JANJGIR CHAMPA : डॉ पूर्णाश्री राउत ने अचंभित कर देने वाले भाव भंगिमा युक्त ओडिसी नृत्य से दर्शकों को किया मंत्र मुग्ध, लोक गायिका अलका चंद्राकर ने पारंपरिक गीत, कर्मा, ददरिया और जसगीत से समा बांधा
Janjgir Champa
जांजगीर-चांपा / जाज्वल्यदेव लोक महोत्सव एवं एग्रीटेक कृषि मेला 2024 के दूसरे दिन प्रसिद्ध ओडिसी नर्तक डॉ. पूर्णाश्री राउत ने भगवान को समर्पित धार्मिक पूजा गीत को ओडिसी नृत्य के माध्यम से प्रस्तुति दी। ओडिसी नृत्य कलाकार डॉ. पूर्णाश्री द्वारा मंच पर नृत्य का ऐसा रूप दर्शकों को देखने मिला कि सभी अपनी नजरें गड़ाए हुए उनके हर मुद्राओं और भाव-भंगिमाओं को कौतुहलवश निहारते रहे।
अचंभित कर देने वाले भाव भंगिमा युक्त ओडिसी नृत्य ने दर्शकों को मंत्र मुग्ध कर दिया। दर्शकगण भगवान की धार्मिक गीत आराधना देख भक्तिमय माहौल में डूब गए।
छत्तीसगढ़ की प्रसिद्ध गायिका अल्का चंद्राकर ने भी जाज्वल्यदेव लोक महोत्सव में अपने गायन से धूम मचाई। उनके द्वारा जसगीत के साथ यहां के लोगों के होंठो में बसे ढोल बाजे रे, नगाड़ा बाजे रे…, मीठ-मीठ लागे मया के बानी……जैसे छत्तीसगढ़ी गीतों को गाकर थिरकने और ताली बजाने को विवश किया।
अलका चंद्राकार ने छत्तीसगढ़ की पारंपरिक गीत, कर्मा, ददरिया और जस गीत से समा बांधा. अलका चंद्राकार के गीतों पर दर्शक अपने आप को रोक नहीं पाए और अपने सीट से उठकर झूमते नजर आए। इसके साथ ही स्थानीय कलाकारों द्वारा विभिन्न प्रस्तुतियां दी गई।