससे पर्यटक आराम से प्रकृति का आनंद ले सकें।
पर्यटन और अनुभव:
रानीदाह जलप्रपात न केवल छत्तीसगढ़ के पर्यटन मानचित्र पर महत्वपूर्ण है, बल्कि यह प्रकृति, इतिहास और रोमांच से भरपूर एक अविस्मरणीय स्थल भी है। यहाँ आकर व्यक्ति को प्रकृति के शांत, पवित्र और रमणीय स्वरूप का गहरा अहसास होता है।





