WAYANAD LANDSLIDES : केरल के वायनाड में भूस्खलन से 140 से ज्यादा लोगों की मौत, कई लापता, बचाव में जुटी सेना
Wayanad Landslides
केरल के वायनाड में मंगलवार को हुए भूस्खलन में मरने वालों की संख्या 150 हो गई है। तीनों सेनाओं के संयुक्त प्रयास से कई लोगों को सुरक्षित बचाया गया। भारतीय वायुसेना ने घायलों को हेलिकॉप्टर की मदद से अस्पताल पहुंचाया है। हादसे में घायल 180 से अधिक लोगों का इलाज चल रहा है। वायनाड में भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में बचाव अभियान अभी भी जारी है।
इस बीच, भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने वायनाड के पर्वतीय जिले और केरल के सभी उत्तरी जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। यह दर्शाता है कि इन क्षेत्रों में अत्यधिक भारी बारिश होने की उम्मीद है, 24 घंटों के भीतर 20 सेमी से अधिक बारिश होने का अनुमान है।
मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कहा कि क्षेत्र में बचाव और पुनर्वास कार्यों के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। राज्य में आज से दो दिनों के राजकीय शोक की घोषणा की गई है।
चूरामला क्षेत्र में लोगों को रस्सियों और चरखी की मदद से उफनती नदी पार कराई गयी, क्योंकि नदी पर बना एक पुल अचानक आई बाढ़ में बह गया था। मलबे से कई लोगों को बचाया जा रहा है। सैकड़ों चिंतित परिजन अपने लापता रिश्तेदारों की तलाश में मेप्पाडी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इकट्ठा हो रहे हैं, जहां कई शव रखे गए हैं। इस बीच, कोझिकोड जिलाधिकारी ने लोगों से थमारसेरी घाट रोड का उपयोग न करने अपील की है, ताकि आपातकालीन वाहनों को यह मार्ग इस्तेमाल करने में कोई दिक्कत न हो।
कई जिला अधिकारियों ने जनता से पर्यटक स्थलों की यात्रा से बचने की भी अपील की है।
केरल में कल सुबह वायनाड में हुए भूस्खलन में मरने वालों की संख्या 150 हो गई है। तीनों सेनाओं के संयुक्त प्रयास से कई लोगों को सुरक्षित बचाया गया। भारतीय वायुसेना ने घायलों को हेलिकॉप्टर की मदद से अस्पताल पहुंचाया है। बाढ़ में बह गये एक पुराने पुल की जगह नदी पर एक अस्थायी पुल का भी निर्माण किया गया है।
सेना ने कहा कि मुंडक्कई गांव से लगभग 150 लोगों को बचाया गया है। जिन्हें चिकित्सा सहायता प्रदान कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। बचाव अभियान के लिए 225 कर्मियों को तैनात किया है। तिरुवनंतपुरम में 140 अन्य लोगों को अल्प सूचना पर हवाई मार्ग से ले जाने के लिए स्टैंडबाय पर रखा गया है। सेना मानवीय और आपदा राहत प्रयासों के समन्वय के लिए कोझिकोड में एक कमांड और नियंत्रण केंद्र भी स्थापित कर रही है।