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पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को फांसी की सजा

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बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को पिछले साल जुलाई में उनकी सरकार के विरुद्ध हुए बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शनों के दौरान ‘मानवता के विरुद्ध अपराधों’ में दोषी पाए जाने के बाद सोमवार को एक विशेष अदालत ने उनकी गैरमौजूदगी में फांसी की सजा सुनाई।

अदालत के न्यायाधीश गोलाम मोर्तुजा मोजुमदार ने फैसले को सुनाते हुए कहा कि हसीना को ‘तीन मामलों में दोषी ठहराया गया है’, जिसमें उकसावे का काम, हत्याओं का आदेश देना और अत्याचारों को रोकने में विफलता शामिल है। उन्होंने स्पष्ट किया कि हमने उन्हें केवल एक ही सजा देने का फैसला किया है- वह है मृत्युदंड।

अदालत ने अपने फैसले में यह भी उल्लेख किया कि साक्ष्य मौजूद हैं जो दर्शाते हैं कि हसीना ने खुद ढाका में प्रदर्शनकारियों पर ड्रोन, हेलीकॉप्टर और घातक हथियारों का उपयोग करने का निर्देश दिया था। न्यायाधीश ने कहा कि आरोपी पूर्व प्रधानमंत्री ने ड्रोन, हेलीकॉप्टर और घातक हथियारों के इस्तेमाल का आदेश देकर मानवता के खिलाफ अपराध किया है। बांग्लादेश का घरेलू युद्ध अपराध न्यायालय, अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (आईसीटी-बीडी) ने राजधानी ढाका में सख्त सुरक्षा व्यवस्था के बीच यह ऐतिहासिक फैसला सुनाया।

बता दें कि यह निर्णय अगले साल होने वाले संसदीय चुनावों से महज कुछ महीने पहले आया है। फैसले से पहले ही अंतरिम सरकार ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे, जिसमें ढाका और देश के विभिन्न हिस्सों में अर्धसैनिक सीमा बल तथा पुलिस की तैनाती शामिल थी। गौरतलब है कि हसीना की अवामी लीग पार्टी ने इस फैसले के खिलाफ पूरे देश में बंद का आह्वान किया था।

फैसले पर क्या बोलीं शेख हसीना?
वहीं कोर्ट के फैसले को पूर्व प्रधानमंत्री ने ‘पक्षपातपूर्ण और राजनीतिक रूप से प्रेरित’ करार दिया। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, हसीना ने एक बयान जारी कर कहा कि मेरे विरुद्ध सुनाए गए फैसले एक ऐसे अदालत द्वारा दिए गए हैं, जिसकी स्थापना और अध्यक्षता एक गैर-निर्वाचित सरकार ने की है, जिसके पास कोई लोकतांत्रिक वैधता नहीं है। ये फैसले पूर्वाग्रहपूर्ण और राजनीति से प्रेरित हैं।

फैसले से ठीक पहले अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा था कि अवामी लीग को नष्ट करना इतना सरल नहीं है, क्योंकि यह मिट्टी और जनता की संतान है। यह किसी अवैध सत्ता हड़पने वाले की जेब से पैदा नहीं हुई। उन्होंने आगे कहा कि वे अवामी लीग को राजनीति से बाहर रखना चाहते हैं। उन्होंने इस पार्टी पर प्रतिबंध लगा दिया है। वे नहीं चाहते कि अवामी लीग चुनाव लड़े। वे इसके नेताओं और कार्यकर्ताओं पर अत्याचार कर इसकी जड़ें उखाड़ना चाहते हैं। लेकिन यह इतना आसान नहीं होगा। अवामी लीग जमीन से उपजी है और लोगों का हिस्सा है।

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