
दुर्ग / छत्तीसगढ़ शासन गृह पुलिस विभाग ने महिला प्रधान आरक्षक 942 मोनिका सोनी उर्फ मोनिका गुप्ता को सेवा से बर्खास्त कर दिया है। विभागीय जांच में यह साबित हुआ कि उन्होंने एक व्यक्ति से नौकरी लगवाने के नाम पर अवैध रूप से रकम लेकर अपने पद का दुरुपयोग किया। एसएसपी विजय अग्रवाल ने उनके निलंबन का आदेश जारी किया है।
SSP विजय अग्रवाल ने बताया कि मोनिका सोनी पर आरोप था कि उन्होंने अभय कुमार की पुत्री प्रीति पटेल साहू को नौकरी दिलाने के नाम पर रकम ली और अपने पद का दुरुपयोग कर पुलिस नियमावली व सेवा आचरण नियम 1965 का उल्लंघन किया। इस मामले में शिकायत पर विभागीय जांच 28 अक्टूबर 2024 को प्रारंभ हुई। जांच के दौरान तत्कालीन पुलिस अधीक्षक व अन्य अधिकारियों के निर्देश पर साक्ष्य और गवाहों के बयान लिए गए।
जांच अधिकारी की रिपोर्ट में स्पष्ट हुआ कि मोनिका सोनी के खिलाफ लगे आरोप प्रमाणित हैं। मोनिका को 19 जुलाई 2025 को आरोपपत्र की प्रति प्रदान की गई थी, लेकिन उन्होंने निर्धारित समय में अपना पक्ष प्रस्तुत नहीं किया. इसके बाद 28 जुलाई 2025 को अंतिम स्मरण पत्र भी जारी किया गया, जिसका भी कोई जवाब नहीं दिया गया।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक द्वारा प्रस्तुत जांच प्रतिवेदन और साक्ष्यों के आधार पर यह सिद्ध हुआ कि मोनिका सोनी ने अपने पद का गंभीर दुरुपयोग करते हुए अवैध वसूली की. इस कृत्य को कदाचार और अनुशासनहीनता की श्रेणी में रखते हुए उनके आचरण को पुलिस विभाग के लिए अयोग्य माना।
इसके साथ ही उनकी निलंबन अवधि 22 अगस्त 2024 से 5 जून 2025 तक की अवधि को सेवा में गणना के लिए निलंबन माना गया है। आदेश की प्रति पुलिस महानिरीक्षक दुर्ग रेंज सहित संबंधित अधिकारियों को भेजी गई है. यह भी स्पष्ट किया गया है कि इस आदेश के विरुद्ध मोनिका सोनी 30 दिनों के भीतर आईजी के समक्ष अपील कर सकती हैं।